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जींद: लघु सचिवालय में हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा, गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर पहुंचे लीगल ऑफिसर

शुक्रवार की सुबह जींद लघु सचिवालय में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे का कारण बने पंचायत विभाग के लीगल ऑफिसर. दरअसल लीगल ऑफिसर लघु सचिवालय में अपनी लाल गाड़ी में लाल बत्ती लेकर पहुंच गये, जिसके बाद बवाल शुरू हो गया.

गाड़ी पर लगी लाल बत्ती
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Published : Aug 2, 2019, 9:39 PM IST

जींद: लघु सचिवालय परिसर में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. सुबह पंचायत विभाग के लीगल ऑफिसर संजीव लठवाल अपनी लाल रंग की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर कार्यालय पहुंचे. काफी देर तक डीसी की गाड़ी के नजदीक ही लीगल ऑफिसर की लाल बत्ती लगी गाड़ी खड़ी रही. किसी ने इसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस को दी. वहीं जब ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक लीगल ऑफिसर ने लाल बत्ती उतारकर अपनी गाड़ी में वापस रख ली.

इस दौरान गाड़ी में बैठकर जा रहे लीगल ऑफिसर को ट्रैफिक पुलिस ने रोका, लेकिन उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी. इसपर ट्रैफिक पुलिस के जवान गाड़ी के आगे अड़ गए, तब जाकर लीगल ऑफिसर ने गाड़ी रोकी और नीचे उतरे. इस दौरान काफी देर तक ट्रैफिक पुलिस और लीगल ऑफिसर के बीच बहस हुई और बाद में ट्रैफिक पुलिस ने लाइसेंस लेकर उसकी फोटो खींच ली, लेकिन मौके पर लाल बत्ती लगी न होने के कारण चालान नहीं किया.

बाद में लाल बत्ती लगी गाड़ी की फोटो ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंची, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की साइट नहीं चलने के कारण चालान नहीं हो सका. अब ट्रैफिक पुलिस शनिवार को ऑनलाइन चालान काटकर पोस्ट के जरिये लीगल ऑफिसर को चालान भेजेगी.

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जानिये क्यों लगाई लाल बत्ती ?
वहीं इस पूरे मामले पर लीगल ऑफिसर संजीव लठवाल ने कहा कि लाल बत्ती लगाने का मकसद ये था कि उसे दूसरे देखें कि आखिर क्यों लाल बत्ती लगाई है. वो प्रशासन की उपेक्षा के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले 6 महीने से प्रताड़ित किया जा रहा है. वो तीन साल से यहां है, लेकिन पहले वाले डीसी और अन्य अधिकारियों ने कभी उनके काम पर एतराज नहीं जताया, लेकिन जब से डीसी डॉ. आदित्य दहिया जींद में आए हैं, उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा.

उन्होंने कहा कि एसएसपी खुद अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाते हैं, जबकि किसी अधिकारी को लालबत्ती लगाने की पावर नहीं है. डीएफओ ने हर्बल पार्क में खेलने पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन अंदर बैडमिंटन कोर्ट बनाया हुआ है. डीसी भी कानून की अवहेलना कर रहे हैं.

जिला उपायुक्त आदित्य दहिया ने कहा यदि लीगल ऑफिसर की कोई पर्सनल समस्या है तो वो देखें. अधिकारी लेवल पर कोई समस्या है तो शिकायत कर सकते हैं. आज तक उन्होंने कोई शिकायत नहीं दी है. अधिकारियों पर वो जो भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगा रहे हैं, ऐसे आरोपों में सच्चाई है तो लिखित में शिकायत कर सकते हैं.

जींद: लघु सचिवालय परिसर में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. सुबह पंचायत विभाग के लीगल ऑफिसर संजीव लठवाल अपनी लाल रंग की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर कार्यालय पहुंचे. काफी देर तक डीसी की गाड़ी के नजदीक ही लीगल ऑफिसर की लाल बत्ती लगी गाड़ी खड़ी रही. किसी ने इसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस को दी. वहीं जब ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक लीगल ऑफिसर ने लाल बत्ती उतारकर अपनी गाड़ी में वापस रख ली.

