जींद: हिट एंड रन मामले में नए कानून के विरोध में एक बार फिर से ट्रक चालकों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है. जींद में ट्रक ड्राइवरों ने कानून वापस लिए जाने तक हड़ताल का ऐलान कर दिया है. जींद ट्रक यूनियन का दावा है कि हड़ताल के चलते जिले के 500 से ज्यादा ट्रकों के पहिए फिर से थम गए हैं. ट्रकों की हड़ताल का असर सामान ढुलाई पर पड़ेगा.
गौरतलब है कि इससे पहले भी नए साल की शुरुआत में ही इस हिट एंड रन कानून संशोधन के विरोध में ट्रांसपोर्ट यूनियन और प्राइवेट बस ऑपरेटर हड़ताल पर उतर आए थे. ट्रकों की हड़ताल के चलते फल और सब्जियों के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल की भी किल्लत हो गई थी. बाद में केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद ये हड़ताल खत्म हो गई थी.
ट्रक ड्राइवर गुरुवार को खटकड़ टोल पर इकट्ठा हुए. जींद ट्रक यूनियन के प्रधान कृष्ण चहल ने कहा कि सरकार ने कानून लागू नहीं करने को लेकर गुमराह किया है. जबकि यह कानून लागू किया जा रहा है. सरकार जब तक अधिकारिक रूप से ये कानून रद्द करने या वापस लिए जाने की घोषणा नहीं करेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. ट्रक यूनियन ने जिले के सभी ट्रक ऑपरेटर और चालकों से इस हड़ताल में सहयोग की अपील की है.
ट्रक यूनियन के सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि जिले में 3 हजार के लगभग ट्रक हैं, जिसमें से 500 से ज्यादा अकेले जींद शहर में उनकी यूनियन के हैं. जो रोजाना किसी ना किसी माल की सप्लाई में लगे होते हैं. हड़ताल के ऐलान के बाद गुरुवार को अधिकतर ट्रक खड़े हो गए हैं. ऐसे में एक दिन में जिलेभर के ट्रकों का चक्का जाम होने से लगभग दो से तीन करोड़ का नुकसान होगा.
ट्रक यूनियन ने चेतावनी दी कि अब हड़ताल तभी खोली जाएगी, जब सरकार पूरी तरह से कानून को वापस लेने को लेकर आश्वस्त करेगी. ट्रक यूनियन के सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि 20 से 25 ट्रक हैदराबाद, पुणे और मुबंई दुधारू पशुओं को लेकर जाते हैं. इसके अलावा खाद सप्लाई में भी 100 से 150 ट्रक लगे रहते हैं. इसके अलावा अन्य ट्रक गेहूं, चावल और चीनी के सप्लाई में लगाए जाते हैं. ऐसे में एक दिन में जिलेभर के ट्रक खड़े होने से लगभग 2-3 दिन से 3 करोड़ का नुकसान हर रोज हो रहा है.
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