जींद: संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर हरियाणा के जींद जिले में खाप और किसान संगठनों ने मिलकर पंचायत की. इस पंचायत में तीन बड़े फैसले किए गए. पहला ये कि नीलम पर लगा यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act) हटाया जाए. दूसरा नीलम की रिहाई की जाए, तीसरा ये कि मीडिया मामले को तोड़ मरोड़कर ना दिखाए. उन्होंने फैसला किया कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी तो हरियाणा के सभी किसान संगठन और खाप मिलकर महापंचायत करेंगे.
किसान नेता आजाद पालव ने कहा कि नीलम ने जो किया, वो सही किया है. क्योंकि लगातार देश में बेरोजगारी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि नीलम पढ़ी-लिखी और सभ्य लड़की है. वो तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए किसानों के धरने में भी आती थी. इसके अलावा उसने जंतर-मंतर पर चले खिलाड़ियों के धरने में भी हिस्सा लिया है. वो अपनी आवाज को बुलंद करना चाहती है.
किसान नेता ने कहा कि दिल्ली के अंदर जो घटना घटी है. जिसमें बेटी नीलम ने अपनी आवाज को बुलंद किया है कि युवाओं को रोजगार दिया जाए, देश के अंदर जो तानाशाही चल रही है. उसे खत्म किया जाए. किसान-मजदूरों की समस्या को सुलझाया जाए, छोटे व्यापारी के हक में नीति बनाए, रिटायर्ड कर्मियों से किए वादों को सरकार पूरा करने का काम करे. नीलम का समर्थन के लिए इस पंचायत का आयोजन किया गया.
बेटी नीलम ने जो आवाज बुलंद की है. उसे समर्थन में ये पंचायत रखी गई है. इस पंचायत में कमेटी बनाकर तीन प्रस्ताव पारित किए हैं. पहला ये कि सरकार युवाओं को रोजगार दे, सरकार तुरंत प्रभाव से नीलम को रिहा करे और जो यूएपीए एक्ट को सरकार वापस ले. इन युवाओं की मंशा किसी को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी. इसलिए इन पर से ऐसा संगीन एक्ट हटाया जाए- आजाद पालव, किसान नेता
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