जींदः कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बुधवार को नरवाना, उचाना और जींद की अनाज मंडी में पहुंचे और गेंहू-सरसों की खरीद को लेकर आढ़ती, किसान और मजदूरों से उनकी समस्या जाना. लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी.
किसी ने नहीं सुनी प्रशासन की अपील
पुलिस और प्रशासन से जुड़े लोग लोगों से बार-बार सोशल डिस्टेंस बनाने की अपील करते रहे. लेकिन रणदीप सुरजेवाला के आगे उनकी बात कौन सुने. सामने पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी खड़े थे तो शायद कार्यकर्ताओं को लगा कि अब को कोरोना से जंग जीत ही गए. हालांकि रणदीप सुरजेवाला भी एक आध बार कार्यकर्ताओं को पीछे हटने की कहते नजर आए, लेकिन बड़े नेता के आगे नंबर बनाने की होड़ में कोरोना का डर काफी पीछे छूट चुका था.
किसान और आढ़तियों को भी नहीं रहा ख्याल
शायद यहीं मंडी में मौजूद आढ़तियों और किसानों ने भी सोचा होगा कि नेता जी के छत्रछाया में कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. तभी तो प्रशासन अपील करता रहा और सोशल डिस्टेंसिंग की बाते हवा में उड़ती रहीं.
कोरोना के बीच चल रही राजनीति
ऐसी ही एक तस्वीर पिछले दिनों सिरसा के डबवाली से भी सामने आई थी. जब इनेलो नेता अभय चौटाला की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी थी.
तस्वीरों और हालात ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि परिस्थिति चाहे जो हो राजनीति की रफ्तार पर फर्क नहीं पड़ सकता है. बात चाहे सोशल डिस्टेंसिंग हो या कोई और ये सब सिर्फ आम लोगों के लिए है. नेताओं पर कुछ भी लागू नहीं होता.
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