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जींद के इस गांव में चुनाव प्रचार करना होगा मुश्किल, पंचायत ने लिया अनोखा फैसला - पंचायत का अनोखा फैसला

चुनावी शोर को देखते हुए शाहपुर गांव की पंचायत ने अनोखा फैसला सुनाया है. पंचायत में ये फैसला लिया गया है कि कोई भी पार्टी गांव के अंदर आकर लाउडस्पीकर नहीं बजाएगी. अगर ऐसा किया गया तो जुर्माने के तौर पर पार्टी को 11 हज़ार रुपए देने होंगे.

पंचायत ने लिया अनोखा फैसला
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Published : Apr 22, 2019, 9:56 AM IST

जींद: चुनाव आते ही पार्टियां प्रचार-प्रसार तेज कर देती है. जनसभाएं की जाती है, ताबड़तोड़ रैलियां होती हैं, इसके साथ ही घर-घर जाकर भी अपने पक्ष में वोट मांगे जाते हैं. वोट मांगने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल लाउडस्पीकर का किया जाता है. लाउडस्पीकर के जरिए लोगों से वोट देने की अपील की जाती है. जिसके चलते हर ओर चुनावी शोर सुनाई देता है. आम जनता को ना चाहते हुए भी अनचाही आवाज को बार-बार सुनना पड़ता है. इसी को लेकर जींद के शाहपुर गांव की पंचायत ने फैसला सुनाया है.

शाहपुर गांव का अनोखा फैसला
चुनावी चोर को देखते हुए शाहपुर गांव की पंचायत ने ये फैसला लिया है कि कोई भी पार्टी गांव के अंदर आकर लाउड स्पीकर नहीं बजाएगी. अगर ऐसा किया गया तो जुर्माने के तौर पर पार्टी को 11 हज़ार रुपए देने होंगे. स्पीकर बजाने लिए गांव के बाहर एक जगह दी गई है. जहां से चुनाव प्रचार किया जा सकेगा.

पंचायत ने लिया अनोखा फैसला

शराब की बिक्री पर भी रोक
लाउडस्पीकर के अलावा गांव ने शराब की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. गांव के अंदर शराब नहीं बांटी जा सकेगी. ऐसा करने पर भी 11 हज़ार का जुर्माना वसूला जाएगा.

अभी तक वसूला गया 21 हज़ार जुर्माना
गांव की सरपंच ने बताया कि 30 लोगों की कमेटी बनाई गई है, जो ये देख रही है कि नियमों का पालन ठीक से हो रहा है या फिर नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पंचायत के इस फैसले के बाद कमेटी ने नियमों का उल्लघंन करने वाले 3 लोगों से 21 हज़ार रुपए जुर्माना वसूला है. जुर्माने के पैसे गांव के विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे.

जींद: चुनाव आते ही पार्टियां प्रचार-प्रसार तेज कर देती है. जनसभाएं की जाती है, ताबड़तोड़ रैलियां होती हैं, इसके साथ ही घर-घर जाकर भी अपने पक्ष में वोट मांगे जाते हैं. वोट मांगने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल लाउडस्पीकर का किया जाता है. लाउडस्पीकर के जरिए लोगों से वोट देने की अपील की जाती है. जिसके चलते हर ओर चुनावी शोर सुनाई देता है. आम जनता को ना चाहते हुए भी अनचाही आवाज को बार-बार सुनना पड़ता है. इसी को लेकर जींद के शाहपुर गांव की पंचायत ने फैसला सुनाया है.

शाहपुर गांव का अनोखा फैसला
चुनावी चोर को देखते हुए शाहपुर गांव की पंचायत ने ये फैसला लिया है कि कोई भी पार्टी गांव के अंदर आकर लाउड स्पीकर नहीं बजाएगी. अगर ऐसा किया गया तो जुर्माने के तौर पर पार्टी को 11 हज़ार रुपए देने होंगे. स्पीकर बजाने लिए गांव के बाहर एक जगह दी गई है. जहां से चुनाव प्रचार किया जा सकेगा.

पंचायत ने लिया अनोखा फैसला

शराब की बिक्री पर भी रोक
लाउडस्पीकर के अलावा गांव ने शराब की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. गांव के अंदर शराब नहीं बांटी जा सकेगी. ऐसा करने पर भी 11 हज़ार का जुर्माना वसूला जाएगा.

अभी तक वसूला गया 21 हज़ार जुर्माना
गांव की सरपंच ने बताया कि 30 लोगों की कमेटी बनाई गई है, जो ये देख रही है कि नियमों का पालन ठीक से हो रहा है या फिर नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पंचायत के इस फैसले के बाद कमेटी ने नियमों का उल्लघंन करने वाले 3 लोगों से 21 हज़ार रुपए जुर्माना वसूला है. जुर्माने के पैसे गांव के विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे.


