जींद: कोरोना की वजह से हरियाणा में सब्जियों के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है. रही-सही जो कसर बची थी वो बारिश ने पूरी कर दी. बारिश से खेतों में खड़ी सब्जियों की फसल नष्ट होने से किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
बारिश के अलावा लगे वीकेंड लॉकडाउन का असर भी सब्जियों पर देखा जा रहा है. इससे भी बाजार में सब्जियों की आपूर्ति बाधित हो रही है. जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है. लोगों की रसोई का पूरा बजट महंगी सब्जियों ने बिगाड़ दिया है.
अगस्त महीने की शुरुआत में जो आलू 12 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकता था. अब वो 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. जो लोग पहले 2-2, 4-4 किलो ग्राम सब्जियां खरीदते थे, अब वो आधा किलो, एक किलो खरीद रहे हैं. इससे दुकानदारों को भी काफी नुकसान हो रहा है.
सब्जी की फसलों पर बारिश का असर
आलू के अलावा अन्य सब्जियों के दामों में भी भारी उछाल है. प्याज, भिंडी, तोरी, करेला, मिर्च सभी सब्जियां महंगी हो गई हैं. जो टमाटर 20 रुपये प्रति किलो बिकता था, अब वो 70 रुपये प्रति किलो हो गया है. मंडियों में स्थानीय टमाटर की फसल खत्म हो गई है. इस पर दुकानदारों का कहना है कि जो टमाटर पहले नासिक से आता था, वो भी आना बंद हो गया है, अब हिमाचल, राजस्थान और अन्य जगहों से आ रहा है. इसके लिए उनको ज्यादा भाड़ा देना पड़ता है.
व्यापारियों को नहीं मिल रही सब्जी
दुकानदारों का कहना है कि बारिश की वजह बड़े व्यापारियों को माल नहीं मिल रहा, मंडी में गाड़ियां भी नहीं लग रही हैं, दूर-दूर से उनको सब्जियों की गाड़ियां मंगानी पड़ रही हैं. ऊपर से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहें, ऐसे में अगर वो सस्ती सब्जी बेचेंगो तो परिवार का गुजारा कैसे करेंगे.
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वहीं बारिश भी हर रोज बढ़ रही है. देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है. इस बारिश ने सब्जी उगाने वाले किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. इस बारिश को देखकर तो नहीं लगता कि अभी बाजार में सब्जियों के दामों में कोई गिरावट नजर आ सकती है. ऊपर से कोरोना और महंगा पेट्रोल डीजल भी सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण बना हुआ है. ऐसे में आम लोगों को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है.