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एसपी और डीसी अपने कार्यालय में नहीं लगा सकते एसी, नियमों की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां - कैथल जिला सचिवालय

हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों अनुसार जिले के किसी भी अधिकारी को एयर कंडीशन लगाने की अनुमति (no ac permission in sp and dc office) नहीं है. इसके बावजूद भी बिना अनुमति के उच्च अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालयों में एयर कंडीशन लगाकर सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

sp and dc offices in haryana
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Published : May 12, 2022, 10:34 PM IST

कैथल: हरियाणा में बिजली की कमी (power shortage in haryana) के चलते लोग अघोषित कटों से परेशान हैं. गांव हो या शहर तपती गर्मी में लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है. सरकारी कार्यालयों में लोगों के लिए पंखों तक की सुविधा नहीं है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में छोटे से कर्मचारी से उच्च अधिकारी तक एसी की शीतल हवा का आनंद उठाते हैं. हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों अनुसार जिले के किसी भी अधिकारी को एयर कंडीशन लगाने की अनुमति नहीं है.

इसके बावजूद भी बिना अनुमति के उच्च अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालयों में एयर कंडीशन लगाकर सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सरकार ने एयर कंडीशन के लिए कोई नियम नहीं बनाए हो. वो बात अलग है कि जब जिले के मुखिया ही नियमों की धज्जियां उड़ाएंगे, तो फिर उनके नीचे काम करने वाले कर्मचारी भला पीछे क्यों रहेंगे. मुख्य सचिव के पत्र अनुसार जिले के एसपी तथा डीसी (no ac permission in sp and dc office) केवल वाटर कूलर का ही इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन यहां हालात ऐसे बने हुए हैं कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से लेकर डीसी व एसपी अपने दफ्तरों में एसी लगा कर बैठे हैं.

no ac permission in sp and dc office
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों अनुसार जिले के किसी भी अधिकारी को एयर कंडीशन लगाने की अनुमति नहीं है.

कैथल जिला सचिवालय की अगर बात की जाए तो हालात इस कदर खराब हैं कि रोजमर्रा के काम करवाने के लिए जो आम लोग सचिवालय में आते हैं उनके लिए छत के पंखे तक की सुविधा नहीं है. जिसकी वजह से तपती गर्मी में लोगों का काफी परेशानी होती है. लोगों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन आम पब्लिक के लिए बिजली तथा पंखों की सुविधा नहीं करवा सकता तो वो कम से कम उनके लिए हाथ वाली पंखी की ही व्यवस्था करवा दे.

बताते चले कि जिला सचिवालय कैथल में केवल 1 मीटर लगा है. जिसका स्वीकृति लोड 178 किलोवाट है, जबकि पूरे सचिवालय में इस समय अनुमानित बिजली खपत तीन गुणा ज्यादा हो रही है. जिससे ये साबित हो रहा है कि सरकारी कार्यालय में बिना अनुमति के जो एयर कंडीशन लगे हैं. उन्हीं की वजह से जिला सचिवालय का लोड ज्यादा हो रहा है. बिजली निमग के एसई कसिक मान ने बताया कि जिला सचिवालय में जो बिजली का मीटर लगा है. उसकी जितने भी बिजली खपत है. उसके अनुसार ही बिल लिया जाता है. मीटर का लोड कम ज्यादा हो इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. जितनी बिजली खर्च की जाएगी. उतना ही बिल उपभोक्ता को अदा करना पड़ता है.

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कैथल: हरियाणा में बिजली की कमी (power shortage in haryana) के चलते लोग अघोषित कटों से परेशान हैं. गांव हो या शहर तपती गर्मी में लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है. सरकारी कार्यालयों में लोगों के लिए पंखों तक की सुविधा नहीं है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में छोटे से कर्मचारी से उच्च अधिकारी तक एसी की शीतल हवा का आनंद उठाते हैं. हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों अनुसार जिले के किसी भी अधिकारी को एयर कंडीशन लगाने की अनुमति नहीं है.

इसके बावजूद भी बिना अनुमति के उच्च अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालयों में एयर कंडीशन लगाकर सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सरकार ने एयर कंडीशन के लिए कोई नियम नहीं बनाए हो. वो बात अलग है कि जब जिले के मुखिया ही नियमों की धज्जियां उड़ाएंगे, तो फिर उनके नीचे काम करने वाले कर्मचारी भला पीछे क्यों रहेंगे. मुख्य सचिव के पत्र अनुसार जिले के एसपी तथा डीसी (no ac permission in sp and dc office) केवल वाटर कूलर का ही इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन यहां हालात ऐसे बने हुए हैं कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से लेकर डीसी व एसपी अपने दफ्तरों में एसी लगा कर बैठे हैं.

no ac permission in sp and dc office
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों अनुसार जिले के किसी भी अधिकारी को एयर कंडीशन लगाने की अनुमति नहीं है.

कैथल जिला सचिवालय की अगर बात की जाए तो हालात इस कदर खराब हैं कि रोजमर्रा के काम करवाने के लिए जो आम लोग सचिवालय में आते हैं उनके लिए छत के पंखे तक की सुविधा नहीं है. जिसकी वजह से तपती गर्मी में लोगों का काफी परेशानी होती है. लोगों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन आम पब्लिक के लिए बिजली तथा पंखों की सुविधा नहीं करवा सकता तो वो कम से कम उनके लिए हाथ वाली पंखी की ही व्यवस्था करवा दे.

बताते चले कि जिला सचिवालय कैथल में केवल 1 मीटर लगा है. जिसका स्वीकृति लोड 178 किलोवाट है, जबकि पूरे सचिवालय में इस समय अनुमानित बिजली खपत तीन गुणा ज्यादा हो रही है. जिससे ये साबित हो रहा है कि सरकारी कार्यालय में बिना अनुमति के जो एयर कंडीशन लगे हैं. उन्हीं की वजह से जिला सचिवालय का लोड ज्यादा हो रहा है. बिजली निमग के एसई कसिक मान ने बताया कि जिला सचिवालय में जो बिजली का मीटर लगा है. उसकी जितने भी बिजली खपत है. उसके अनुसार ही बिल लिया जाता है. मीटर का लोड कम ज्यादा हो इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. जितनी बिजली खर्च की जाएगी. उतना ही बिल उपभोक्ता को अदा करना पड़ता है.

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