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डार्क जोन में धान की खेती को लेकर गुहला विधायक ने लिखा सीएम को पत्र

गुहला से विधायक इश्वर सिंह ने सीएम मनोहर लाल को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि उनके ब्लॉक में धान के अलावा और कोई फसल नहीं उगाई जा सकती. इसलिए सरकार अपने आदेश पर एक बार फिर पुनर्विचार करे.

डार्क जोन में धान की खेती को लेकर गुहला विधायक ने लिखा सीएम को पत्र
डार्क जोन में धान की खेती को लेकर गुहला विधायक ने लिखा सीएम को पत्र
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Published : May 7, 2020, 7:05 PM IST

कैथल: डार्क जोन को लेकर हरियाणा सरकार ने आदेश जारी किए हैं. सीएम ने कहा है कि जो भी क्षेत्र डार्क जोन में आते हैं, वहां धान की फसल ना लगाई जाए. अब इसको लेकर गुहला चीका से विधायक इश्वर सिंह ने सीएम को पत्र लिखा है.

उन्होंने बताया है कि गुहला और सीवन दो ब्लॉक हैं. गुहला हल्के की सारी सीमा पंजाब से लगती है और घग्गर दरिया हमारे एरिया को बीचों बीच विभाजित करता है. ये सारा फ्लड एरिया है. यहां बरसातों में हर साल फ्लड आता है, जिसकी वजह से यहां की जमीन डाकर व कलर वाली जमीन बन गई है.

उन्होंने लिखा कि इस जमीन में जीरी के अलावा कोई भी अन्य फसल नहीं हो सकती. फ्लड एरिया होने के कारण ये जमीन पानी नहीं पीती. अगर धान के अलावा मक्का, अरहर- व अन्य फसल यहां बिजी भी जाए तो जमीन उनको पकड़ नहीं करेगी.

आपको बता दें कि चीका एक ऐसा व्यवसाय का केंद्र है जहां राइस मिल की तादाद हरियाणा प्रांत में सबसे अधिक है और इस व्यवसाय के लिए कच्चा माल धान ही है. अगर पंचायत की जमीनों में जीरी की बजाय अन्य फसलों को लगाया जाएगा तो सारे राइस मिल फेल हो जाएंगे. यहां तक कि मजदूरों की रोजी-रोटी का सवाल भी खड़ा हो जाएगा.

जिसको लेकर विधायक गुहला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से एक पत्र के माध्यम से प्रार्थना की है कि उपरोक्त तथ्यों के आधार पर ब्लॉक गुहला और सीवन में धान के बजाय अन्य फसलों को उगाने के दिशा निर्देश जारी ना करें और इस पर पुनर्विचार करें.

कैथल: डार्क जोन को लेकर हरियाणा सरकार ने आदेश जारी किए हैं. सीएम ने कहा है कि जो भी क्षेत्र डार्क जोन में आते हैं, वहां धान की फसल ना लगाई जाए. अब इसको लेकर गुहला चीका से विधायक इश्वर सिंह ने सीएम को पत्र लिखा है.

उन्होंने बताया है कि गुहला और सीवन दो ब्लॉक हैं. गुहला हल्के की सारी सीमा पंजाब से लगती है और घग्गर दरिया हमारे एरिया को बीचों बीच विभाजित करता है. ये सारा फ्लड एरिया है. यहां बरसातों में हर साल फ्लड आता है, जिसकी वजह से यहां की जमीन डाकर व कलर वाली जमीन बन गई है.

उन्होंने लिखा कि इस जमीन में जीरी के अलावा कोई भी अन्य फसल नहीं हो सकती. फ्लड एरिया होने के कारण ये जमीन पानी नहीं पीती. अगर धान के अलावा मक्का, अरहर- व अन्य फसल यहां बिजी भी जाए तो जमीन उनको पकड़ नहीं करेगी.

आपको बता दें कि चीका एक ऐसा व्यवसाय का केंद्र है जहां राइस मिल की तादाद हरियाणा प्रांत में सबसे अधिक है और इस व्यवसाय के लिए कच्चा माल धान ही है. अगर पंचायत की जमीनों में जीरी की बजाय अन्य फसलों को लगाया जाएगा तो सारे राइस मिल फेल हो जाएंगे. यहां तक कि मजदूरों की रोजी-रोटी का सवाल भी खड़ा हो जाएगा.

जिसको लेकर विधायक गुहला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से एक पत्र के माध्यम से प्रार्थना की है कि उपरोक्त तथ्यों के आधार पर ब्लॉक गुहला और सीवन में धान के बजाय अन्य फसलों को उगाने के दिशा निर्देश जारी ना करें और इस पर पुनर्विचार करें.

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