जींद: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन (farmers agitation) लगातार जारी है. आंदोलन को 7 महीने का वक्त पूरा होने वाला है. ऐसे में अब किसान नेताओं की ओर से नया ऐलान किया गया है. जींद के खटकड़ टोल प्लाजा से किसान नेताओं ने सभी चुनावों का बहिष्कार करने और सर्वसम्मति से जनप्रतिनिधियों को चुनने का ऐलान किया है.
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इस बारे में जानकारी देते हुए किसान नेता रणधीर सिंह ने कहा कि किसानों को आंदोलन करते हुए अब 7 महीने होने वाले हैं, लेकिन सरकार अपनी जिद पड़ी है. ऐसे में अब किसानों ने फैसला लिया है कि आने वाले वक्त में सभी चुनावों का ना सिर्फ बहिष्कार (election boycott) किया जाएगा बल्कि सर्वसम्मति से खुद ही जनप्रतिनिधियों को चुना जाएगा.
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उन्होंने कहा कि चुनाव के नाम पर पार्टियां सिर्फ राजनीति करती है, लेकिन हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब किसान सभी लोगों को साथ लेकर ना सिर्फ राजनीति पार्टियों का बहिष्कार करेंगे बल्कि उन लोगों को जनप्रतिनिधि चुनेंगे जो क्षेत्रों का विकास करेंगे. किसान नेता ने कहा कि सराकर की तानाशाही और तीन कृषि कानूनों को रद्द नहीं करने की जिद्द से किसानों में काफी गुस्सा है. ऐसे में अब किसान किसी भी साफ छवि के शख्स को सर्वसमिति से जनप्रतिनिधि के तौर पर चुन लेंगे.
26 नवंबर 2020, को किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के आगामी 26 तारीख को 7 महीने पूरे हो जाएंगे. किसानों का कहना है कि जबतक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती तबतक उनका ये आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. बता दें कि इस बीच सरकार के साथ किसान नेताओं की कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन ये बातचीत अबतक बेनतीजा ही साबित हुई है.