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इंतजार खत्म! कैथल शहर में होंगे 10 करोड़ रुपये के विकास कार्य, टेंडर प्रक्रिया शुरू - Kaithal Development Work

नगर परिषद पार्षदों की डिमांड के बाद अब कैथल शहर में 10 करोड़ रुपये के विकास कार्य होंगे. सीएम मनोहर लाल ने साल 2019 में ये राशि अलॉट की थी.

kaithal nagar parishad
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Published : Jan 21, 2021, 3:46 PM IST

कैथल: करीब डेढ़ साल पहले सीएम मनोहर लाल ने कैथल शहर में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये की घोषणा की थी. लेकिन पार्षदों के आपसी खींचतान के चलते ये राशि खर्च नहीं हो सकी. अब जब पार्षदों के कार्यकाल के कुछ महीने बचे हैं तो इस राशि से विकास कार्य करवाए जाने की प्लानिंग चल रही है.

नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार इन कार्यां के लिए पार्षदों से डिमांड मांगी गई थी. जिसके बाद 22 कार्यों की सूची तैयार की गई है. इस सूची को अभी फाइनल नहीं किया है. बताया गया है कि जल्द ही कामों को फाइनल करके इसके टेंडर ऑनलाइन किए जाएंगे. विभाग से पैसा मिलने पर काम शुरू करवा दिए जाएंगे.

वार्ड-23 के पार्षद गोबिंद सैनी ने बताया कि उन्होंने भी अपने वार्ड के कार्यों की डिमांड नगर परिषद के अधिकारियों को दी हुई है. उम्मीद है कि जल्द ही ये कार्य शुरू होंगे. उन्होंने कहा कि इस राशि का पहले ही विकास कार्यों के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए था.

ग्रांट के समान बंटवारे को लेकर सदन में हुआ था हंगामा

5 सितंबर, 2019 को 37 एजेंडों को लेकर सदन की मीटिंग हुई थी. ये मीटिंग करीब तीन घंटे चली थी. जिसमें खूब हंगामा हुआ था. विकास कार्यों में भेदभाव को लेकर कांग्रेसी और बीजेपी पार्षद आमने-सामने हो गए थे. दोनों तरफ से विकास में भेदभाव को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए थे.

मीटिंग में पहला एजेंडा सीएम ग्रांट से होने वाले कामों को लेकर था. कांग्रेसी पार्षदों ने आरोप लगाया था कि सीएम अनाउसमेंट से केवल बीजेपी पार्षदों के वार्डों में ही क्यों विकास कार्य हों. सीएम सभी के हैं तो इस राशि को सभी वार्डों में समान वितरण किया जाए. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप के बाद इस एजेंडे को रद्द कर दिया गया. इसके बाद दूसरा एजेंडा था, एक से 31 वार्डों में विकास कार्यों का.

इन एजेंडों पर बीजेपी के पार्षदों ने विरोध कर दिया. उनका कहना था कि उनके वार्डों में कम और दूसरे वार्डों में ज्यादा राशि दी जा रही थी. जिसके बाद बैठक में कांग्रेसी और बीजेपी के पार्षदों शब्दों के खूब तीर चले थे. जिसके बाद ये एजेंडा भी रद्द कर दिया गया था. जिस कारण उस समय करीब 20 करोड़ रुपये के विकास कार्य रुक गए थे.

बजट ना होने से करीब 6 महीने से नहीं लगा कोई टेंडर

कोरोना काल में बजट की समस्या आने से शहर में अगस्त 2019 से नए विकास कार्यों के लिए टेंडर नहीं लगा है. इससे पहले अंतिम टेंडर 33 लाख रुपये का लगा था. इसके बाद परिषद ने बजट ना होने का हवाला देते हुए करीब सात करोड़ रुपये के विकास कार्यों को होल्ड कर दिया था.

इस दौरान केवल सफाई से संबंधित टेंडर ही लगे और अलॉट हुए. सफाई कार्य जरूरी कार्यों में शामिल हैं. जिस कारण इन टेंडरों को मुख्यालय की मंजूरी लेकर लगाया था. इसके अलावा अन्य किसी काम के टेंडर नहीं लगाए गए. सीएम घोषणा के तहत पार्षदों की डिमांड अनुसार कार्य करवाए जाएंगे. इसके लिए 22 कार्यों को सूची तैयार की गई है. मुख्यालय से राशि मिलने पर जल्द ही टेंडर लगाए जाएंगे.

