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जींद में टोल प्लाजा पर किसानों के धरने को 140 दिन हुए पूरे, 40 पदाधिकारी बनाकर लिए कई अहम फैसले

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Published : May 12, 2021, 9:23 PM IST

जींद में 40 किसानों को जिला स्तर और खंड स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है और इन किसानों में महिलाएं भी शामिल है. इन किसानों को आंदोलन को और मजबूत करने और अपने इलाके के अन्य किसानों में जोश भरने के लिए कहा गया है.

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जींद में टोल प्लाजा पर किसानों के धरने को 140 दिन हुए पूरे, 40 पदाधिकारी बनाकर लिए कई अहम फैसले

जींद: बुधवार को किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 40 सदस्यीय पदाधिकारी बनाकर कई अहम फैसले लिए हैं. 40 सदस्यीय पदाधिकारियों में मुख्य तौर पर महिलाओं और युवाओं को जगह दी गई है जो आंदोलन की कमान संभालेंगे. महिलाओं ने कहा कि अब वो भी घरों से बाहर निकलकर आंदोलन को मजबूत करेगी. उन्होंने बताया कि महिलाएं अब चूल्हा चौका और गोबर तक सिमित नहीं है.

ये भी पढे़ं: किसान आंदोलन में दुष्कर्म मामला: योगेंद्र यादव को हरियाणा पुलिस का नोटिस

वहीं बीकेयू के जिला प्रधान आजाद सिंह पालवा ने बताया कि आज 40 किसानों को जिला स्तर और खंड स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब हमारी लड़ाई कृषि कानून रद्द करवाने के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन की बन गई है. उन्होंने कहा कि किसान भाईयों को पता है कि ये लड़ाई लंबी चलेगी जिसको मजबूती देने के लिए संगठन का विस्तार किया गया है और संगठन में महिलाओं, छात्रों और आईटी सेल का विस्तार किया गया है.

ये भी पढे़ं: किसान मोर्चे पर फिर जुटने लगी है भीड़, गांव-गांव से बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं किसान

महिलाओं ने कहा कि अब उनके अंदर से डर निकल चूका है और वो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. महिलाएं अब गांव-गांव जाकर टीम बनाएगी और 2024 तक ये लड़ाई जारी रखेगी.

जींद: बुधवार को किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 40 सदस्यीय पदाधिकारी बनाकर कई अहम फैसले लिए हैं. 40 सदस्यीय पदाधिकारियों में मुख्य तौर पर महिलाओं और युवाओं को जगह दी गई है जो आंदोलन की कमान संभालेंगे. महिलाओं ने कहा कि अब वो भी घरों से बाहर निकलकर आंदोलन को मजबूत करेगी. उन्होंने बताया कि महिलाएं अब चूल्हा चौका और गोबर तक सिमित नहीं है.

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वहीं बीकेयू के जिला प्रधान आजाद सिंह पालवा ने बताया कि आज 40 किसानों को जिला स्तर और खंड स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब हमारी लड़ाई कृषि कानून रद्द करवाने के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन की बन गई है. उन्होंने कहा कि किसान भाईयों को पता है कि ये लड़ाई लंबी चलेगी जिसको मजबूती देने के लिए संगठन का विस्तार किया गया है और संगठन में महिलाओं, छात्रों और आईटी सेल का विस्तार किया गया है.

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महिलाओं ने कहा कि अब उनके अंदर से डर निकल चूका है और वो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. महिलाएं अब गांव-गांव जाकर टीम बनाएगी और 2024 तक ये लड़ाई जारी रखेगी.

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