जींद: कोरोना वायरस के चलते आई मंदी की वजह से बड़ी-बड़ी कंपनियों पर ताले लग चुके हैं. जो कंपनियां खुली हुई हैं. उनमें भी कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. वहीं जिले में महिलाओं का एक ऐसा समूह भी है. जो कोरोना काल में 23 लाख रुपये का कारोबार कर चुका है.
महिलाओं का यह समूह हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना की तरफ से बनाए गए स्वयं सहायता ग्रुप के माध्यम से कार्य कर रहा है. इस ग्रुप में जिले की 152 महिलाएं है. जो अलग-अलग गांव से जुड़ी हैं.
कम दाम में उपलब्ध कराती हैं मास्क और सैनिटाइजर
ये महिलाएं खुद ही मास्क और सैनिटाइजर का उत्पादन कर लोगों को कम दामों में उपलब्ध कराती हैं. इस समूह द्वारा तैयार किए गए एक लेयर की मास्क की कीमत 10 रुपये, दो लेयर मास्क की कीमत 15 रुपये और थ्री लेयर मास्क की कीमत 20 रुपये है. वहीं सैनिटाइजर की 100 मिली की बोतल की कीमत 40 रुपये और 500 मिली की कीमत 200 रुपये है. यह समूह लोगों को मास्क और सैनिटाइजर की होम डिलिवरी भी कर रहे हैं. ताकि लोग घरों में रहें.
समूह ने गरीब और जरूरतमंद करीब 5 हजार लोगों को नि:शुल्क मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराए हैं. जिनमें ईंट भठ्ठों पर काम करने वाले और मलिन बस्तियों में रह रहे लोग शामिल हैं.
इस ग्रुप मे रिसोर्स पर्सन संतोष देवी ने बताया कि इस समय उनका ग्रुप मास्क और सैनिटाइजर बना रहा है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र की करीब 150 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने बताया कि उनके मास्क की मांग लगातार बढ़ रही है. जिससे महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.
इस ग्रुप की प्रधान बबली देवी ने कहा कि रोजाना हम एक स्टाल पर दो से तीन हजार रुपये के मास्क और सैनिटाइजर बेच देते हैं. जिससे हमारी बहनों को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह से सैकड़ों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल रहा है.
साढ़े तीन लाख रुपये में शुरू किया गया समूह
इस संबंध में ग्रुप प्रधान स्वयं सहायता समूह के जिला प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि शुरुआत में मास्क बनाने के लिए साढ़े तीन लाख रुपये के कपड़े की खरीदारी की गई थी. जिससे लगभग सवा लाख मास्क तैयार किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह ने जो मास्क तैयार किया है. उसकी गुणवत्ता बढ़िया और डिजाइन आकर्षक है. जिससे लोग खुश भी है.
बता दें कि स्वयं सहायता समूहों ने जो सैनिटाइजर तैयार किया है. वह गुणवत्ता के मामले में नामी कंपनियों द्वारा तैयार किए गए सैनिटाइजरों से किसी मामले में कम नही है. इसे बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ की मानक का पालन किया गया है. इस सहायता समूह की कोशिश यह है कि इस कोरोना महामारी के दौर में लोगों को कम दामों में मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध हो सके.
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