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शाहपुर गांव की पंचायत का अनूठा फैसला
शाहपुर गांव में लाउड स्पीकर से प्रचार नहीं कर सकेंगे नेता
गांव में लाउड स्पीकर से चुनाव प्रचार किया तो लगेगा 11 हजार का जुर्माना
डीजे बजाने, ट्रैक्टर पर डैक बजाने, शराब की बिक्री व मृत्यु भोज पर भी लगाई रोक
गांव की पंचायत ने यह लिया फैसला   

तीन लोगों से जुर्माना लगाकर वसूले 21 हजार   
गांव के विकास पर खर्च की जाएगी जुर्माने से एकत्रित होने वाली राशि  




जींद,  लोकसभा चुनाव  को लेकर राजनीतिक दल चुनाव के प्रचार-प्रसार में व्यस्त हो चुके हैं। राजनेताओं द्वारा गांव-गांव घूम कर अपने प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया जा रहा है। चारों तरफ चुनाव का शोरगुल है। ऐसे में इस चुनावी शोर से बचने के लिए शाहपुर गांव की पंचायत ने अनूठा फैसला लिया है। शाहपुर गांव की पंचायत ने गांव में लाउड स्पीकर से चुनाव प्रचार करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। कोई भी राजनेता अब गांव में लाउड स्पीकर से चुनाव प्रचार नहीं कर सकेगा। यदि किसी राजनीतिक दल ने नियम का उल्लंघन किया तो उसे 11 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। इतना ही नहीं राजनीतिक दल के प्रतिनिधि को गांव में चुनाव प्रचार करने से पूर्व पंचायत द्वारा निर्धारित की गई कमेटी को इसकी सूचना देकर मंजूरी भी लेनी होगी। इसके साथ-साथ पंचायत ने गांव में डीजे बजाने, ट्रैक्टर पर डैक बजाने, शराब की बिक्री व मृत्यु भोज पर भी रोक लगा दी है। यदि किसी ने गांव में डीजे या डैक बजाया तो उसे भी जुर्माना देना होगा। पंचायत के इस फैसले के बाद कमेटी द्वारा नियमों की उल्लंघना करने वाले तीन लोगों को जुर्माना लगाकर 21 हजार रुपए की राशि भी वसूली जा चुकी है। जुर्माने से एकत्रित होने वाली राशि को गांव के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। 




शाहपुर गांव की पंचायत ने चुनावी शोरगुल से निजात पाने के लिए गांव में लाउड स्पीकर से चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोई भी राजनेता गांव की गलियों में घूम-घूमकर चुनाव प्रचार नहीं कर सकेगा। एक स्थान पर खड़े होकर ही बिना माइक के जनसभा को सम्बोधित कर सकेंगे। नियमों की उल्लंघना करने पर 11 हजार रुपए का जुर्माना निर्धारित किया गया है। राजनीतिक दल को गांव में चुनाव प्रचार करने से पूर्व पंचायत द्वारा निर्धारित की गई कमेटी से मंजूरी भी लेनी होगी। वहीं डीजे बजाने, शादी या अन्य खुशी के अवसर पर हर्ष फायर करने, शराब की बिक्री करते पकड़े जाने पर भी 11 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। ट्रैक्टर पर डैक बजाने पर पांच हजार का जुर्माना देना होगा। पंचायत ने गांव में मृत्यु भोज पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। नियमों की निगरानी के लिए पंचायत ने 30 लोगों की निगरानी कमेटी का गठन किया है। 




पंचायत द्वारा नियमों की उल्लंघना करते पाए जाने पर अभी तक तीन लोगों को जुर्माना लगाया जा चुका है। इसमें एक व्यक्ति को शराब की बिक्री करते पकड़े जाने पर 11 हजार रुपए व दो लोगों द्वारा टै्रक्टरों पर डैक बजाने पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस प्रकार पंचायत द्वारा तीन लोगों से नियमों की उल्लंघना करने पर 21 हजार रुपए वसूल किए गए हैं। 



वहीं गांव की ने बताया  सरपंच चुनावी माहौल के कारण लाउड स्पीकर की ऊंची आवाज से ध्वनी प्रदूषण होता है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं राजनीतिक लोगों के गांव में ज्यादा हस्तक्षेप से गांव में भाईचारा भी खराब होता है। इसको देखते हुए पंचायत ने गांव में लाउड स्पीकर से चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई है। ताकि गांव का माहौल खराब न हो और गांव का भाईचारा बना रहे। वहीं गांव में डीजे बजाने, ट्रैक्टर पर डैक बजाने, खुशी के मौके पर हर्ष फायरिंग करने व मृत्यु भोज पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। जुर्माने से पंचायत के पास एकत्रित होने वाली राशि को गांव के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। नियमों की उल्लंघना को रोकने के लिए पंचायत द्वारा 30 लोगों की एक निगरानी कमेटी बनाई गई है। 

बाइट -- गीता देवी, सरपंच  शाहपुर ग्राम पंचायत


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