जींद: ऑल हरियाणा सब्जी मंडी एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को जिलेभर की सब्जी मंडी के आढ़तियों ने टैक्स वृद्धि के विरोध में सब्जी मंडियों को बंद करके धरना दिया. आढ़तियों ने मंडी के गेट पर ताले जड़े और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आढ़तियों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो हड़ताल अनिश्चितकाल में बदल सकती है और मजबूरी में उन्हें लाइसेंस सरेंडर करने पड़ेंगे.
सब्जी मंडी के आढ़तियों की हड़ताल से सब्जी उत्पादक किसानों, रेहड़ी, फड़ी और मासाखोरों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान मोहित गुंबर ने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से फीस बढ़ोत्तरी को वापस लेना चाहिए. सरकार की हठधर्मिता के कारण सब्जी मंडियों की हड़ताल हुई है. अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो ये हड़ताल अनिश्चितकाल में तब्दील हो सकती है.
सब्जी मंडी में पहले मार्केट तथा एचआरडी फीस दो फीसदी लगती थी. हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड और एचआरडी ने फीस में 40 फीसदी बढ़ोत्तरी कर दी है. इसी को लेकर आढ़ती एसोसिएशन ने ऐतराज जताया और विभाग के अधिकारियों के सामने मामले को उठाया. फीस बढ़ोत्तरी का हर किसी पर प्रभाव पड़ेगा. इससे सब्जी और फलों के रेट बढ़ जाएंगें, जिससे आम आदमी की जेब भी ढीली होगी.
आढ़तियों ने कहा कि एक मुश्त फीस का प्रभाव आढ़ती पर पडेगा. सरकार को तुरंत प्रभाव से इसे वापस लेना चाहिए. आम तौर पर सब्जी मंडी सुबह से ही खुल जाती है. दिनभर यहां अच्छी खासी भीड़ रहती है. लेकिन आढ़तियों की हडताल के कारण बुधवार को सब्जी मडी में सन्नाटा पसरा रहा. जींद सब्जी मंडी में आसपास के दर्जनभर गांवों के किसान हर रोज ताजी सब्जी बेचने आते हैं.
यहीं से रेहड़ी तथा फड़ी वाले, दुकानदार, फल और सब्जी खरीदते हैं. नारनौंद तथा असंध को भी सब्जी तथा फल की सप्लाई यहीं से होती है. सब्जी मंडी के बंद होने के कारण बुधवार को किसानों की सब्जी नहीं बिकी. शहर में सब्जियों की रेहड़ी भी कम दिखाई दी. गलियों में फेरी लगाने वाले भी दिखाई नहीं दिए. मार्केट कमेटी के सचिव संजीव जांगडा ने बताया कि सब्जी मंडी से फीस के तौर पर लगभग सवा करोड़ के राजस्व की वसूली होती है.
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