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कृषि कानून विरोध: युवाओं ने खून से लिखा पीएम मोदी और राष्ट्रपति के नाम खत

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Published : Feb 26, 2021, 8:49 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 9:06 PM IST

शुक्रवार को खटकड़ टोल प्लाजा पहुंचे सैकड़ों युवाओं ने पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखा. यहां पर पहले युवाओं का खून इंजेक्शन के माध्यम से निकाला गया और फिर पत्र लिखा गया.

Youngsters wrote letters to PM Modi and President
Youngsters wrote letters to PM Modi and President

जींद: शुक्रवार को उचाना खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों के धरने पर युवा पहुंचे. यहां युवाओं ने युवा दिवस मनाया. इस दौरान युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम खून से चिट्ठी लिखी और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की.

युवाओं ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी को ये संदेश देना चाहते हैं कि हमारा, बच्चों का और युवाओं के खून का आखिरी कतरा भी किसानों के काम आएगा. युवाओं ने कहा कि अगर सरकार के मन में ऐसा वहम है कि वो आंदोलन से किसानों को उठा देंगे, तो उसे अपने मन से निकाल दें.

कृषि कानून विरोध: युवाओं ने खून से लिखा पीएम मोदी और राष्ट्रपति के नाम खत

ये भी पढे़ं- झज्जर में किसान ने 3 एकड़ फसल पर चलाया ट्रैक्टर

युवाओं ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाकर ही रहेंगे. अब युवा इस आंदोलन में आगे आ चुका है और जागरूक हो चुका है. उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी की मार झेलने के बाद अब हमें यही रास्ता दिख रहा है कि अपने बुजुर्गों के साथ आंदोलन करें.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में तिरंगे लगे ट्रैक्टर से किसान ने बर्बाद की गेहूं की लहलहाती फसल

जींद: शुक्रवार को उचाना खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों के धरने पर युवा पहुंचे. यहां युवाओं ने युवा दिवस मनाया. इस दौरान युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम खून से चिट्ठी लिखी और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की.

युवाओं ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी को ये संदेश देना चाहते हैं कि हमारा, बच्चों का और युवाओं के खून का आखिरी कतरा भी किसानों के काम आएगा. युवाओं ने कहा कि अगर सरकार के मन में ऐसा वहम है कि वो आंदोलन से किसानों को उठा देंगे, तो उसे अपने मन से निकाल दें.

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युवाओं ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाकर ही रहेंगे. अब युवा इस आंदोलन में आगे आ चुका है और जागरूक हो चुका है. उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी की मार झेलने के बाद अब हमें यही रास्ता दिख रहा है कि अपने बुजुर्गों के साथ आंदोलन करें.

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Last Updated : Feb 26, 2021, 9:06 PM IST
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