जींद: मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल बड़ा या फिर कोरोना मरीज की जान? ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि सीएम मनोहर लाल के दौरे की वजह से कोरोना मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. अंदर अधिकारी और डॉक्टर मुख्यमंत्री साहब को ये बताते रहे थे कि अस्पताल में सब ठीक है और दूसरी तरफ बंद गेट के बाहर कोरोना मरीज इलाज के लिए तड़पते रहे और उनके परिजन दरवाजा पीटते रहे.
दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल जींद के सिविल अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान प्रोटोकॉल के तहत अधिकारी और डॉक्टर सीएम मनोहर लाल के साथ थे. जिस वजह से अस्पताल का गेट अंदर से बंद कर दिया गया. करीब 45 मिनट तक गेट बंद रहा और कोरोना मरीज गेट के बाहर व्हील चेयर पर गेट खुलने का इंतजार करते रहे.
45 मिनट तक बंद रहा वार्ड का दरवाजा
कई बार कोरोना मरीज के साथ आए लोगों ने दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन अधिकारी और डॉक्टर सीएम सहाब की आओ भगत में व्यस्थ रहे. एक कोरोना मरीज के परिजन ने बताया कि वो 45 मिनट से यहां खड़े हैं. वो यहां सिटी स्कैन के लिए आए थे, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद है.
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रोने लगी कोरोना मरीज की मां
इस दौरान मरीज के साथ आई उसकी मां के आंसू निकलने लगे और जब मरीजों की हालात बिगड़ने लगी तो परिजनों के संयम ने जवाब दिया और उन्होंने लगातार दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद पुलिस को दरवाजा खोलना पड़ा और फिर कोरोना मरीजों को वार्ड के अंदर शिफ्ट किया गया.