कैथल: जिले की डीसी डॉ. प्रियंका सोनी स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह कुंडु, नगराधीश विजेंद्र हुड्डा, पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ प्रेस वार्ता में प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही थी. उन्होंने जिले की प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए उन्हें जिला प्रशासन की आंख व कान का दर्जा दिया. उन्होंने कहा कि प्रेस प्रतिनिधियों द्वारा आम जनता की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाया जा रहा है तथा इन समस्याओं का जिला प्रशासन द्वारा यथा संभव निपटारा किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मतदाता को वोट डालने के बाद वीवीपैट से कोई पर्ची नही मिलती. कोई भी मतदाता वीवीपैट पर्ची को छू नही सकता, हालांकि मतदाता को एक पारदर्शी स्क्रीन के पीछे पर्ची 7 सैकेंड तक दिखती रहती है और आखिर में यह पर्ची वीवीपैट के मुहर बंद डिब्बे में चली जाती है. इससे मतदाता को यह प्रमाण मिलेगा कि उस द्वारा डाला गया मत संबंधित उम्मीदवार के पक्ष में गया है. किसी संदेह की स्थिति में इन पर्चियों की मतगणना भी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा लोगों को इसकी कार्य प्रणाली से अवगत करवाने के लिए लघु सचिवालय में भी एक मशीन रखी गई है. इसके अतिरिक्त चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मोबाईल वैन से भी गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन का मतदान प्रतिशत को बढाने पर पूरा बल रहेगा तथा लोगों को मतदान प्रक्रिया में शामिल करने के लिए स्वीप गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी, जिसके तहत हर विद्यालय व मतदान केंद्र स्तर पर चुनाव पाठशालाएं आयोजित की जाएंगी. सर्विस मतदाताओं के मताधिकार हेतू इलेक्ट्रोनिक तरीके से पोस्टल बैलेट भेजे जाएंगे तथा यह बैलेट भेजते समय बार कोडिंग भी की जाएगी ताकि वापस प्राप्त होने वाले पोस्टल बैलेटों में किसी प्रकार की अनियमतता न हो.
सुविधा के लिए लॅान्च होगी एप
प्रथम बार आयोग द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए सी विजिल एप शुरु की गई है, जिसके माध्यम से नागरिक चुनाव के संदर्भ में अपने सुझाव व शिकायतें भेज सकेंगे तथा 100 मिनट के निर्धारित समय में शिकायतों का निपटारा करना होगा. इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों की सुविधा के लिए आयोग द्वारा सुविधा एप भी शुरू किया गया है, जिसके तहत वे चुनाव रैली व अन्य संबंधित अनुमति प्राप्त कर सकेंगे.
डॉ. प्रियंका सोनी ने जिला वासियों से आह्वान किया कि वे आयोग द्वारा 31 जनवरी 2019 को जारी की गई फोटो के साथ मतदाता सूचियों में अपनी जानकारी चैक करें और यदि इस विवरण में किसी प्रकार की गलती पाई जाए तो तुरंत इसे ठीक करवाने के लिए आवेदन करें. उन्होंने कहा कि केवल फोटो वाला पहचान पत्र होने से किसी भी व्यक्ति को मतदान का अधिकार नहीं मिलता है. मतदाता सूची में नाम दर्ज होने से ही मतदान का अधिकार प्राप्त होता है. साथ ही कहा कि चुनाव विभाग द्वारा जिला स्तर पर टोल फ्री सुविधा के लिए 1950 हेल्पलाइन शुरू की गई है, जिस पर कोई भी नागरिक चुनाव से संबंधित जानकारी ले सकता है तथा सुझाव भी दे सकता है.