जींद: विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थानीय नागरिक अस्पताल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें चिकित्सकों ने आम लोगों और रोगियों को इससे बचाव और लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई.
14 नवंबर को मनाया जाता है विश्व मधुमेह दिवस
14 नवंबर को समूचे विश्व में मधुमेह दिवस मनाया जाता है. मधुमेह दिवस डॉक्टर फ्री ड्रिक बेन्टिंग के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने 1922 में इन्सुलिन की खोज की थी. इस दिवस का मूल लक्ष्य विश्व भर के लाखों लोगों को मधुमेह के बारे में जागरूक करना होता है.
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मधुमेह: धीमी मौत
मधुमेह को धीमी मौत का रोग कहा जाता है. इस बारे में डॉक्टर राजेश भोला ने बताया कि मधुमेह एक खतरनाक रोग है और यह बीमारी शरीर में इंसुलिन कार स्त्राव कम होने के कारण होती है. अगर रक्त में ग्लुकोज की मात्रा को नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह कई अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न कर सकती है.
उन्होंने बताया कि इस बीमारी से मरीज की आंख, गुर्दे, मस्तिष्क और हृदय के क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और इनके गंभीर जटिल रोग का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि मधुमेह रोगियों को बार-बार पेशाब आता है और धुंधला दिखना, थकान और कमजोरी महसूस करना, पैरों का सुन्न होना,प्यास अधिक लगना, घाव भरने में समय लगना, हमेशा भूख महसूस करना, वजन कम होना और त्वचा में संक्रमण होना आदि प्रमुख लक्षण हैं. इस अवसर पर आए लोगों ने बताया कि आज हमें अस्पताल के चिकित्सकों ने मधुमेह से बचाव के बारे में विस्तार से अवगत करवाया और हमें यहां काफी लाभकारी जानकारी मिली.