जींद: लघु सचिवालय परिसर में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. सुबह पंचायत विभाग के लीगल ऑफिसर संजीव लठवाल अपनी लाल रंग की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर कार्यालय पहुंचे. काफी देर तक डीसी की गाड़ी के नजदीक ही लीगल ऑफिसर की लाल बत्ती लगी गाड़ी खड़ी रही. किसी ने इसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस को दी. वहीं जब ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक लीगल ऑफिसर ने लाल बत्ती उतारकर अपनी गाड़ी में वापस रख ली.
इस दौरान गाड़ी में बैठकर जा रहे लीगल ऑफिसर को ट्रैफिक पुलिस ने रोका, लेकिन उन्होंने गाड़ी आगे बढ़ा दी. इसपर ट्रैफिक पुलिस के जवान गाड़ी के आगे अड़ गए, तब जाकर लीगल ऑफिसर ने गाड़ी रोकी और नीचे उतरे. इस दौरान काफी देर तक ट्रैफिक पुलिस और लीगल ऑफिसर के बीच बहस हुई और बाद में ट्रैफिक पुलिस ने लाइसेंस लेकर उसकी फोटो खींच ली, लेकिन मौके पर लाल बत्ती लगी न होने के कारण चालान नहीं किया.
बाद में लाल बत्ती लगी गाड़ी की फोटो ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंची, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की साइट नहीं चलने के कारण चालान नहीं हो सका. अब ट्रैफिक पुलिस शनिवार को ऑनलाइन चालान काटकर पोस्ट के जरिये लीगल ऑफिसर को चालान भेजेगी.
जानिये क्यों लगाई लाल बत्ती ?
वहीं इस पूरे मामले पर लीगल ऑफिसर संजीव लठवाल ने कहा कि लाल बत्ती लगाने का मकसद ये था कि उसे दूसरे देखें कि आखिर क्यों लाल बत्ती लगाई है. वो प्रशासन की उपेक्षा के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले 6 महीने से प्रताड़ित किया जा रहा है. वो तीन साल से यहां है, लेकिन पहले वाले डीसी और अन्य अधिकारियों ने कभी उनके काम पर एतराज नहीं जताया, लेकिन जब से डीसी डॉ. आदित्य दहिया जींद में आए हैं, उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा.
उन्होंने कहा कि एसएसपी खुद अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाते हैं, जबकि किसी अधिकारी को लालबत्ती लगाने की पावर नहीं है. डीएफओ ने हर्बल पार्क में खेलने पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन अंदर बैडमिंटन कोर्ट बनाया हुआ है. डीसी भी कानून की अवहेलना कर रहे हैं.
जिला उपायुक्त आदित्य दहिया ने कहा यदि लीगल ऑफिसर की कोई पर्सनल समस्या है तो वो देखें. अधिकारी लेवल पर कोई समस्या है तो शिकायत कर सकते हैं. आज तक उन्होंने कोई शिकायत नहीं दी है. अधिकारियों पर वो जो भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगा रहे हैं, ऐसे आरोपों में सच्चाई है तो लिखित में शिकायत कर सकते हैं.