जींद: आपने किसी बदमाश या व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जे के बारे में सुना होगा. लेकिन जींद की सड़कों पर आजकल आवारा और बेसहारा पशुओं का कब्जा चल रहा है.
रोजाना होते है 2 से 3 तीन हादसें
शाम होते ही शहर की सड़कों पर और हर गली में पशु ही पशु नजर आते है. सड़कों पर पशुओं के होने से आने जाने वाले लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है. रोजाना 2-3 हादसे इन पशुओं की वजह से होते हैं. जींद के नागरिक अस्पताल में रात के समय डयूटी करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि हर रोज रात को 2 से 3 लोग यहां इलाज के लिए आते है, ये वही लोग होते है जो आवारा पशुओं की वजह से हादसे का शिकार होते है.
सड़क से लेकर बाजार तक है इनका कब्जा
एक अनुमान है करीब 2000 तक की संख्या में आवारा पशु शहर की सड़कों और बाजार में घूम रहे है. इन आवारा पशुओं की समस्या को लेकर शहरवासी कई बार प्रशासन से मिल चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई सुध नहीं लिया है.
जब पहुंची ईटीवी भारत की टीम
जब ईटीवी भारत की टीम ने रात को जींद के रानी तालाब से लेकर गोहाना बाइपास तक नेशनल हाइवे 352A पर इन पशुओं की गिनती की तो 1.5 किलोमीटर के इस रोड 78 आवारा पशु बैठे मिले.
प्रशासन कर रहा शहर को कैटल फ्री करने का दावा
जिला उपायुक्त डॉ.आदित्य दहिया का कहना है कि जींद शहर को कैटल फ्री बनाने का काम नगर परिषद को करना था. फिलहाल नगर परिषद और जिला चेयरमैन से हमने संपर्क कर लिया है और शहर को जल्दी कैटल फ्री करने का काम किया जाएगा.
ऐसे हादसे से हो चुकी है पूर्व विधायक की मौत
आपको बता दें कि पूर्व विधायक डॉ.हरीश चंद्र मिड्ढा भी एक आवारा पशु के चलते हादसे का शिकार हुए थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया, लेकिन इस घटना के बावजूद भी इसके बाद प्रशासन नहीं जगा और हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं.