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अशोक अरोड़ा के इनेलो छोड़ने पर दुष्यंत चौटाला का बयान,'प्रताड़ना के शिकार हुए अशोक अरोड़ा' - अशोक अरोड़ा ने छोड़ी इनेलो

कैथल में रैली के दौरान दुष्यंत चौटाला ने अशोक अरोड़ा के इनेलो पार्टी छोड़ने पर कहा कि जिन लोगों ने हमें प्रताड़ित किया, उन्हीं लोगों ने अरोड़ा को प्रताड़ित कर पार्टी से बाहर जाने को मजबूर किया है.

दुष्यंत चौटाला, जेजेपी नेता
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Published : Sep 10, 2019, 7:15 PM IST

कैथल: रामलीला ग्राउंड में युवा हुंकार रैली की गई, जिसमें जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने शिरकत की. इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने इनेलो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा के पार्टी से इस्तीफे पर कहा कि वो हमारी पार्टी का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन उनका पार्टी से इस्तीफा देना दुखद बात है. जिन लोगों ने हमें प्रताड़ित किया था, उन्होंने ही अरोड़ा को प्रताड़ित कर पार्टी से बाहर जाने पर मजबूर किया.

दुष्यंत चौटाला का पार्टी में रखने के अशोक अरोड़ा के प्रयास
अशोक अरोड़ा के इनेलो पार्टी छोड़ने पर कहा कि उन्होंने बहुत साल पार्टी की सेवा की है और यह एक दुखद बात है कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है. उन्होंने हमें पार्टी में रखने के बहुत प्रयास किए थे, पर कुछ लोगों की वजह से हमको पार्टी छोड़नी पड़ी.

अशोक अरोड़ा का जेजेपी में स्वागत
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शायद अशोक अरोड़ा भी उन लोगों का शिकार हुए हैं. जिन लोगों ने हमें प्रताड़ित किया, शायद उनकी वजह से ही आज मजबूरन इनको भी पार्टी छोड़नी पड़ी है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वे जेजेपी में आना चाहते हैं तो हमारी पार्टी में उनका स्वागत है.

दुष्यंत चौटाला, जेजेपी नेता

ये भी पढ़ें:-कुरुक्षेत्र: अशोक अरोड़ा ने INLD से दिया इस्तीफा, ऐलान करके भावुक भी हुए

बता दें कि अशोक अरोड़ा इनेलो के साथ करीब 30 सालों से थे. पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के नजदीकी अशोका अरोड़ा 15 साल तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही अशोक अरोड़ा चार बार विधायक और परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं.

अशोक अरोड़ा चौधरी देवीलाल के समय से इनेलो से जुड़े हुए हैं. उन्होंने पार्टी में अपनी जगह बतौर कार्यकर्ता बनाई थी. इसके बाद 1990 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. वे 1996, 2000 और 2009 में भी विधायक बने. 2014 में मोदी लहर में सीट बचा नहीं पाए और भाजपा के सुभाष सुधा से चुनाव हार गए.

कैथल: रामलीला ग्राउंड में युवा हुंकार रैली की गई, जिसमें जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने शिरकत की. इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने इनेलो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा के पार्टी से इस्तीफे पर कहा कि वो हमारी पार्टी का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन उनका पार्टी से इस्तीफा देना दुखद बात है. जिन लोगों ने हमें प्रताड़ित किया था, उन्होंने ही अरोड़ा को प्रताड़ित कर पार्टी से बाहर जाने पर मजबूर किया.

दुष्यंत चौटाला का पार्टी में रखने के अशोक अरोड़ा के प्रयास
अशोक अरोड़ा के इनेलो पार्टी छोड़ने पर कहा कि उन्होंने बहुत साल पार्टी की सेवा की है और यह एक दुखद बात है कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है. उन्होंने हमें पार्टी में रखने के बहुत प्रयास किए थे, पर कुछ लोगों की वजह से हमको पार्टी छोड़नी पड़ी.

अशोक अरोड़ा का जेजेपी में स्वागत
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शायद अशोक अरोड़ा भी उन लोगों का शिकार हुए हैं. जिन लोगों ने हमें प्रताड़ित किया, शायद उनकी वजह से ही आज मजबूरन इनको भी पार्टी छोड़नी पड़ी है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वे जेजेपी में आना चाहते हैं तो हमारी पार्टी में उनका स्वागत है.

दुष्यंत चौटाला, जेजेपी नेता

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बता दें कि अशोक अरोड़ा इनेलो के साथ करीब 30 सालों से थे. पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के नजदीकी अशोका अरोड़ा 15 साल तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही अशोक अरोड़ा चार बार विधायक और परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं.

अशोक अरोड़ा चौधरी देवीलाल के समय से इनेलो से जुड़े हुए हैं. उन्होंने पार्टी में अपनी जगह बतौर कार्यकर्ता बनाई थी. इसके बाद 1990 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. वे 1996, 2000 और 2009 में भी विधायक बने. 2014 में मोदी लहर में सीट बचा नहीं पाए और भाजपा के सुभाष सुधा से चुनाव हार गए.

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dushyant on hooda


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