जींद: इस धरती पर तरह-तरह के जीव-जंतु पाए जाते हैं. ऐसे ही कुछ जीवों में इंसान कुछ को अपना दुश्मन समझ बैठता है. ऐसे ही जीवों में सांपों को सबसे खतरनाक माना जाता है. हर साल हजारों लोग सांपों के काटने की वजह से मर जाते हैं, ऐसे में लोग सांपों को देखते ही मारने लगते हैं, लेकिन जींद जिले का एक शख्स है जो इन खतरनाक सांपों से बेइंतहां प्यार करता है.
सोनू उर्फ सुनील कुमार जींद के अहिरका गांव में रहते हैं. सोनू का सांपों से बहुत लगाव है. ये स्नेक रेस्क्यू का काम करते हैं. ये हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे सांपों के रेस्क्यू के लिए तैयार रहते हैं. सुनील कहीं सांप दिखने की सूचना मिलते ही आपने जान की परवाह किए बिना मौके पर पहुंच जाते हैं और सांप को पकड़ कर एकांत जंगल में छोड़ कर आते हैं.
सोनू पिछले सात-आठ साल से सांपों को पकड़ने का काम कर रहे हैं. इनका सांपों से लगाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन्होंने पिछले दो सालों में ही करीब 15-20 हजार सांपों का रेस्क्यू किया है. आज सोनू को उनके जान पहचान के लोग स्नैक कैचर के नाम से बुलाते हैं.
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स्नेक कैचर बनने की दिलचस्प कहानी!
कुछ साल पहले सोनू ने एक जिंदा सांप को जलता हुआ देखा, जिससे सोनू का दिल दहल गया. सोनू ने उसी दिन ठान लिया था कि अब वो किसी बेजुबान सांप के साथ ऐसा अत्याचार होने नहीं देंगे. जिसेके बाद सोनू ने सांप पकड़ने की ट्रैनिंग ली और सोनू सांपों को पकड़ने लगे. आज सोनू सांप पकड़ने में स्किल्ड हो गए हैं. इन्होंने अब तक हजारों सांपों को पकड़ा है, लेकिन आजतक सांप पकड़ने के बदले पैसे नहीं लिए हैं.
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सिर्फ पांच सांपों की प्रजातियां ही जानलेवा होती हैं!
सोनू का कहना है कि सांपों की कुल 550 प्रजाति हैं. इनमें से सिर्फ 5 प्रजाति के ही सांप ऐसे हैं जो बहुत खतरनाक हैं, जिनके काटने से मनुष्य की कुछ देर मृत्यु हो सकती है. इनमें ब्लैक कोबरा, रसल वाईपर,कॉमन क्रेप, ग्रीन वाइन स्नेक और किंग कोबरा शामिल हैं.
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