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कैथल: इंतजार करते रह गए किसान, रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं हुई सरकारी खरीद

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Published : Sep 27, 2020, 10:45 PM IST

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने मौके पर जाकर फसल खरीद का जायजा लिया तो पता चला कि किसान पूरा दिन इंतजार करते रहे. लेकिन उनकी फसल नहीं बिकी.

ground report on Government procurement
ground report on Government procurement

कैथल: कृषि विधेयकों के विरोध के बीच सरकार ने रविवार से धान की फसल एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर खरीदने का एलान किया. सरकार के मुताबिक हरियाणा के चार जिले (अंबाला, कुरुक्षेत्र, जींद, कैथल) में मोटी धान की खरीद 1888 रुपये प्रति क्विंटल की एसएसपी से होगी. सरकार के एलान के बाद किसान धान की फसल लेकर मंडी पहुंचे, लेकिन खरीददार नहीं मिलने की वजह से उन्हें पूरा दिन इंतजार करना पड़ा.

तीन अध्यादेश जो अब विधेयक बन चुके हैं. उनपर किसानों के बढ़ते प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने आनन-फानन में एमएसपी बढ़ाने का एलान कर दिया. इसके बाद मोटी धान की खरीद करने के आदेश जारी कर दिए. लेकिन ना तो मंडी में कोई व्यवस्था दिखी. ना ही कोई खरीद एजेंसी.

धान खरीद का इंतजार करते रह गए किसान, देखें रिपोर्ट

एक तरफ सरकार कह रही है कि एमएसपी पर एक-एक दाना किसानों की फसल का खरीदा जाएगा तो दूसरी तरफ किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि उनका दाना-दाना कौन और कैसे खरीदेगा. इस बारे में जब हमने मार्केट कमेटी के सचिव से बात की तो उन्होंने नपा तुला जवाब देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली.

कैथल की अनाज मंडी में किसान पूरा दिन परेशान रहे. अधिकारियों से मुलाकात करते रहे और इंतजार करते रहे, किसानों ने कहा कि मजदूर धान को ट्रॉली में डालने के लिए 600 रुपये लेते हैं और मंडी में आने के 2000 रुपये लेते हैं. अगर उन्हें वापिस फसल घर ले जानी पड़ी तो उनका दोहरा नुकसान होगा.

ये भी पढ़ें- पर्यटन क्षेत्र पर कोरोना का 'महाप्रहार', छह महीने बाद भी ठप पड़ा कारोबार

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया और ये जानने की कोशिश की कि क्या किसानों की फसल एमएसपी पर बिक रही है. किसानों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पूरा दिन वो इंतजार करते रहे. लेकिन उनकी फसल नहीं बिकी. हालांकि जितने किसान अनाज मंडी में फसल लेकर आए हुए थे. सभी ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था. इसके बाद भी उनकी फसल नहीं बिकी.

कैथल: कृषि विधेयकों के विरोध के बीच सरकार ने रविवार से धान की फसल एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर खरीदने का एलान किया. सरकार के मुताबिक हरियाणा के चार जिले (अंबाला, कुरुक्षेत्र, जींद, कैथल) में मोटी धान की खरीद 1888 रुपये प्रति क्विंटल की एसएसपी से होगी. सरकार के एलान के बाद किसान धान की फसल लेकर मंडी पहुंचे, लेकिन खरीददार नहीं मिलने की वजह से उन्हें पूरा दिन इंतजार करना पड़ा.

तीन अध्यादेश जो अब विधेयक बन चुके हैं. उनपर किसानों के बढ़ते प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने आनन-फानन में एमएसपी बढ़ाने का एलान कर दिया. इसके बाद मोटी धान की खरीद करने के आदेश जारी कर दिए. लेकिन ना तो मंडी में कोई व्यवस्था दिखी. ना ही कोई खरीद एजेंसी.

धान खरीद का इंतजार करते रह गए किसान, देखें रिपोर्ट

एक तरफ सरकार कह रही है कि एमएसपी पर एक-एक दाना किसानों की फसल का खरीदा जाएगा तो दूसरी तरफ किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि उनका दाना-दाना कौन और कैसे खरीदेगा. इस बारे में जब हमने मार्केट कमेटी के सचिव से बात की तो उन्होंने नपा तुला जवाब देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली.

कैथल की अनाज मंडी में किसान पूरा दिन परेशान रहे. अधिकारियों से मुलाकात करते रहे और इंतजार करते रहे, किसानों ने कहा कि मजदूर धान को ट्रॉली में डालने के लिए 600 रुपये लेते हैं और मंडी में आने के 2000 रुपये लेते हैं. अगर उन्हें वापिस फसल घर ले जानी पड़ी तो उनका दोहरा नुकसान होगा.

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ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया और ये जानने की कोशिश की कि क्या किसानों की फसल एमएसपी पर बिक रही है. किसानों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पूरा दिन वो इंतजार करते रहे. लेकिन उनकी फसल नहीं बिकी. हालांकि जितने किसान अनाज मंडी में फसल लेकर आए हुए थे. सभी ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था. इसके बाद भी उनकी फसल नहीं बिकी.

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