जींद: सिविल अस्पताल में हो रही चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कदम उठाया है. अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड अब लाठी, सीटी और टॉर्च से लैस पूरी वर्दी में नजर आएंगे. इसी तरह वार्ड अटेंडेंट को भी हर हालत में वर्दी डालकर ड्यूटी करनी होगी. बिना वर्दी जो भी नजर आएगा, उसे नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.
सिविल सर्जन डॉ.जयभगवान जाटान ने आउटसोर्सिंग सेवाओं को लेकर अहम बैठक बुलाई. इसमें ठेकेदार से लेकर आउटसोर्सिंग के नोडल अधिकारी डॉ.गोपाल गोयल, डॉ.रमेश पांचाल और डॉ.विशाल वर्मा भी मौजूद रहे. बैठक में सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड के हाथ में लाठी, गले में सीटी और रात को टॉर्च होनी चाहिए. साथ ही सिक्योरिटी गार्ड बाकायदा ड्रेस में रहेंगे.
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उन्होंने कहा कि अस्पताल में चोरी रोकने से लेकर सुरक्षा बनाए रखने की जिमेदारी सिक्योरिटी गार्ड की होगी. इसे लेकर सिविल सर्जन ने आउटसोर्सिंग सेवाओं के ठेकेदार को भी पत्र लिखकर सिक्योरिटी गार्ड से काम प्रभावी तरीके से लिए जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सिविल सर्जन ने ये भी निर्देश दिए कि आउटसोर्सिंग सेवाओं के तहत जिस कर्मचारी की नियुक्ति जिस पद पर हुई है, वो सिर्फ वही काम करेगा. बता दें कि अभीतक वार्ड बॉय से कोई काम लिया जा रहा था तो सफाई कर्मचारियों को सफाई के काम की बजाय रिसेप्शन पर बैठाया गया था.