जींद: अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा के आह्वान पर प्राकृतिक आपदाओं से बर्बाद फसलों के मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान हजारों की संख्या में किसान इकठ्ठा होकर अपनी एकता और संघर्ष का परिचय दिया.
'किसानों के खिलाफ हैं सरकार की नीतियां'
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कहा कि सरकार देश-विदेश के पुंजिपतियों के दबाब में किसानों और खेती को उजाड़ने वाली नीतियां बना रही है. इस प्रदर्शन में किसान हितैषी नीति बनाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का निर्णय लिया गया.
हरियाणा किसान सभा के उप प्रधान इंद्रजीत ने कहा कि बे मौसम बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों की तुरंत गिरदावरी कर तीस हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट फसल बीमा कंपनियों की लूट को खत्म कर, सरकारी बीमा कंपनियों द्वारा बीमा क्लेम दिया जाए.
किसानों की मुख्य मांगे-
- स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लागत के डेढ़ गुना भाव तय किया जाए
- सरकारी खरीद की गारंटी
- किसानों की संपूर्ण कर्जामुक्ति
- आवारा पशुओं का साधान
- पशु मेले का आयोजन
- नहरी पानी और शीघ्र कृषि ट्युबवैल बिजली कनेक्शन
- 58 साल से उपर के किसान और मजदूरों को 5000 रुपये मासिक पेंशन
- लाइसेंस नीति रद्द करना
- मनरेगा को खेती से जोड़ना
किसानों ने उपायुक्त कार्यालय तक जलूस निकाल कर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंपा.
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