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लॉकडाउन: कैथल में प्रवासी मजदूरों के दर्द से रूबरू हुआ ईटीवी भारत, समझिए इनका दर्द - latest lockdown news kaithal

कैथल में ईटीवी भारत ने प्रवासी मजदूरों के दर्द से रूबरू होने की कोशिश की. प्रवासी मजदूरों ने कैमरे के सामने अपना दर्द बयां किया. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम में उन्हें अपने बच्चों और परिवार की चिंता सोने नही देती. पता नही किस हाल में होंगे परिवार के सदस्य.

ETV bharat talks to migrant workers during lockdown in kaithal
लॉकडाउन: कैथल में प्रवासी मजदूरों के दर्द से रूबरू हुआ ईटीवी भारत
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Published : Apr 8, 2020, 5:10 PM IST

कैथल: प्रदेशभर में लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों को हर संभव मदद दी जा रही है. ताकि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोका जा सके. वहीं कैथल में प्रवासी मजदूरों को प्रशासन की सहायता से शेल्टर होम ठहराया जा रखा है. जहां पर इन्हें सभी सुविधाएं दी जा रहीं हैं. लेकिन इसके बावजूद भी प्रवासी मजदूरों को अपने – अपने गांव जाने चिंता सता रही है. वो अपने गांव जाने के लिए आतुर दिखाई दे रहें हैं.

प्रवासी मजदूरों में कुछ किसान भी हैं. जिन्होंने अपने खेतों में फसल लगाई हुई है. उन्हें फसल की कटाई को लेकर हर टाइम चिंता रहती है.वो लॉकडाउन समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि घर जाकर अपनी फसल की कटाई कर सकें. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अगले एक-दो हफ्ते में घर नही गए तो उनकी फसल खराब होने लगेगी. उनका कहना है कि खेतों में जो भी अन्न होता वो खराब हो जाएगा.

लॉकडाउन: कैथल में प्रवासी मजदूरों के दर्द से रूबरू हुआ ईटीवी भारत
वहीं ईटीवी भारत ने ऐसे लोगों से बात की जो लॉकडाउन के दौरान पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में जाने के लिए कैथल से गुजर रहे थे. प्रशासन द्वारा उन्हें यहीं रोककर शेल्टर होम में रूकने निर्देश दिए गए. जहां उनके लिए रहने और खाने-पीने का प्रबंध किया गया. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रवासी मजदूरों ने अपना –अपना दर्द कैमरे के सामने बयां किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उनके बच्चे और परिवार पता नही किस हाल में होंगे. ये भी पढ़ेंः लॉकडाउनः इन दो बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अधर में छोड़ा, पानी पीकर काट रहे वक्तकैथल प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के रहने के लिए अलग-अलग स्थानों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं. जहां उनके खाने पीने और रहने का प्रबंध किया गया है. सारी सुविधाएं मिलने के बाद भी इन लोगों को घर चिंता रहती है. जहां ये लोग रोज भगवान से बस यही प्रार्थना करते हैं कि हे ईश्वर इस महामारी से संपूर्ण विश्व को निजात दिला. ताकि वो हंसी खुशी अपने घर जा सके.

कैथल: प्रदेशभर में लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों को हर संभव मदद दी जा रही है. ताकि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोका जा सके. वहीं कैथल में प्रवासी मजदूरों को प्रशासन की सहायता से शेल्टर होम ठहराया जा रखा है. जहां पर इन्हें सभी सुविधाएं दी जा रहीं हैं. लेकिन इसके बावजूद भी प्रवासी मजदूरों को अपने – अपने गांव जाने चिंता सता रही है. वो अपने गांव जाने के लिए आतुर दिखाई दे रहें हैं.

प्रवासी मजदूरों में कुछ किसान भी हैं. जिन्होंने अपने खेतों में फसल लगाई हुई है. उन्हें फसल की कटाई को लेकर हर टाइम चिंता रहती है.वो लॉकडाउन समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि घर जाकर अपनी फसल की कटाई कर सकें. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अगले एक-दो हफ्ते में घर नही गए तो उनकी फसल खराब होने लगेगी. उनका कहना है कि खेतों में जो भी अन्न होता वो खराब हो जाएगा.

लॉकडाउन: कैथल में प्रवासी मजदूरों के दर्द से रूबरू हुआ ईटीवी भारत
वहीं ईटीवी भारत ने ऐसे लोगों से बात की जो लॉकडाउन के दौरान पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में जाने के लिए कैथल से गुजर रहे थे. प्रशासन द्वारा उन्हें यहीं रोककर शेल्टर होम में रूकने निर्देश दिए गए. जहां उनके लिए रहने और खाने-पीने का प्रबंध किया गया. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रवासी मजदूरों ने अपना –अपना दर्द कैमरे के सामने बयां किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उनके बच्चे और परिवार पता नही किस हाल में होंगे. ये भी पढ़ेंः लॉकडाउनः इन दो बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अधर में छोड़ा, पानी पीकर काट रहे वक्तकैथल प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के रहने के लिए अलग-अलग स्थानों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं. जहां उनके खाने पीने और रहने का प्रबंध किया गया है. सारी सुविधाएं मिलने के बाद भी इन लोगों को घर चिंता रहती है. जहां ये लोग रोज भगवान से बस यही प्रार्थना करते हैं कि हे ईश्वर इस महामारी से संपूर्ण विश्व को निजात दिला. ताकि वो हंसी खुशी अपने घर जा सके.
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