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कैथल: गेहूं काटने के लिए किसान करवा रहे अपने कृषि यंत्रों की मरम्मत

लॉकडाउन के कारण हरियाणा के किसानों के सामने बड़ी समस्या आकर खड़ी हो गई है. किसान को गेहूं की फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. यहां तक फसल की कटाई के लिए मशीनें भी उपलब्ध नहीं हैं.

Farmers are repairing their agricultural machinery to cut wheat
Farmers are repairing their agricultural machinery to cut wheat
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Published : Apr 10, 2020, 7:16 PM IST

कैथल: लॉकडाउन का समय ऐसा चल रहा है कि हर वर्ग के सामने काफी परेशानियां खड़ी हो गई हैं. अगर हम किसानों की बात करें, किसानों की गेहूं की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है.

अगर किसान अपनी फसल हाथ से काटना चाहें तो हाथ से काटने के लिए वो बिल्कुल तैयार हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान समस्या ये आ रही है कि किसानों को मजदूर नहीं मिल रहें हैं और ना ही अब अन्य किसी राज्य से मजदूर काम करने के लिए आ रहे हैं.

कैथल: गेहूं काटने के लिए किसान करवा रहे अपने कृषि यंत्रों की मरम्मत

हरियाणा सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए उनको कहा है कि आप लोग अपने कृषि यंत्र से अपनी फसल जरूर कटवा सकते हैं या फिर कोई किसान अपने परिवार के सदस्यों के साथ फसल काटना चाहे तो वो भी हाथ से कटाई कर सकता है, लेकिन मजदूर से कटाई करना अनिवार्य नहीं है.

वहीं, अब किसान अपने गेहूं के कटाई के कृषि यंत्रों को ठीक कराने के लिए गैराज पर लेकर आ रहे हैं और उनकी मरम्मत करा रहे हैं, ताकि वो अपने गेहूं की फसल काटकर अपने पशुओं के लिए थोड़ी अच्छी तरह से बना सकें.

ईटीवी भारत ने जब एक किसान से बात की जो अपने यंत्र ठीक कराने के लिए गैराज में कैथल में आया हुआ था तो उन्होंने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में अगर सरकार ने उसे भी गेहूं काटने की मंजूरी दे दी है तो वो भी बहुत अच्छी बात है और गेहूं किसान आगे पीछे कटवा भी सकता है, लेकिन उसके बाद जो बड़ी समस्या है वो है गेहूं की मंडी में बेचने की समस्या.

हालांकि, सरकार ने कहा था कि 3 गांव का एक सेंटर बनाया जाएगा. जहां पर किसान अपनी गेहूं बेच सकेंगे. उनको मंडी में जाने की जरूरत नहीं, होगी लेकिन समस्या ये है कि उस प्रणाली के बारे में किसानों को पता नहीं है कि किस हिसाब से उनकी गेहूं की खरीद सरकार करेगी.

कैथल: लॉकडाउन का समय ऐसा चल रहा है कि हर वर्ग के सामने काफी परेशानियां खड़ी हो गई हैं. अगर हम किसानों की बात करें, किसानों की गेहूं की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है.

अगर किसान अपनी फसल हाथ से काटना चाहें तो हाथ से काटने के लिए वो बिल्कुल तैयार हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान समस्या ये आ रही है कि किसानों को मजदूर नहीं मिल रहें हैं और ना ही अब अन्य किसी राज्य से मजदूर काम करने के लिए आ रहे हैं.

कैथल: गेहूं काटने के लिए किसान करवा रहे अपने कृषि यंत्रों की मरम्मत

हरियाणा सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए उनको कहा है कि आप लोग अपने कृषि यंत्र से अपनी फसल जरूर कटवा सकते हैं या फिर कोई किसान अपने परिवार के सदस्यों के साथ फसल काटना चाहे तो वो भी हाथ से कटाई कर सकता है, लेकिन मजदूर से कटाई करना अनिवार्य नहीं है.

वहीं, अब किसान अपने गेहूं के कटाई के कृषि यंत्रों को ठीक कराने के लिए गैराज पर लेकर आ रहे हैं और उनकी मरम्मत करा रहे हैं, ताकि वो अपने गेहूं की फसल काटकर अपने पशुओं के लिए थोड़ी अच्छी तरह से बना सकें.

ईटीवी भारत ने जब एक किसान से बात की जो अपने यंत्र ठीक कराने के लिए गैराज में कैथल में आया हुआ था तो उन्होंने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में अगर सरकार ने उसे भी गेहूं काटने की मंजूरी दे दी है तो वो भी बहुत अच्छी बात है और गेहूं किसान आगे पीछे कटवा भी सकता है, लेकिन उसके बाद जो बड़ी समस्या है वो है गेहूं की मंडी में बेचने की समस्या.

हालांकि, सरकार ने कहा था कि 3 गांव का एक सेंटर बनाया जाएगा. जहां पर किसान अपनी गेहूं बेच सकेंगे. उनको मंडी में जाने की जरूरत नहीं, होगी लेकिन समस्या ये है कि उस प्रणाली के बारे में किसानों को पता नहीं है कि किस हिसाब से उनकी गेहूं की खरीद सरकार करेगी.

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