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नहीं रुक रही डीएपी खाद की कालाबाजारी, निजी गोडाउन में जमा कर रखे थे 130 डीएपी के कट्टे - DAP fertilizer Shortage in Haryana,

हरियाणा के कैथल में डीएपी खाद की कालाबाजारी (Black marketing of DAP fertilizer) का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हालात ये हैं कि 12 सौ रुपये की डीएपी की एक बोरी खाद 1700 रुपये में बिक रही है. इसके अलावा डीएपी के कट्टे के साथ 500 रु. की दवा भी जबरदस्ती बेची जा रही है. वहीं प्रशासनिक अधिकारी खाद का एक भी दाना ना होने की बात कर रहे है.

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हरियाणा के कैथल में खाद के लिए लाइनो में खड़े लोग
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Published : Oct 30, 2021, 7:07 PM IST

कैथल : हरियाणा के कैथल में डीएपी खाद की कालाबाजारी (Black marketing of DAP fertilizer) का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हालात ये हैं कि 12 सौ रुपये की डीएपी की एक बोरी खाद 1700 रुपये में बिक रही है. इसके अलावा डीएपी के कट्टे के साथ 500 रु. की दवा भी जबरदस्ती बेची जा रही हैं. वहीं किसानो ने एक निजी गोडाउन से करीब 130 डीएपी खाद के कट्टे पकड़वाए. किसानों का कहना है कि जल्द से जल्द इस गोदाम मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए. वहीं किसान अधिकारी महाबीर सोढ़ी ने कहा है कि किसानों को खाद की बोरियां मिल जाने के बाद गोडाउन मालिक के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज की जाएगी.

ये भी पढ़ें : DAP की कालाबाजारी जारी: कैथल में 2 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस सस्पेंड

दूसरी तरफ किसान लगातार छापेमारी करवा कर गोदामों से डीएपी खाद बरामद करवा रहे हैं. पकड़े जाने के बाद नियमानुसार दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. लेकिन अधिकारी किसानों से कह रहे हैं या तो आप डीएपी खाद ले लीजिए या दुकानदार के खिलाफ केस दर्ज करवा दीजिए. अगर किसान रात भर पहरा देकर मुस्तैदी ना दिखाएं तो कालाबाजारी ऐसे ही चलती रहेगी, क्योंकि अधिकारियों को साफ तौर पर देखा जा रहा है कि वे दुकानदारों का समर्थन कर रहे हैं. हैरानी वाली बात यह रही कि एक तरफ 130 कट्टे डीएपी खाद के किसानों द्वारा पकड़े जाते हैं और दुकानदार कुछ मिनट में अधिकारियों के सामने नगद पैसे लेकर हाथ हिलाते हुए साफ निकल जाता है. अब जब गोदाम में खाद ही नहीं रही तो मामला कैसे दर्ज होगा.

ये भी पढ़ें : कृषि मंत्री के दावों पर सवाल, सरकार के अधिकारी ने माना प्रदेश में खाद की कमी, बताया ये बड़ा कारण

कैथल : हरियाणा के कैथल में डीएपी खाद की कालाबाजारी (Black marketing of DAP fertilizer) का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हालात ये हैं कि 12 सौ रुपये की डीएपी की एक बोरी खाद 1700 रुपये में बिक रही है. इसके अलावा डीएपी के कट्टे के साथ 500 रु. की दवा भी जबरदस्ती बेची जा रही हैं. वहीं किसानो ने एक निजी गोडाउन से करीब 130 डीएपी खाद के कट्टे पकड़वाए. किसानों का कहना है कि जल्द से जल्द इस गोदाम मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए. वहीं किसान अधिकारी महाबीर सोढ़ी ने कहा है कि किसानों को खाद की बोरियां मिल जाने के बाद गोडाउन मालिक के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज की जाएगी.

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दूसरी तरफ किसान लगातार छापेमारी करवा कर गोदामों से डीएपी खाद बरामद करवा रहे हैं. पकड़े जाने के बाद नियमानुसार दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. लेकिन अधिकारी किसानों से कह रहे हैं या तो आप डीएपी खाद ले लीजिए या दुकानदार के खिलाफ केस दर्ज करवा दीजिए. अगर किसान रात भर पहरा देकर मुस्तैदी ना दिखाएं तो कालाबाजारी ऐसे ही चलती रहेगी, क्योंकि अधिकारियों को साफ तौर पर देखा जा रहा है कि वे दुकानदारों का समर्थन कर रहे हैं. हैरानी वाली बात यह रही कि एक तरफ 130 कट्टे डीएपी खाद के किसानों द्वारा पकड़े जाते हैं और दुकानदार कुछ मिनट में अधिकारियों के सामने नगद पैसे लेकर हाथ हिलाते हुए साफ निकल जाता है. अब जब गोदाम में खाद ही नहीं रही तो मामला कैसे दर्ज होगा.

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