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गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट में छोड़ा कॉटन, खतरे में पड़ी जच्चा बच्चा की जान

कैथल में डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान खतरे में पड़ गई है. दरअसल, निजी अस्पताल के डॉक्टर डिलीवरी के दौरान महिला के प्राइवेट पार्ट से कॉटन निकालना भूल गए. जिससे महिला और उसके बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है.

Doctor negligence in Kaithal
कैथल में डॉक्टर की लापरवाही
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Published : Aug 16, 2022, 6:09 PM IST

कैथल: हरियाणा के कैथल में एक डॉक्टर की लापरवाही सामने आई है. मरीज के परिजनों का आरोप है कि कैथल में डॉक्टर की लापरवाही (Doctor negligence in Kaithal) के चलते गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान पर बन आई है. एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण एक महिला और उसका नवजात बच्चा आज जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं.

बीते 2 अगस्त को कैथल के करोड़ा गांव (Crora Village Kaithal Haryana) की रहने वाली एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला को कैथल के करनाल रोड स्थित प्राइवेट अस्पताल में उसकी डिलीवरी के लिए लाया गया था. डिलीवरी से पहले डॉक्टर ने परिजनों को आश्वासन दिया था कि वह बिल्कुल नॉर्मल डिलीवरी करवाएंगे. लेकिन डिलीवरी के बाद महिला और उसका बच्चा खतरे में आ गये.

गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट में छोड़ा कॉटन

परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब महिला की डिलीवरी हुई तो डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट में कट लगाकर उसके अंदर कॉटन लगा दी और उसको निकालना भूल गए. जब महिला की कई दिनों तक तकलीफ कम नहीं हुई तो पीड़िता ने अपने पति को इस बारे में बताया. उसके बाद परिजन महिला को उसी हॉस्पिटल में कई बार दिखाने के लिए ले गए. इसके बाद भी डॉक्टरों ने महिला को बिल्कुल ठीक बताकर वापस भेज दिया. महिला की बढ़ती तकलीफ को देखते हुए परिजनों ने उसे दूसरे निजी अस्पताल में दिखाया. निजी अस्पताल के डॉक्टर ने महिला के चेकअप के दौरान पाया कि जिस डॉक्टर ने उसकी डिलीवरी की है उसने कॉटन वहीं छोड़ दी है. इसके बाद डॉक्टर ने महिला के प्राइवेट पार्ट से कॉटन को निकाल दिया.

Doctor negligence in Kaithal
लापरवाह डॉक्टर ने प्राइवेट पार्ट में छोड़ा कॉटन

परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की हालत गंभीर है, जिसके जिम्मेदार हॉस्पिटल के डॉक्टर है. परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि और लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ ना हो. मामले को लेकर जब हॉस्पिटल के डॉक्टर एसपी सिंह से बात की गई तो पहले उन्होंने अपने अस्पताल में डिलीवरी होने की बात से ही इनकार कर दिया. जब परिजनों द्वारा उनको डिस्चार्ज स्लिप दिखाई गई तो उन्होंने परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताया.

कैथल: हरियाणा के कैथल में एक डॉक्टर की लापरवाही सामने आई है. मरीज के परिजनों का आरोप है कि कैथल में डॉक्टर की लापरवाही (Doctor negligence in Kaithal) के चलते गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान पर बन आई है. एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण एक महिला और उसका नवजात बच्चा आज जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं.

बीते 2 अगस्त को कैथल के करोड़ा गांव (Crora Village Kaithal Haryana) की रहने वाली एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला को कैथल के करनाल रोड स्थित प्राइवेट अस्पताल में उसकी डिलीवरी के लिए लाया गया था. डिलीवरी से पहले डॉक्टर ने परिजनों को आश्वासन दिया था कि वह बिल्कुल नॉर्मल डिलीवरी करवाएंगे. लेकिन डिलीवरी के बाद महिला और उसका बच्चा खतरे में आ गये.

गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट में छोड़ा कॉटन

परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब महिला की डिलीवरी हुई तो डॉक्टरों ने प्राइवेट पार्ट में कट लगाकर उसके अंदर कॉटन लगा दी और उसको निकालना भूल गए. जब महिला की कई दिनों तक तकलीफ कम नहीं हुई तो पीड़िता ने अपने पति को इस बारे में बताया. उसके बाद परिजन महिला को उसी हॉस्पिटल में कई बार दिखाने के लिए ले गए. इसके बाद भी डॉक्टरों ने महिला को बिल्कुल ठीक बताकर वापस भेज दिया. महिला की बढ़ती तकलीफ को देखते हुए परिजनों ने उसे दूसरे निजी अस्पताल में दिखाया. निजी अस्पताल के डॉक्टर ने महिला के चेकअप के दौरान पाया कि जिस डॉक्टर ने उसकी डिलीवरी की है उसने कॉटन वहीं छोड़ दी है. इसके बाद डॉक्टर ने महिला के प्राइवेट पार्ट से कॉटन को निकाल दिया.

Doctor negligence in Kaithal
लापरवाह डॉक्टर ने प्राइवेट पार्ट में छोड़ा कॉटन

परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की हालत गंभीर है, जिसके जिम्मेदार हॉस्पिटल के डॉक्टर है. परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि और लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ ना हो. मामले को लेकर जब हॉस्पिटल के डॉक्टर एसपी सिंह से बात की गई तो पहले उन्होंने अपने अस्पताल में डिलीवरी होने की बात से ही इनकार कर दिया. जब परिजनों द्वारा उनको डिस्चार्ज स्लिप दिखाई गई तो उन्होंने परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताया.

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