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गुहला चीका में रिलायंस पेट्रोल पंप के बाहर चल रहा किसानों का धरना 59वें दिन भी जारी

गुहला चीका मे कृषि कानून के खिलाफ रिलायंस पेट्रोल पंप के बाहर चल रहा धरना आज 59 दिन में प्रवेश कर गया हैं

guhla cheeka farmers protest
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Published : Feb 11, 2021, 8:28 PM IST

गुहला चीका: भारतीय किसान यूनियन एकता व खेती बचाओ देश बचाओ संघर्ष समिति द्वारा कृषि बिलों के खिलाफ रिलायंस पेट्रोल पंप चीका के बाहर चल रहा धरना आज 59 दिन में प्रवेश कर गया हैं आज धरने पर भारतीय किसान यूनियन एकता की गुहला इकाई के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की. धरने की अध्यक्षता हरजिंदर सिंह संधू और मंच संचालन चरणजीत कौर चांणचक ने किया. धरने को मुख्य रूप से कामरेड कुंदनलाल, बलवीर सिंह, कश्मीर सिंह, हरविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, राजवीर चौधरी आदि ने संबोधित किया.

ये भी पढ़ें:'हर क्षेत्र का निजीकरण चाहती है सरकार, एमएसपी के नाम पर कर रही गुमराह'

धरने पर बैठे वक्ताओं ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जब संसद में बोलते हैं तो वे किसानों के आंदोलन करने का मजाक उड़ाते हैं लेकिन कभी भी यह नहीं बताते कि यह कानून जब पास किए गए तो उससे पहले किन-किन किसान यूनियन से बात की गई और किसानों और सरकार के बीच 10 दौर की बातचीत में किसानों ने क्या एतराज उठाएं.
ये भी पढ़ें:पलवल में NH-19 पर चल रहा किसानों का धरना दसवें दिन भी जारी
किसान नेता ने प्रधानमंत्री की भाषा शैली और किसानों का मजाक उड़ाने की घोर निंदा की, किसान वक्ताओं ने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री झूठ का सहारा लेकर सांसदों सहित देश की जनता को मूर्ख बना रहे हैं लेकिन अब देश की जनता विशेषकर किसानों उनकी बात पर विश्वास नही करेंगे बल्कि इस प्रकार के बयानों से जनता में और भी गुस्सा उभरता है.

गुहला चीका: भारतीय किसान यूनियन एकता व खेती बचाओ देश बचाओ संघर्ष समिति द्वारा कृषि बिलों के खिलाफ रिलायंस पेट्रोल पंप चीका के बाहर चल रहा धरना आज 59 दिन में प्रवेश कर गया हैं आज धरने पर भारतीय किसान यूनियन एकता की गुहला इकाई के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की. धरने की अध्यक्षता हरजिंदर सिंह संधू और मंच संचालन चरणजीत कौर चांणचक ने किया. धरने को मुख्य रूप से कामरेड कुंदनलाल, बलवीर सिंह, कश्मीर सिंह, हरविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, राजवीर चौधरी आदि ने संबोधित किया.

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धरने पर बैठे वक्ताओं ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जब संसद में बोलते हैं तो वे किसानों के आंदोलन करने का मजाक उड़ाते हैं लेकिन कभी भी यह नहीं बताते कि यह कानून जब पास किए गए तो उससे पहले किन-किन किसान यूनियन से बात की गई और किसानों और सरकार के बीच 10 दौर की बातचीत में किसानों ने क्या एतराज उठाएं.
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किसान नेता ने प्रधानमंत्री की भाषा शैली और किसानों का मजाक उड़ाने की घोर निंदा की, किसान वक्ताओं ने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री झूठ का सहारा लेकर सांसदों सहित देश की जनता को मूर्ख बना रहे हैं लेकिन अब देश की जनता विशेषकर किसानों उनकी बात पर विश्वास नही करेंगे बल्कि इस प्रकार के बयानों से जनता में और भी गुस्सा उभरता है.

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