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अट्टा-सट्टा प्रथा: शादी के लिए दो परिवारों में बेटियों की अदला-बदली, घुट रही लड़कियों की जिंदगी

आज भी शादी के नाम पर लड़कियों की अदला-बदली की जाती है. इस अट्टा-सट्टा प्रथा (atta satta tradition) कहते हैं. इसके तहत एक परिवार अपनी बेटी की शादी तभी तय करता है जब दूसरा परिवार भी उन्हें शादी करने के लिए एक बेटी देता है.

aata satta tradition
आज भी शादी के नाम पर होती है लड़कियों की अदला बदली
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Published : Jul 9, 2021, 4:56 PM IST

जींद: कुछ दिनों पहले जींद में एक युवक ने अपनी मां को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया था, क्योंकि उसकी मां उसकी बहन की शादी अट्टा सट्टा प्रथा से नहीं करना चाहती थी. युवक की मां चाहती थी कि उसकी बेटी की शादी किसी अच्छे घर में हो, लेकिन युवक इस बात से इतना नाराज हुआ कि उसने अपनी मां को ही मार दिया.

अगर आप हरियाणा, राजस्थान या फिर पंजाब से नहीं हैं तो इस प्रथा (atta satta tradition) के बारे में शायद ही आपको पता होगा, क्योंकि इस प्रथा को इन तीन राज्यों में ही सबसे ज्यादा माना जाता है. आसान भाषा में कहें तो ये प्रथा कुछ और नहीं बल्कि शादी के लिए औरतों की अदला-बदली (women exchange for marriage haryana) है.

ये भी पढ़िए: कलयुगी बेटे ने फिल्मी कहानी गढ़ कर डाली मां की हत्या, बहन को शव दिखाए बिना जलाया

इस प्रथा में एक लड़की की शादी दूसरे घर तभी होती है, जब उसके होने वाले ससुराल से भी उसके मायके एक लड़की शादी कर आती है. अट्टा-सट्टा प्रथा में ना कोई योग्यता देखी जाती है और ना ही कोई काबलियत. सिर्फ लड़के की शादी के लिए सामने वाले पक्ष को अपने परिवार या रिश्तेदारी में से शादी के लिए एक लड़की देनी होती है.

ग्रामीणों से जानिए आखिर क्या है अट्टा सट्टा प्रथा

ये भी पढ़िए: HIV पॉजिटिव युवक-युवतियों की इस तरह जोड़ी बनवा रहा स्वास्थ्य विभाग, हर ओर हो रही तारीफ

आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी हरियाणा के कई जिलों में ये प्रथा आज भी चल रही है. हमनें इस प्रथा के बारे में और जानने के लिए जींद जिले के कुछ ग्रामीणों से बात की.

ग्रामीणों ने बताया कि पहले ये प्रथा उनके गांव में काफी प्रचलित थी. ऐसा इसलिए था क्योंकि पहले लड़कियों की बहुत कमी थी. जिस वजह से दो घरों में लड़कियों की अदला-बदली कर दी जाती थी. ग्रामीणों ने ये भी बताया कि पहले अट्टा-सट्टा से होने वाली शादियां काफी चला करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आजकल इस प्रथा से हुई शादियों को ज्यादा भविष्य नहीं है और इ्स तरह की शादियां अब गरीब परिवार कराया करते हैं.

ये भी पढ़िए: हरियाणा: बेटे के लिए दुल्हन देखने गए थे मां-बाप, वापस लौटे तो घर में मिली उसी की लाश

ग्रामीणों ने कहा कि ये प्रथा इसलिए सही नहीं है क्योंकि अगर एक परिवार में लड़की को परेशान किया जा रहा है तो उसका बदला लेने के लिए दूसरे घर गई लड़की को भी परेशान किया जाता है. इस प्रथा की वजह से ज्यादातर लड़कियां खुश नहीं रहती हैं.

जींद: कुछ दिनों पहले जींद में एक युवक ने अपनी मां को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया था, क्योंकि उसकी मां उसकी बहन की शादी अट्टा सट्टा प्रथा से नहीं करना चाहती थी. युवक की मां चाहती थी कि उसकी बेटी की शादी किसी अच्छे घर में हो, लेकिन युवक इस बात से इतना नाराज हुआ कि उसने अपनी मां को ही मार दिया.

अगर आप हरियाणा, राजस्थान या फिर पंजाब से नहीं हैं तो इस प्रथा (atta satta tradition) के बारे में शायद ही आपको पता होगा, क्योंकि इस प्रथा को इन तीन राज्यों में ही सबसे ज्यादा माना जाता है. आसान भाषा में कहें तो ये प्रथा कुछ और नहीं बल्कि शादी के लिए औरतों की अदला-बदली (women exchange for marriage haryana) है.

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इस प्रथा में एक लड़की की शादी दूसरे घर तभी होती है, जब उसके होने वाले ससुराल से भी उसके मायके एक लड़की शादी कर आती है. अट्टा-सट्टा प्रथा में ना कोई योग्यता देखी जाती है और ना ही कोई काबलियत. सिर्फ लड़के की शादी के लिए सामने वाले पक्ष को अपने परिवार या रिश्तेदारी में से शादी के लिए एक लड़की देनी होती है.

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आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी हरियाणा के कई जिलों में ये प्रथा आज भी चल रही है. हमनें इस प्रथा के बारे में और जानने के लिए जींद जिले के कुछ ग्रामीणों से बात की.

ग्रामीणों ने बताया कि पहले ये प्रथा उनके गांव में काफी प्रचलित थी. ऐसा इसलिए था क्योंकि पहले लड़कियों की बहुत कमी थी. जिस वजह से दो घरों में लड़कियों की अदला-बदली कर दी जाती थी. ग्रामीणों ने ये भी बताया कि पहले अट्टा-सट्टा से होने वाली शादियां काफी चला करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आजकल इस प्रथा से हुई शादियों को ज्यादा भविष्य नहीं है और इ्स तरह की शादियां अब गरीब परिवार कराया करते हैं.

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ग्रामीणों ने कहा कि ये प्रथा इसलिए सही नहीं है क्योंकि अगर एक परिवार में लड़की को परेशान किया जा रहा है तो उसका बदला लेने के लिए दूसरे घर गई लड़की को भी परेशान किया जाता है. इस प्रथा की वजह से ज्यादातर लड़कियां खुश नहीं रहती हैं.

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