इस दौरान गाड़ी में बैठकर जा रहे लीगल ऑफिसर को ट्रैफिक पुलिस ने रोका, लेकिन उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी. इसपर ट्रैफिक पुलिस के जवान गाड़ी के आगे अड़ गए, तब जाकर लीगल ऑफिसर ने गाड़ी रोकी और नीचे उतरे. इस दौरान काफी देर तक ट्रैफिक पुलिस और लीगल ऑफिसर के बीच बहस हुई और बाद में ट्रैफिक पुलिस ने लाइसेंस लेकर उसकी फोटो खींच ली, लेकिन मौके पर लाल बत्ती लगी न होने के कारण चालान नहीं किया.

बाद में लाल बत्ती लगी गाड़ी की फोटो ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंची, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की साइट नहीं चलने के कारण चालान नहीं हो सका. अब ट्रैफिक पुलिस शनिवार को ऑनलाइन चालान काटकर पोस्ट के जरिये लीगल ऑफिसर को चालान भेजेगी.

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जानिये क्यों लगाई लाल बत्ती ?
वहीं इस पूरे मामले पर लीगल ऑफिसर संजीव लठवाल ने कहा कि लाल बत्ती लगाने का मकसद ये था कि उसे दूसरे देखें कि आखिर क्यों लाल बत्ती लगाई है. वो प्रशासन की उपेक्षा के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले 6 महीने से प्रताड़ित किया जा रहा है. वो तीन साल से यहां है, लेकिन पहले वाले डीसी और अन्य अधिकारियों ने कभी उनके काम पर एतराज नहीं जताया, लेकिन जब से डीसी डॉ. आदित्य दहिया जींद में आए हैं, उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा.

उन्होंने कहा कि एसएसपी खुद अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाते हैं, जबकि किसी अधिकारी को लालबत्ती लगाने की पावर नहीं है. डीएफओ ने हर्बल पार्क में खेलने पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन अंदर बैडमिंटन कोर्ट बनाया हुआ है. डीसी भी कानून की अवहेलना कर रहे हैं.

जिला उपायुक्त आदित्य दहिया ने कहा यदि लीगल ऑफिसर की कोई पर्सनल समस्या है तो वो देखें. अधिकारी लेवल पर कोई समस्या है तो शिकायत कर सकते हैं. आज तक उन्होंने कोई शिकायत नहीं दी है. अधिकारियों पर वो जो भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगा रहे हैं, ऐसे आरोपों में सच्चाई है तो लिखित में शिकायत कर सकते हैं.

Intro:जींद
लघु सचिवालय परिसर में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। सुबह पंचायत विभाग के लीगल आफिसर संदीप लठवाल अपनी लाल रंग की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर कार्यालय पहुंचे। काफी देर तक डीसी की गाड़ी के नजदीक की लीगल आफिसर की लाल बत्ती लगी गाड़ी खड़ी रही। किसी ने इसकी सूचना टै्रफिक पुलिस को दी। ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक लीगल आफिसर ने लाल बत्ती उतारकर अपनी गाड़ी में वापस रख ली। इस दौरान गाड़ी में बैठकर जा रहे लीगल आफिसर को ट्रैफिक पुलिस ने रोका, लेकिन उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी। इस पर ट्रैफिक पुलिस के जवान गाड़ी के आगे अड़ गए, तब जाकर लीगल आफिसर ने गाड़ी रोकी और नीचे उतरे। इस दौरान काफी देर तक ट्रैफिक पुलिस व लीगल आफिसर के बीच बहस हुई और बाद में ट्रैफिक पुलिस ने लाइसेंस लेकर उसकी फोटो खींच ली, लेकिन मौके पर लाल बत्ती लगी न होने के कारण चालान नहीं किया। बाद में लालबत्ती लगी गाड़ी की फोटो ट्रैफिक पुलिस के पास पहुची, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की साइट नहीं चलने के कारण चालान नहीं हो सका। ट्रैफिक पुलिस शनिवार को आनलाइन चालान काटकर पोस्ट के जरिये लीगल 
आफिसर को चालान भेजेगी।


