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केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों में रोष, काले झंडे लेकर किया प्रदर्शन

कैथल में रविवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान, आढ़ती और मजदूर वर्ग ने मिलकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये सभी केंद्र सरकार के लाए गए तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं.

farmers protested against the three ordinances
farmers protested against the three ordinances
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Published : Aug 16, 2020, 7:46 AM IST

कैथल: रविवार को किसान आढ़ती और मजदूर तीनों वर्गों ने मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों के मुताबिक सरकार कोरोना की आड़ में तीन अध्यादेश लेकर आई है. जिसके खिलाफ वो प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि इस कोरोना काल में सरकार को अच्छे फैसले लेने चाहिए थे, लेकिन ये सरकार जो तीन अध्यादेश किसानों के लिए ले कर आई है. उसे किसान को काफी नुकसान होगा. जिसका वो लोग विरोध कर रहे हैं. ये प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किया गया.

केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों में रोष

भारतीय किसान यूनियन ने ये प्रदर्शन काले झंडे लगाकर किया और इसमें उन्होंने कृषि ऑर्डिनेंस की कॉपियां जलाकर विरोध जताया. किसान नेता होशियार सिंह ने कहा कि किसानों की मांग है कि सरकार जो तीन अध्यादेश किसानों के लिए लेकर आई है. इन तीनों अध्यादेशों को सरकार खारिज करें. वरना आने वाले समय में किसान बड़ा आंदोलन कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार जो अध्यादेश लेकर आई है इससे किसान अपनी खेती को छोड़ने पर मजबूर हो जाएगा, वो अपनी खेती नहीं करे सकेंगे. किसान अन्न नहीं उगएगा तो भारतवासी अन्न कहां से खाएंगे. इस पर सरकार को विचार करने चाहिए. इसी मुद्दे को लेकर आने वाली 17 तारीख को सिरसा में अन्य संगठनों के साथ एक मीटिंग की जाएगी और भविष्य के लिए उस मीटिंग में ही फैसला लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने मारुति कंपनी के सामने प्लांट शिफ्ट करने के लिए रखे 3 विकल्प

रविवार को किसानों ने ट्रैक्टर-टॉली पर प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में आढ़ती वर्ग और मजदूर वर्ग दोनों इसमें शामिल हए. प्रदर्शन करने के बाद किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

आइए जानते हैं कि ये तीनों अध्यादेश क्या-क्या हैं?

तीन जून को केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए और मार्केटिंग व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए तीन अध्यादेश पारित किया था. सरकार इसे ‘एक राष्ट्र, एक कृषि बाजार’ बनाने की ओर बढ़ते कदम के रूप में पेश कर रही है.

  1. पहला, मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है, जिसके जरिये खाद्य पदार्थों की जमाखोरी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया. इसका मतलब है कि अब व्यापारी असीमित मात्रा में अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल प्याज और आलू को इकट्ठा करके रख सकते हैं.
  2. दूसरा, सरकार ने एक नया कानून- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 पेश किया है, जिसका उद्देश्य कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी मंडियों) के बाहर भी कृषि उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था तैयार करना है.
  3. तीसरा, केंद्र ने एक और नया कानून- मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020– पारित किया है, जो कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को कानूनी वैधता प्रदान करता है ताकि बड़े बिजनेस और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर जमीन लेकर खेती कर सकें.

कैथल: रविवार को किसान आढ़ती और मजदूर तीनों वर्गों ने मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों के मुताबिक सरकार कोरोना की आड़ में तीन अध्यादेश लेकर आई है. जिसके खिलाफ वो प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि इस कोरोना काल में सरकार को अच्छे फैसले लेने चाहिए थे, लेकिन ये सरकार जो तीन अध्यादेश किसानों के लिए ले कर आई है. उसे किसान को काफी नुकसान होगा. जिसका वो लोग विरोध कर रहे हैं. ये प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किया गया.

केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों में रोष

भारतीय किसान यूनियन ने ये प्रदर्शन काले झंडे लगाकर किया और इसमें उन्होंने कृषि ऑर्डिनेंस की कॉपियां जलाकर विरोध जताया. किसान नेता होशियार सिंह ने कहा कि किसानों की मांग है कि सरकार जो तीन अध्यादेश किसानों के लिए लेकर आई है. इन तीनों अध्यादेशों को सरकार खारिज करें. वरना आने वाले समय में किसान बड़ा आंदोलन कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार जो अध्यादेश लेकर आई है इससे किसान अपनी खेती को छोड़ने पर मजबूर हो जाएगा, वो अपनी खेती नहीं करे सकेंगे. किसान अन्न नहीं उगएगा तो भारतवासी अन्न कहां से खाएंगे. इस पर सरकार को विचार करने चाहिए. इसी मुद्दे को लेकर आने वाली 17 तारीख को सिरसा में अन्य संगठनों के साथ एक मीटिंग की जाएगी और भविष्य के लिए उस मीटिंग में ही फैसला लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने मारुति कंपनी के सामने प्लांट शिफ्ट करने के लिए रखे 3 विकल्प

रविवार को किसानों ने ट्रैक्टर-टॉली पर प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में आढ़ती वर्ग और मजदूर वर्ग दोनों इसमें शामिल हए. प्रदर्शन करने के बाद किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

आइए जानते हैं कि ये तीनों अध्यादेश क्या-क्या हैं?

तीन जून को केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए और मार्केटिंग व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए तीन अध्यादेश पारित किया था. सरकार इसे ‘एक राष्ट्र, एक कृषि बाजार’ बनाने की ओर बढ़ते कदम के रूप में पेश कर रही है.

  1. पहला, मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है, जिसके जरिये खाद्य पदार्थों की जमाखोरी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया. इसका मतलब है कि अब व्यापारी असीमित मात्रा में अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल प्याज और आलू को इकट्ठा करके रख सकते हैं.
  2. दूसरा, सरकार ने एक नया कानून- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 पेश किया है, जिसका उद्देश्य कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी मंडियों) के बाहर भी कृषि उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था तैयार करना है.
  3. तीसरा, केंद्र ने एक और नया कानून- मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020– पारित किया है, जो कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को कानूनी वैधता प्रदान करता है ताकि बड़े बिजनेस और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर जमीन लेकर खेती कर सकें.
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