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चंडीगढ़ पर क्लेम कमजोर ना करे हरियाणा सरकार- भूपेंद्र हुड्डा

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda leader of opposition haryana) ने रविवार को हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने चंडीगढ़ के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी. इसके अलावा हिसार में किसानों के ऊपर हुए लाठीचार्ज की भी निंंदा की.

bhupinder hooda leader of opposition haryana
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Published : Jul 10, 2022, 7:30 PM IST

जींद: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda leader of opposition haryana) ने रविवार को हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के राज में हरियाणा में कानून व्यवस्था का दिवाला निकल चुका है. इस सरकार ने प्रदेश को अपराधियों के लिए शरणस्थली बना दिया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि आज ना आम आदमी सुरक्षित है और ना ही विधायक. प्रदेश के 6 विधायकों को अब तक जान से मारने की धमकी मिल चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में असुरक्षित माहौल होने की वजह से उद्योगपति यहां निवेश करने से कतरा रहे हैं. इसलिए उद्योग और परियोजनाएं हरियाणा से लगातार दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. इसका खामियाजा प्रदेश के युवाओं को सर्वाधिक बेरोजगारी के तौर पर भुगतना पड़ रहा है. जींद में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि साल 2005 में उनकी सरकार आने से पहले भी हरियाणा में कानून व्यवस्था (bhupinder hooda on law and order) का ऐसा ही हाल था, लेकिन उनकी सरकार ने प्रदेश से अपराध और अपराधियों का सफाया किया.

हुड्डा ने कहा कि कानून व्यवस्था बेहतर होने के चलते कांग्रेस सरकार में प्रदेश में जमकर निवेश हुआ और हरियाणा विकास के मामले में नंबर वन बना. उस वक्त जापान का 70% निवेश अकेले गुरुग्राम में हुआ था, लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान हालात बिल्कुल विपरीत हो चुके हैं. ऐसा लग रहा है मानो प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है, क्योंकि अपनी जिम्मेदारियों को दरकिनार कर सरकार सिर्फ घोटालों को अंजाम देने में लगी है. रजिस्ट्री, शराब, धान खरीद, भर्ती, फार्मेसी और अमृत योजना जैसे घोटाले रोज उजागर हो रहे हैं. हरियाणा में गठबंधन की नहीं बल्कि घोटालों की सरकार चल रही है.

उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर खानापूर्ति के लिए कमेटी तो बना दी जाती है, लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती. हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार पाक साफ है तो वो इन घोटालों की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है. चंडीगढ़ को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda on chandigarh issue) ने कहा कि प्रदेश सरकार को राजधानी पर क्लेम कमजोर नहीं करना चाहिए. 60-40 के अनुपात में हरियाणा का चंडीगढ़ पर पूर्ण अधिकार है. अगर इसी अनुपात में हरियाणा को अलग राजधानी बनाने के लिए मुआवजा मिले तो वो लाखों करोड़ों रुपए बनता है.

अगर इसी अनुपात में हरियाणा को मुआवजा और हिंदी भाषी क्षेत्र मिलते हैं तो हरियाणा अपनी अलग राजधानी बनाने के लिए तैयार है, लेकिन मौजूदा सरकार लगातार प्रदेश के अधिकारों पर कुठाराघात करने में लगी है. अपनी ही राजधानी में विधानसभा की जमीन के लिए केंद्र सरकार ने 10 एकड़ जमीन की 500 करोड़ रुपये की कीमत लगाई है. इससे स्पष्ट है कि सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार को कमजोर कर रही है. इसी तरह एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और प्रदेश से लेकर केंद्र तक में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस फैसले को लागू नहीं करवाया जा रहा.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में भी परंपरागत तौर पर हरियाणा की सदस्यता(सिंचाई) को खत्म कर दिया गया और प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी रही. इसीलिए बोर्ड की तरफ से प्रदेश को मिलने वाले पानी और नौकरियों में लगातार कटौती हो रही है. हिसार के खेदड़ में आंदोलनरत किसान की मौत पर भी भूपेंद्र हुड्डा ने शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के चलते किसान को जान गंवानी पड़ी. सरकार को समझना होगा कि हठ और लठ के दम पर सरकार नहीं चल सकती. इसके लिए लोगों का दिल जीतना पड़ता है.

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने मांग की कि सरकार किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द करें, मृतक किसान के परिवार को मुआवजा और नौकरी दे. कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के कयासों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि बिश्नोई खुद के बारे में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करने से पहले विधायक पद से इस्तीफा देना चाहिए. क्योंकि वो कांग्रेस के वोट लेकर विधायक बने हैं. अगर ऐसी सूरत में आदमपुर उपचुनाव होता है तो कांग्रेस उसके लिए पूरी तरह तैयार है. आदमपुर में भी उपचुनाव का नतीजा बरोदा वाला ही होगा यानी कांग्रेस की जीत होगी.

