जींद: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन किया. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर विजेंद्र ढांडा ने कहा कि बुधवार को उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा. इसके बाद 27 दिसंबर को ओपीडी में सेवाओं को बंद करेंगे और 29 दिसंबर को ओपीडी और इमरजेंसी में अपनी सेवाओं को बंद करेंगे.
डॉक्टर विजेंद्र ढांडा ने बताया कि एसोसिएशन सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए समर्पित है और लगातार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की वकालत करती है. उनकी मांग है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुरूप विभिन्न जिलों में विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए एक विशेषज्ञ कैडर के तत्काल कार्यान्वयन किया जाए. एसोसिएशन आईएचआईपी मानदंडों के अनुसार प्रवेश वेतन प्रगति और पदों के सृजन के साथ एसीपी के साथ सेवारत विशेषज्ञ डॉक्टरों की वरिष्ठता को 2, 6 और 13 साल तक बनाए रखने का प्रस्ताव करता है. डिप्टी एमएस डॉक्टर राजेश भोला ने कहा कि विशेषज्ञों की कमी के कारण चिकित्सा सेवाएं प्रभावित होती हैं.
उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से विकलांग डॉक्टरों के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी बंधक आवश्यकता के बांड राशि को घटा कर 50 लाख किया जाए, क्योंकि इस परिस्थिति का समाधान करने में विफलता के परिणामस्वरूप सरकारी सेवा से युवा डॉक्टरों का मनोबल गिर सकता है और संभावित सरकारी जॉब को छोड़ने का रुझान बढ़ सकता है. डॉक्टर संदीप लोहान ने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती बंद की जाए और होम्स कैडर के लिए सेवा नियमों में संशोधन किया जाए.
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) के लिए सीधी भर्ती बंद होने के बावजूद सेवा नियमों में संशोधन नहीं किया गया है. इससे एसएमओ के पद रिक्त हो गए हैं और पदोन्नति में बाधा उत्पन्न हुई है. स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार और बिहार, दिल्ली आदि राज्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए एक गतिशील एसीपी संरचना लागू की जाए. ये संशोधित वेतन संरचना दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और सेवा को प्रोत्साहित करेगी.