जींद: जींद से गोहाना नेशनल हाईवे 352ए का निर्माण पिछले लंबे समय से चल रहा है. इस हाईवे को फोरलेन बनाया जा रहा है. जिसके लिए जींद शहर के आउटर पर पिंडारा गांव के पास रेलवे लाइन पर आरओबी बनाया जा रहा है. पिछले 10 महीने से भी ज्यादा समय से इस पुल को बनाने का काम जारी है.
ये हाईवे और पुल यहां के स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए बनाया जा रहा है लेकिन अब ये पुल पिंडारा और अन्य गांव के लोगों के लिए ही मुसीबत बनता जा रहा है. इसके साथ ही साथ जींद से गोहाना सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी ये रोड जी का जंजाल बन गया है. इस हाइवे और पुल का निर्माण शुरू करने से पहले ठेकेदार की तरफ से कोई भी अल्टरनेटिव रास्ता या कहें तो सर्विस रोड नहीं बनाया गया है. जिसकी वजह से आम लोगों को कापी परेशानी आ रही है.
- प्रशासन की लापरवाही लोगों पर पड़ रही भारी
- लोगों को अपनी मंजिल तक पहंचने में गांव-गांव घूमना पड़ता है.
- 45 किलोमीटर का रास्ता हुआ 76 किलोमीटर
- रोडवेज बस ने किराया 40 से बढ़ाकर किया 64 रुपये
- बच्चों को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है.
- समय और पैसे दोनों का हो रहा नुकसान
- बारिश होती ही सड़क पर भर जाती है कीचड़
- गांव पिंडारा में आने-जाने के लिए नहीं कोई रास्ता
लोगों का कहना है कि वो इस गांव के लिए कई बार सर्विस रोड की मांग कर चुके हैं लेकिन कोई उनकी सुनने वाला नहीं है. ना उनकी ठेकेदार सुनता है और न ही कोई अधिकारी. ग्रामीण इस समस्या को लेकर जिला उपायुक्त से भी मिल चुके हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.
जींद से सोनीपत तक बनाए जाने वाले इस ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे नंबर 352 ए को 17 सौ करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. इस हाइवे के बनने के बाद जींद से सोनीपत तक करीब 80 किलोमीटर की दूरी मात्र 50 मिनट में तय हो जाएगी. जींद का सीधा कनेक्शन नेशनल हाईवे नंबर 1 से हो जाएगा. इससे दिल्ली जाना भी काफी आसान हो पाएगा.
नियमानुसार 31 मार्च तक पुल का निर्माण हो जाना चाहिए लेकिन अभी तक इस पुल पर 50% कार्य भी नहीं पूरा हो पाया है. पुल बनाने वाली कंपनी ने 10 महीने बीत जाने के बाद भी इसके साथ का सर्विस रोड नहीं बनाया है. जिस वजह से यहां आने जाने का रास्ता नहीं है. पुल के साथ-साथ जो कच्ची सर्विस लेन है. उस पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है. जिसकी वजह से स्थानीय ग्रामीणों को बड़ी परेशानी हो रही है.