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18 साल पहले जज के फर्जी साइन करके डॉक्टर्स ने ली थी छुट्टी और निकाले थे पैसे, अब हुई FIR

कहते हैं कि बुरे काम का बुरा नतीजा, कभी ना कभी सामने आ ही जाता है. ये कहावत एक डॉक्टर दंपति के लिए सच साबित हो गई है. क्योंकि इन्होंने 18 साल पहले जो घोटाला किया था उसमें अब FIR (Doctor couple FIR after 18 years) हुई है.

kaithal FIR
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Published : Aug 12, 2021, 8:48 PM IST

कैथलः जिले के एक डॉक्टर दंपति को अपनी करनी का फल 18 साल बाद खाना पड़ रहा है. दरअसल इस दंपति ने 2003 में एक घोटाला किया था. जब कैथल से डॉ. नीलम कक्कड़ और डॉक्टर बीबी कक्कड़ का ट्रांसफर गुरुग्राम कर दिया गया तो इन दोनों ने अस्पताल में ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और लगातार गुहला कोर्ट में गवाही दिखाते रहे. यहां तक कि इन्होंने जजों के फर्जी दस्तखत करके अटेंडेंट सर्टिफिकेट(kaithal doctor couple fir fake sign judge) भी दिखा दिया. इसके जब गुरुग्राम के तत्कालीन सीएमओ को शक हुआ तो उन्होंने गुहला कोर्ट में जजों से पत्र लिखकर पूछा कि क्या इन दो डॉक्टर्स का कोई केस आपके यहां नहीं चल रहा है और ना ही ये यहां कभी आये हैं.

इन दोनों पति-पत्नी डॉक्टर्स ने सिर्फ फर्जी साइन करके ड्यूटी ही ज्वाइन नहीं की बल्कि इन्होंने टीए/डीए भी निकाला. लेकिन उस वक्त इनके रसूख की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद 2020 में एक आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल को इसकी भनक लग गई तो उन्होंने इससे जुड़े तमाम दस्तावेज इकट्ठे किये और कैथल सेशन कोर्ट(kaithal court), पुलिस अधीक्षक और सीएम विंडो पर इसकी शिकायत कर दी. जिसके बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य महानिदेशक सेवाएं हरियाणा को ये शिकायत भेज दी. लेकिन कैथल पुलिस ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया.

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डॉक्टर पति-पत्नी पर होगी FIR

इतना ही नहीं कैथल पुलिस ने इस शिकायत को निराधार मानकर दफ्तर भी दाखिल कर दिया. इसके बाद आरटीआई कार्यकरता जयपाल ने दोनों डॉक्टरों पर एफआईआर के लिए कैथल कोर्ट का रुख किया, जहां कोर्ट ने अब इस डॉक्टर दंपति पर जज के फर्जी दस्तखत करने के मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दिये हैं. इस तरह ये दोनों डॉक्टर पति-पत्नी 18 साल बाद एक ऐसे केस में फंस गए हैं जिसे ये खत्म मानकर चल रहे थे.

ये भी पढ़ेंः Constable Paper Leak: पुलिसकर्मी ने ही लीक करवाया था कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर, ऐसे रची थी साजिश

कैथलः जिले के एक डॉक्टर दंपति को अपनी करनी का फल 18 साल बाद खाना पड़ रहा है. दरअसल इस दंपति ने 2003 में एक घोटाला किया था. जब कैथल से डॉ. नीलम कक्कड़ और डॉक्टर बीबी कक्कड़ का ट्रांसफर गुरुग्राम कर दिया गया तो इन दोनों ने अस्पताल में ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और लगातार गुहला कोर्ट में गवाही दिखाते रहे. यहां तक कि इन्होंने जजों के फर्जी दस्तखत करके अटेंडेंट सर्टिफिकेट(kaithal doctor couple fir fake sign judge) भी दिखा दिया. इसके जब गुरुग्राम के तत्कालीन सीएमओ को शक हुआ तो उन्होंने गुहला कोर्ट में जजों से पत्र लिखकर पूछा कि क्या इन दो डॉक्टर्स का कोई केस आपके यहां नहीं चल रहा है और ना ही ये यहां कभी आये हैं.

इन दोनों पति-पत्नी डॉक्टर्स ने सिर्फ फर्जी साइन करके ड्यूटी ही ज्वाइन नहीं की बल्कि इन्होंने टीए/डीए भी निकाला. लेकिन उस वक्त इनके रसूख की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद 2020 में एक आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल को इसकी भनक लग गई तो उन्होंने इससे जुड़े तमाम दस्तावेज इकट्ठे किये और कैथल सेशन कोर्ट(kaithal court), पुलिस अधीक्षक और सीएम विंडो पर इसकी शिकायत कर दी. जिसके बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य महानिदेशक सेवाएं हरियाणा को ये शिकायत भेज दी. लेकिन कैथल पुलिस ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया.

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डॉक्टर पति-पत्नी पर होगी FIR

इतना ही नहीं कैथल पुलिस ने इस शिकायत को निराधार मानकर दफ्तर भी दाखिल कर दिया. इसके बाद आरटीआई कार्यकरता जयपाल ने दोनों डॉक्टरों पर एफआईआर के लिए कैथल कोर्ट का रुख किया, जहां कोर्ट ने अब इस डॉक्टर दंपति पर जज के फर्जी दस्तखत करने के मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दिये हैं. इस तरह ये दोनों डॉक्टर पति-पत्नी 18 साल बाद एक ऐसे केस में फंस गए हैं जिसे ये खत्म मानकर चल रहे थे.

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