Body:लघु सचिवालय परिसर में लाल बत्ती गाड़ी लेकर पहुंचे लीगल आफिसर संदीप लठवाल ने कहा कि लाल बत्ती लगाने का मकसद यह था कि उसे दूसरे देखे कि आखिर उसे क्यों लाल बत्ती लगाई है। वह प्रशासन की अपेक्षा का शिकार है। उसे पिछले 6 माह से प्रताडि़त किया जा रहा है। वह तीन साल से यहां है, लेकिन पहले वाले डीसी व अन्य अधिकारियों ने कभी उनके काम पर एतराज नहीं जताया, लेकिन जब से डीसी डॉ. आदित्य दहिया जींद में आए हैं, उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा। यहां तक डीडीपीओ राजेश कौथ भी उनके पास कोई फाइल नहीं भेजते हैं ताकि वह अपनी राय दे सके। अधिकारी खुद नियम तोड़ रहे हैं। एसएसपी खुद अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाते हैं जबकि किसी अधिकारी को लालबत्ती लगाने की पावर नहीं है। डीएफओ ने हर्बल पार्क में खेलने पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन अंदर बैडमिंटन कोर्ट बनाया हुआ है। डीसी भी कानून की अवहेलना कर रहे है। उसने आरोप लगाया कि उन्हें उच्चाधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। इसके चलते वह बीमार हो गया है। एक सप्ताह से उसका पीजीआई से इलाज चल रहा है। वह फिर भी डीसी से मिला और माफी मांगी, लेकिन उन्होंने वकीलों के सामने उन्हें बेइज्जत किया। उसका नौ माह तक वेतन रोकने का काम किया। कोर्ट में केस किया, तब नौ माह बाद जाकर वेतन मिला। उसकी सर्विस बुक अधिकारी पूरा नहीं कर रहे। अब उसने उसे प्रताडि़त करने की शिकायत मुख्य सचिव को की है ताकि उसे न्याय मिल सके।

बाइट - संजीव लठवाल , लीगल ऑफिसर







डीडीपीओ राजेश कोथ ने इस पूरे मामले पर कहा कि लीगल आफिसर के लिए विभाग के पास काफी केस
पंचायत विभाग के लीगल आफिसर के लिए काफी काम है। कोर्ट में काफी केस है, जिसे वह विभाग की ओर से डिफेंड करे। उनके द्वारा लगाए गए आरोपी पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। उनके लिए काम की कोई कमी नहीं है। उन द्वारा लघु सचिवालय में लाल बत्ती लगाकर आना गलत है। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इस बारे में वह उच्चाधिकारियों को अवगत करवाएंगे। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे ताकि वह सही काम कर सके।




ट्रैफिक एसएचओ राजाराम ने बताया उन्हें सूचना मिली थी कि लघु सचिवालय में कोई लालबत्ती लगाकर घूम रहा है, लेकिन जब वह पहुंचे तो संबंधित अधिकारी लालबत्ती उतार चुका था। उनके पास लाल बत्ती लगाए गाड़ी के अधिकारी के फोटो है। इसके आधार पर उसका चालान काटा जाएगा। चालान के लिए आनलाइन प्रिंट निकालना होता है। अभी साइट में दिक्कत है, इसलिए शनिवार को प्रिंट निकालकर डाक के जरिये चालान अधिकारी को भेजा जाएगा।


जिला उपायुक्त आदित्य दहिया ने कहा यदि लीगल आफिसर की कोई पर्सनल समस्या है तो वह देखे। अधिकारी लेवल पर कोई समस्या है तो शिकायत कर सकते हैं। आज तक उन्होंने कोई शिकायत नहीं दी है। अधिकारियों पर वह जो भ्रष्टाचार व अन्य आरोप वह लगा रहे हैं, ऐसे आरोपों में सच्चाई है तो लिखित में शिकायत कर सकते हैं। उसकी जांच करवा दी जाएगी। लालबतती लगाकर आने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो वह गलत हे।

डॉ. आदित्य दहिया, डीसी, जींदConclusion:
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