जींद: हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है और राजनीतिक दलों ने अपने-अपने ढंग से चुनावी रण में ताल ठोक दी है. सभी दल जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं. ऐसे में जींद से विधायक कृष्ण मिड्ढा से ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्हें जितना समय मिला है, उतने ही समय में उन्होंने बहुत से विकास कार्य करवाए हैं. उन्होंने बताया कि बाइपास का काम पूरा हो चुका है. मेडिकल कॉलेज के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया है. ऐसे बहुत से विकास कार्य हैं जो उन्होंने अपने कार्यकाल में करवाए हैं.
बीजेपी सरकार ने किया विकास
इतना ही नहीं विधायक कृष्ण मिड्ढा ने बताया कि बीजेपी सरकार ने जो 'सबका साथ सबका विकास' का नारा दिया है. उसमें सफल रही है. मनोहर सरकार ने सभी विधानसभाओं को बराबर का पैसा दिया ताकि सबका विकास हो सके. उन्होंने बताया कि इस सरकार ने पारदर्शिता के साथ नौकरी देने का भी काम किया.
जींद की तस्वीर और तकदीर बदलने की कोशिश
हरियाणा का जींद जिला काफी पिछड़ा हुआ है, इस सवाल पर बोलते हुए विधायक कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जींद का हाल बहुत बुरा था. जब से बीजेपी की सरकार आई है, तबसे जींद में बहुत सारे विकास कार्य हुए हैं. बीजेपी सरकार ने जींद की तस्वीर और तकदीर बदलने की कोशिश कर रही है.
कौन हैं कृष्ण लाल मिड्ढा ?
बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण मिड्ढा इनेलो नेता और विधायक रहे दिंवगत डॉ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे है. 48 वर्षीय कृष्ण मिढ़ा पेशे से चिकित्सक (BAMS) है। उनके पर कोई भी आपराधिक मामला नहीं दर्ज है. बता दें कि कृष्ण मिड्ढा के पिता 2009 में इनेलो की टिकट पर कांग्रेस के मांगेराम गुप्ता को हराकर पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2014 के चुनाव में डॉ. हरिचंद मिड्ढा ने मोदी लहर के बावजूद भी बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र बरवाला को हराकर जीत हासिल की थी.
जींद विधानसभा में अब तक 12 बार चुनाव हुए
बता दें कि जींद विधानसभा में अब तक 12 बार चुनाव हुए हैं. इनमें 5 बार यह सीट कांग्रेस ने जीती, 4 बार आईएनएलडी और हरियाणा विकास पार्टी, एनसीओ और निर्दलीय विधायक एक-एक बार जीत दर्ज करने में सफल रहें है. कांग्रेस नेता मांगेराम गुप्ता यहां से 4 बार जीत चुके हैं, लेकिन 2009 में आईएनएलडी नेता हरिचंद मिड्ढा ने उन्हें हरा दिया था. वहीं, 2014 में हरिचंद मिड्ढा ने आईएनएलडी से बीजेपी में गए सुरेंद्र बरवाला को महज 2257 वोट से मात दी थी.