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सरकारी योजनाओं की लचर व्यवस्था से खफा महिलाएं, जींद की सड़कों पर की नारेबाजी

जींद में सैकड़ों महिलाओं ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. महिलाओं का आरोप है कि उनके राशन कार्ड बनाने कोई भी एजेंट नहीं आता. उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ तक नहीं मिल रहा है.

womens protested in jind
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Published : Dec 20, 2019, 11:30 PM IST

जींद: शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाएं गरीबी मुक्त मोर्चा के बैनर तले जींद की सड़कों पर उतरी. इन महिलाओं ने शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जिला लघु सचिवालय पहुंची. यहां महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट विजेंद्र हुड्डा को ज्ञापन सौंपा.

ये हैं मुख्य मांगे-

  • सरकार द्वारा चलाई गई इंदिरा आवास योजना के तहत मकान बनाने की राशि दी जाए
  • दोबारा सर्वे कर जरूरतमंद परिवारों के बीपीएल राशन कार्ड बनाए
  • इंदिरा आवास योजना जिसका नाम बदल कर अब अब प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया है. इसके तहत काटी गई कॉलोनियों में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए
    सरकारी योजनाओं की लचर व्यवस्था से खफा महिलाएं, देखें वीडियो

सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर परेशान हुई महिलाओं ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि बहुत बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कोई काम नहीं होता. महिलाओं ने बताया कि ना कोई राशन कार्ड बनाता है और बार-बार कहा जाता है की सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें- सरकार के खिलाफ गरजे आउटसोर्सिंग कर्मचारी, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

वहीं सरकार बार-बार दावे करती रहती है कि गरीबों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं. गरीब लोगों को नाममात्र शुल्क में राशन दिया जा रहा है. पक्के मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जा रही है, लेकिन रोजाना सैकड़ों लोग कार्यालयों के चक्कर काटने आते हैं.

यहां तक आरोप लगाते हैं कि बीपीएल के राशन कार्ड बनते समय कोई सर्वे एजेंट नहीं आता बल्कि सरपंच और अधिकारी घर बैठकर लिस्ट तैयार करते हैं. जिससे जरूरतमंद का कार्ड नहीं बन पाता और सक्षम लोग इन योजनाओं का फायदा उठा लेते हैं.

जींद: शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाएं गरीबी मुक्त मोर्चा के बैनर तले जींद की सड़कों पर उतरी. इन महिलाओं ने शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जिला लघु सचिवालय पहुंची. यहां महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट विजेंद्र हुड्डा को ज्ञापन सौंपा.

ये हैं मुख्य मांगे-

  • सरकार द्वारा चलाई गई इंदिरा आवास योजना के तहत मकान बनाने की राशि दी जाए
  • दोबारा सर्वे कर जरूरतमंद परिवारों के बीपीएल राशन कार्ड बनाए
  • इंदिरा आवास योजना जिसका नाम बदल कर अब अब प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया है. इसके तहत काटी गई कॉलोनियों में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए
    सरकारी योजनाओं की लचर व्यवस्था से खफा महिलाएं, देखें वीडियो

सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर परेशान हुई महिलाओं ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि बहुत बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कोई काम नहीं होता. महिलाओं ने बताया कि ना कोई राशन कार्ड बनाता है और बार-बार कहा जाता है की सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें- सरकार के खिलाफ गरजे आउटसोर्सिंग कर्मचारी, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

वहीं सरकार बार-बार दावे करती रहती है कि गरीबों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं. गरीब लोगों को नाममात्र शुल्क में राशन दिया जा रहा है. पक्के मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जा रही है, लेकिन रोजाना सैकड़ों लोग कार्यालयों के चक्कर काटने आते हैं.

यहां तक आरोप लगाते हैं कि बीपीएल के राशन कार्ड बनते समय कोई सर्वे एजेंट नहीं आता बल्कि सरपंच और अधिकारी घर बैठकर लिस्ट तैयार करते हैं. जिससे जरूरतमंद का कार्ड नहीं बन पाता और सक्षम लोग इन योजनाओं का फायदा उठा लेते हैं.

Intro:Body: सैकड़ों की संख्या में महिलाएं गरीबी मुक्त मोर्चा के बैनर तले जींद की सड़कों पर सड़कों पर उतरी , ये महिलाएं शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला लघु सचिवालय तक पहुंची और अपनी मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट विजेंद्र हुड्डा को ज्ञापन दिया,

ये है मुख्य मांगे

सरकार द्वारा चलाई गई इंदिरा आवास योजना के तहत मकान बनाने की राशि दी जाए

दोबारा सर्वे कर जरूरतमंद परिवारों के बीपीएल राशन कार्ड बनाए जाएं

इंदिरा आवास योजना जिसका नाम बदल कर अब अब प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया है इसके तहत काटी गई कॉलोनियों में बिजली पानी सड़के जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए



सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर परेशान हुई महिलाओं ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि बहुत बार आवेदन कर चुके हैं लेकिन कोई काम नहीं होता ना ही कोई राशन कार्ड बनाता है और बार बार कहा जाता है कि सुनवाई होगी ,

बाइट - सपना , आवेदक


वहीं सरकार बार-बार दावे करती रहती है कि गरीबों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं गरीब लोगों को नाममात्र शुल्क में राशन दिया जा रहा है पक्के मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जा रही है लेकिन रोजाना सैकड़ों लोग कार्यालयों के चक्कर काटने आते हैं आवेदन देकर जाते हैं लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगता , लोग यहां तक आरोप लगाते हैं कि बीपीएल के राशन कार्ड बनते समय कोई सर्वे एजेंट नहीं आता सरपंच और अधिकारी घर बैठकर लिस्ट तैयार करते हैं जिससे जरूरतमंद का कार्ड नहीं बन पाता और सक्षम लोग इन योजनाओं का फायदा उठा लेते हैं


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