जींद: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda leader of opposition haryana) ने रविवार को हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के राज में हरियाणा में कानून व्यवस्था का दिवाला निकल चुका है. इस सरकार ने प्रदेश को अपराधियों के लिए शरणस्थली बना दिया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि आज ना आम आदमी सुरक्षित है और ना ही विधायक. प्रदेश के 6 विधायकों को अब तक जान से मारने की धमकी मिल चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में असुरक्षित माहौल होने की वजह से उद्योगपति यहां निवेश करने से कतरा रहे हैं. इसलिए उद्योग और परियोजनाएं हरियाणा से लगातार दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. इसका खामियाजा प्रदेश के युवाओं को सर्वाधिक बेरोजगारी के तौर पर भुगतना पड़ रहा है. जींद में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि साल 2005 में उनकी सरकार आने से पहले भी हरियाणा में कानून व्यवस्था (bhupinder hooda on law and order) का ऐसा ही हाल था, लेकिन उनकी सरकार ने प्रदेश से अपराध और अपराधियों का सफाया किया.

हुड्डा ने कहा कि कानून व्यवस्था बेहतर होने के चलते कांग्रेस सरकार में प्रदेश में जमकर निवेश हुआ और हरियाणा विकास के मामले में नंबर वन बना. उस वक्त जापान का 70% निवेश अकेले गुरुग्राम में हुआ था, लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान हालात बिल्कुल विपरीत हो चुके हैं. ऐसा लग रहा है मानो प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है, क्योंकि अपनी जिम्मेदारियों को दरकिनार कर सरकार सिर्फ घोटालों को अंजाम देने में लगी है. रजिस्ट्री, शराब, धान खरीद, भर्ती, फार्मेसी और अमृत योजना जैसे घोटाले रोज उजागर हो रहे हैं. हरियाणा में गठबंधन की नहीं बल्कि घोटालों की सरकार चल रही है.

उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर खानापूर्ति के लिए कमेटी तो बना दी जाती है, लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती. हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार पाक साफ है तो वो इन घोटालों की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है. चंडीगढ़ को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder hooda on chandigarh issue) ने कहा कि प्रदेश सरकार को राजधानी पर क्लेम कमजोर नहीं करना चाहिए. 60-40 के अनुपात में हरियाणा का चंडीगढ़ पर पूर्ण अधिकार है. अगर इसी अनुपात में हरियाणा को अलग राजधानी बनाने के लिए मुआवजा मिले तो वो लाखों करोड़ों रुपए बनता है.

अगर इसी अनुपात में हरियाणा को मुआवजा और हिंदी भाषी क्षेत्र मिलते हैं तो हरियाणा अपनी अलग राजधानी बनाने के लिए तैयार है, लेकिन मौजूदा सरकार लगातार प्रदेश के अधिकारों पर कुठाराघात करने में लगी है. अपनी ही राजधानी में विधानसभा की जमीन के लिए केंद्र सरकार ने 10 एकड़ जमीन की 500 करोड़ रुपये की कीमत लगाई है. इससे स्पष्ट है कि सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार को कमजोर कर रही है. इसी तरह एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और प्रदेश से लेकर केंद्र तक में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस फैसले को लागू नहीं करवाया जा रहा.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में भी परंपरागत तौर पर हरियाणा की सदस्यता(सिंचाई) को खत्म कर दिया गया और प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी रही. इसीलिए बोर्ड की तरफ से प्रदेश को मिलने वाले पानी और नौकरियों में लगातार कटौती हो रही है. हिसार के खेदड़ में आंदोलनरत किसान की मौत पर भी भूपेंद्र हुड्डा ने शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के चलते किसान को जान गंवानी पड़ी. सरकार को समझना होगा कि हठ और लठ के दम पर सरकार नहीं चल सकती. इसके लिए लोगों का दिल जीतना पड़ता है.

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने मांग की कि सरकार किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द करें, मृतक किसान के परिवार को मुआवजा और नौकरी दे. कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने के कयासों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि बिश्नोई खुद के बारे में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करने से पहले विधायक पद से इस्तीफा देना चाहिए. क्योंकि वो कांग्रेस के वोट लेकर विधायक बने हैं. अगर ऐसी सूरत में आदमपुर उपचुनाव होता है तो कांग्रेस उसके लिए पूरी तरह तैयार है. आदमपुर में भी उपचुनाव का नतीजा बरोदा वाला ही होगा यानी कांग्रेस की जीत होगी.

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