कैथल: जिले के गांव काकौत के डॉ. सुभाष चंद्र एचसीएस (एग्जीक्यूटिव) बन गए हैं. सिंचाई विभाग में फूल सिंह के बेटे डॉ. सुभाष चंद्र वर्ष 2011 में जेबीटी अध्यापक नियुक्त हुए थे. उसके बाद से ही उन्होंने एचसीएस की तैयारियां जारी रखी. तीसरे प्रयास में उन्होंने एचसीएस की परीक्षा पास की और साक्षात्कार के बाद आए परिणाम में जब उनका नाम घोषित हुआ तो समाज के लोगों में भी खुशी की लहर दौड़ गई.
रंग लाई डॉ. सुभाष की मेहनत
डॉ. सुभाष चंद्र ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि उनका सपना था कि वो हरियाणा सिविल सर्विसिज में जाएं. सुभाष ने अपनी 12 वीं तक की शिक्षा सरकारी स्कूल से की. 4 भाइयों में दूसरे नंबर पर डॉ. सुभाष ने बताया कि उनके बड़े भाई रामधारी टीवी मैकेनिक हैं. वो वर्ष 2011 में जेबीटी अध्यापक नियुक्त हुए थे. उनके छोटे भाई वीरकरण सेना में हैं और उनसे छोटे बृजपाल बी-टैक करने के बाद कंपीटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं.
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डॉ. सुभाष ने बताया कि वर्ष 2012 और 2014 में भी उन्होंने एचसीएस के एग्जाम दिए थे. जिसमें प्री-एग्जाम भी पास नहीं हुआ था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अपनी मेहनत के स्तर को ओर अधिक बढ़ा दिया. बतौर जेबीटी अध्यापक गुहला के गांव हेमू माजरा में ड्यूटी के बावजूद वो लगातार तैयारी करते रहे.
डाॉ. सुभाष ने कहा की उनकी पहली प्राथमिकता युवाओं को नशे से दूर रखना होगी. उनकी पत्नी कमलेश ने कहा कि मेरी इच्छा है की मेरे पति अपना काम पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से करें.