जींद: बुधवार रात नागरिक अस्पताल के वेंटिलेटर सपोर्ट पर तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई. बताया गया कि ऑक्सीजन फ्लो में कमी आने के कारण मरीजों की मौत हुई. हालांकि इस बारे में एसएमओ डॉ. गोपाल गोयल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिन मरीजों की मौत हुई है वो काफी गंभीर थे.
डॉक्टर ने बताया कि उनका ऑक्सीजन लेवल 20 तक गिर चुका था. इसके बाद वेंटिलेटर सपोर्ट से उनके ऑक्सीजन लेवल को कुछ बढ़ाया गया, लेकिन फिर भी मरीज नहीं बच सके. उन्होंने कहा कि अस्पताल पर लापरवाही के आरोप निराधार हैं. एसएमओ ने कहा कि उस वार्ड में 40 मरीज थे, लेकिन जो बहुत ज्यादा सीरियस थे उन्हीं की मौत हुई.
'अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है'
उन्होंने बताया की अस्पताल के टैंक में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. बुधवार को 3000 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन उपलब्ध थी और अभी भी 2600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन का स्टॉक टैंक में उपलब्ध है. डॉ. गोयल ने बताया कि निमोनिया के कारण तीनों मरीजों के फेफड़े भी काफी कमजोर हो चुके थे.
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डॉक्टरों की टीम द्वारा इनकी गंभीर हालत को देखते हुए वेंटिलेटर के मोड को भी बदल कर देखा गया था. वेंटिलेटर पर एडमिट सभी मरीजों के पास डॉ. अरुण और वेंटिलेटर टेक्नीशियन मनजीत लगातार नजर बनाए हुए हैं. इसी वार्ड में दाखिल अन्य मरीज जो वेंटिलेटर पर थे और फुलफ्लो ऑक्सीजन पर थे, वो भी सभी ठीक हैं.
डीसी ने दिए जांच के आदेश
बहरहाल, डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आते ही उन्होंने तुरंत सीएमओ से बात की. तकनीकी फॉल्ट के चलते ऑक्सीजन का फ्लो कम हुआ है. बावजूद इसके सीएमओ द्वारा इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. अगर कहीं लापरवाही हुई है तो इस मामले में सख्त संज्ञान लिया जाएगा.