जींद: शहर की मुख्य सड़कें जिनमें पटियाला चौक रेलवे रोड, सफीदों रोड, रोहतक रोड, भिवानी रोड और हांसी रोड पर गहरे-गहरे गड्ढे बने हुए हैं. लगातार दो दिन से हुई बारिश की वजह से पानी भर गया है. सड़कों की इस हालत का सबसे बड़ा जिम्मेवार जींद प्रशासन है. इन सड़कों को बारी-बारी निर्माण कार्य के लिए अलग-अलग विभाग द्वारा खोदा जाता है. शहर में जाम की स्थिति बनी जाती है लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
तालाब में तब्दील जींद की सड़कें
कभी उस सड़क को नगर परिषद पानी की लाइन बिछाने के लिए खोदा है तो कभी जन स्वास्थ्य विभाग शिविर की लाइन डालने के लिए शहर की किसी सड़क को नगर परिषद ने उखाड़ दिया है. किसी सड़क पर जन स्वास्थ्य विभाग लाइन डाल रहा है और दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी ने भी आरओबी और अंडरपास बनाने के लिए रास्ते को बंद किए. इस तरह पूरे शहर में सड़कों की व्यवस्था डामाडोल है.
वहीं सफीदों रोड तलाब में तब्दील हो गया है, जिसको लेकर स्थानीय का कहना है कि कई बार विधायक और अन्य अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं होता. शिकायत करने जाते हैं तो आश्वासन मिलता है कि ठीक हो जाएगा. दो-चार मिनट के लिए अधिकारी आते हैं और वापस लौट जाते हैं. जवाब मिलता है कि ये काम सिर्फ मशीन से ही हो पाएगा. मशीन जब आएगी तब पानी निकल पाएगा. प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा. सरकार द्वारा चलाया गया स्वच्छता अभियान यहां दम तोड़ रहा है. शहर की हर सड़क पर कीचड़ और गंदगी भरी है.
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शहर के विकास कार्य के लिए काम करने वाले तीनों विभाग नगर परिषद, जन स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी बिना किसी प्री प्लान के शहर की हर सड़क खोद देते हैं. जबकि अगर ये सब प्लानिंग के जरिए होता तो एक बार में एक ही रास्ते पर काम किया जा सकता था. जिससे शहर में ट्रैफिक और पानी की निकासी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. इन तीनों संस्थाओं में तालमेल की कमी की वजह से ये सबसे बार-बार उभर कर आती है.