कैथल: जैसे ही जिला सचिवालय में चेतावनी सायरन बजा तो लघु सचिवालय के सभी अधिकारी, कर्मचारी तथा अपने कार्य के लिए आए हुए आम जन प्राकृतिक आपदा होने के अंदेशे से बाहर दौड़ते हुए नजर आए. कुछ ही देर बाद लघु सचिवालय में एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और लघु सचिवालय में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और मौके से चार व्यक्तियों को बाहर निकालकर प्राथमिक चिकित्सा देकर जिला नागरिक अस्पताल में भेजा गया, जिसे देखकर सभी लोग हैरान थे और एक दूसरे से सवाल कर रहे थे, मौका था जिला स्तरीय मॉक ड्रिल का.
प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. उपायुक्त सुजान सिंह के निर्देशानुसार एक पूरा प्लान तैयार किया गया, जिसके तहत पूरी मॉक ड्रिल संपन्न हुई.
उपायुक्त सुजान सिंह ने कहा कि कोई भी प्राकृतिक आपदा का आभास पूर्व में नहीं होता है, ये घटना एक दम से घटती है, जिसके बचाव के लिए जिला स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, ताकि सभी प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को आपदा से निपटने के उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जा सके और प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के जिला में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करके देखा जा सके.
मॉक ड्रिल के दौरान सुबह 10 बजे सायरन के माध्यम से लघु सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा आंगुतकों को भूकंप आने की चेतावनी दी गई. उपमंडलाधीश कमलप्रीत कौर, नगराधीश सुरेश राविश तथा डीएसपी कुलवंत सिंह ने सभी को लघु सचिवालय से सुरक्षित बाहर निकाला. महाराजा सूरजमल जाट स्टेडियम में स्टेजिंग एरिया और रिलीफ एरिया स्थापित किया गया, जहां पर शुगर के एमडी जगदीप सिंह ने वायरलैस पर सूचना मिलते ही तुरंत क्विक रिस्पोंस टीम को लघु सचिवालय रवाना किया.
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सचिवालय से चार व्यक्तियों को बाहर निकाला गया, जिनमें से एक व्यक्ति को ज्यादा चोटें लगने के कारण पीजीआई रैफर किया गया तथा तीन व्यक्तियों को उपचार उपरांत डिस्चार्ज कर दिया गया. उपायुक्त ने कहा कि मॉक ड्रिल करने का उद्देश्य ये रहा कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा होने के बाद हम उससे कैसे निपटे, ऐसी स्थिति में किसी को घबराना नहीं चाहिए और सयम से कार्य करना चाहिए, संपूर्ण मॉक ड्रिल पूरी तरह से ठीक संपन्न हुई.
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