ये भी पढे़ं- संयुक्त किसान मोर्चा से निकाले जाने के बाद चढ़ूनी का हरियाणा में नया मोर्चा, खुद बने अध्यक्ष

कैथल: करीब डेढ़ साल पहले सीएम मनोहर लाल ने कैथल शहर में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये की घोषणा की थी. लेकिन पार्षदों के आपसी खींचतान के चलते ये राशि खर्च नहीं हो सकी. अब जब पार्षदों के कार्यकाल के कुछ महीने बचे हैं तो इस राशि से विकास कार्य करवाए जाने की प्लानिंग चल रही है.

नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार इन कार्यां के लिए पार्षदों से डिमांड मांगी गई थी. जिसके बाद 22 कार्यों की सूची तैयार की गई है. इस सूची को अभी फाइनल नहीं किया है. बताया गया है कि जल्द ही कामों को फाइनल करके इसके टेंडर ऑनलाइन किए जाएंगे. विभाग से पैसा मिलने पर काम शुरू करवा दिए जाएंगे.

वार्ड-23 के पार्षद गोबिंद सैनी ने बताया कि उन्होंने भी अपने वार्ड के कार्यों की डिमांड नगर परिषद के अधिकारियों को दी हुई है. उम्मीद है कि जल्द ही ये कार्य शुरू होंगे. उन्होंने कहा कि इस राशि का पहले ही विकास कार्यों के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए था.

ग्रांट के समान बंटवारे को लेकर सदन में हुआ था हंगामा

5 सितंबर, 2019 को 37 एजेंडों को लेकर सदन की मीटिंग हुई थी. ये मीटिंग करीब तीन घंटे चली थी. जिसमें खूब हंगामा हुआ था. विकास कार्यों में भेदभाव को लेकर कांग्रेसी और बीजेपी पार्षद आमने-सामने हो गए थे. दोनों तरफ से विकास में भेदभाव को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए थे.

मीटिंग में पहला एजेंडा सीएम ग्रांट से होने वाले कामों को लेकर था. कांग्रेसी पार्षदों ने आरोप लगाया था कि सीएम अनाउसमेंट से केवल बीजेपी पार्षदों के वार्डों में ही क्यों विकास कार्य हों. सीएम सभी के हैं तो इस राशि को सभी वार्डों में समान वितरण किया जाए. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप के बाद इस एजेंडे को रद्द कर दिया गया. इसके बाद दूसरा एजेंडा था, एक से 31 वार्डों में विकास कार्यों का.

इन एजेंडों पर बीजेपी के पार्षदों ने विरोध कर दिया. उनका कहना था कि उनके वार्डों में कम और दूसरे वार्डों में ज्यादा राशि दी जा रही थी. जिसके बाद बैठक में कांग्रेसी और बीजेपी के पार्षदों शब्दों के खूब तीर चले थे. जिसके बाद ये एजेंडा भी रद्द कर दिया गया था. जिस कारण उस समय करीब 20 करोड़ रुपये के विकास कार्य रुक गए थे.

बजट ना होने से करीब 6 महीने से नहीं लगा कोई टेंडर

कोरोना काल में बजट की समस्या आने से शहर में अगस्त 2019 से नए विकास कार्यों के लिए टेंडर नहीं लगा है. इससे पहले अंतिम टेंडर 33 लाख रुपये का लगा था. इसके बाद परिषद ने बजट ना होने का हवाला देते हुए करीब सात करोड़ रुपये के विकास कार्यों को होल्ड कर दिया था.

इस दौरान केवल सफाई से संबंधित टेंडर ही लगे और अलॉट हुए. सफाई कार्य जरूरी कार्यों में शामिल हैं. जिस कारण इन टेंडरों को मुख्यालय की मंजूरी लेकर लगाया था. इसके अलावा अन्य किसी काम के टेंडर नहीं लगाए गए. सीएम घोषणा के तहत पार्षदों की डिमांड अनुसार कार्य करवाए जाएंगे. इसके लिए 22 कार्यों को सूची तैयार की गई है. मुख्यालय से राशि मिलने पर जल्द ही टेंडर लगाए जाएंगे.

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