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भारतीय किसान यूनियन की चेतावनी, सरकार इंतजाम करे नहीं तो यूं ही जलाएंगे पराली

हरियाणा के जींद में भारतीय किसान यूनियन ने सरकार को दी है. यूनियन का कहना है कि या तो सरकार पराली उठाने का इंतजाम करें, नहीं तो किसान यूं ही पराली जलाएंगे.

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Published : Nov 1, 2019, 10:35 PM IST

जींद: हरियाणा के जींद में भारतीय किसान यूनियन ने सरकार को खुली चेतावनी दी है. किसान यूनियन का कहना है कि 'सरकार खेतों में पड़ी पराली को उठाने का इंतजाम करें, नहीं तो किसान यूं ही पराली जलाएंगे. जैसे पिछले साल जलाई थी'. ये चेतावनी यूनियन के जिला प्रधान महेंद्र घिमाना ने दी है.

भारतीय किसान यूनियन की सरकार को चेतावनी

महेंद्र घिमाना का कहना है कि किसानों के पास पराली जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पराली उठवाते है तो बहुत खर्चा आता है. इसलिए पराली जलाना किसान की मजबूरी है. या तो सरकार कोई इन्तजाम करें अन्यथा किसान यूं ही पराली जलाएंगे. सरकार यदि जुर्माना करेगी तो सरकार का विरोध किया जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन की सरकार को चेतावनी, देखें वीडियो

किसानों के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर

क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र का कहना है सैटेलाइट के माध्यम से जहां पराली जलाई गई इसकी लोकेशन मिलती है. इसके बाद कर्मचारी मौके पर जाकर छानबीन करते हैं, कि पराली जलाई गई है या नहीं. इस दौरान पराली जलाने के मिले अवशेष के बाद खेत मालिक की पहचान की जाती है और ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.

जींद के किसान परेशान

वहीं किसानों का कहना है कि यदि सरकार कोई बढ़िया कदम उठाए तो उनको पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार कोई इंतजाम नहीं कर पा रही इसलिए वो पराली जलाने को मजबूर हैं. वो भी पराली नहीं जलाना नहीं चाहते हैं, लेकिन पराली को खेत में डी-कंपोज करने में बहुत खर्चा आता है. इसके अलावा पराली को कूटने वाली मशीनें भी बहुत महंगी है.

ये भी पढ़ें:-पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन सख्त, फतेहाबाद में अब तक 148 किसानों पर FIR दर्ज

जींद में किसानों पर केस दर्ज

उधर कृषि विभाग का कहना है कि गांव-गांव जाकर किसानों को पराली न जलाने बारे जागरूक किया जा रहा है. उसके बाद भी जो किसान पराली जला रहे हैं, उन पर जुर्माना किया जा रहा है. इस साल पराली जलाने के 199 केस सामने आए हैं. जुर्माना न देने पर सजा का भी प्रावधान है.

जींद: हरियाणा के जींद में भारतीय किसान यूनियन ने सरकार को खुली चेतावनी दी है. किसान यूनियन का कहना है कि 'सरकार खेतों में पड़ी पराली को उठाने का इंतजाम करें, नहीं तो किसान यूं ही पराली जलाएंगे. जैसे पिछले साल जलाई थी'. ये चेतावनी यूनियन के जिला प्रधान महेंद्र घिमाना ने दी है.

भारतीय किसान यूनियन की सरकार को चेतावनी

महेंद्र घिमाना का कहना है कि किसानों के पास पराली जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पराली उठवाते है तो बहुत खर्चा आता है. इसलिए पराली जलाना किसान की मजबूरी है. या तो सरकार कोई इन्तजाम करें अन्यथा किसान यूं ही पराली जलाएंगे. सरकार यदि जुर्माना करेगी तो सरकार का विरोध किया जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन की सरकार को चेतावनी, देखें वीडियो

किसानों के खिलाफ ऑनलाइन एफआईआर

क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र का कहना है सैटेलाइट के माध्यम से जहां पराली जलाई गई इसकी लोकेशन मिलती है. इसके बाद कर्मचारी मौके पर जाकर छानबीन करते हैं, कि पराली जलाई गई है या नहीं. इस दौरान पराली जलाने के मिले अवशेष के बाद खेत मालिक की पहचान की जाती है और ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.

जींद के किसान परेशान

वहीं किसानों का कहना है कि यदि सरकार कोई बढ़िया कदम उठाए तो उनको पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार कोई इंतजाम नहीं कर पा रही इसलिए वो पराली जलाने को मजबूर हैं. वो भी पराली नहीं जलाना नहीं चाहते हैं, लेकिन पराली को खेत में डी-कंपोज करने में बहुत खर्चा आता है. इसके अलावा पराली को कूटने वाली मशीनें भी बहुत महंगी है.

ये भी पढ़ें:-पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन सख्त, फतेहाबाद में अब तक 148 किसानों पर FIR दर्ज

जींद में किसानों पर केस दर्ज

उधर कृषि विभाग का कहना है कि गांव-गांव जाकर किसानों को पराली न जलाने बारे जागरूक किया जा रहा है. उसके बाद भी जो किसान पराली जला रहे हैं, उन पर जुर्माना किया जा रहा है. इस साल पराली जलाने के 199 केस सामने आए हैं. जुर्माना न देने पर सजा का भी प्रावधान है.

Intro:एंकर :

हरियाणा के जीन्द में भारतीय किसान यूनियन ने सरकार को खुली चेतावनी दी है कि या तो खेतों में पड़ी पराली को उठाने का इन्तजाम किया जाए, नहीं तो किसान यू ही पराली जलाएंगे। जैसे पिछले साल जलाई थी। ये चेतावनी यूनियन के जिला प्रधान महेंन्द्र घिमाना द्वारा दी गई है। जिला में अब तक 21 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। क्वालिटी कंट्रोल इंसपेक्टर नरेंद्र का कहना है सेटलाइट के माध्यम से कहां पराली जलाई गई इसकी लोकेशन मिलती है। इसके बाद कर्मचारी मौके पर जाकर छानबीन करते हैं कि पराली जलाई गई है या नही। इस दौरान पराली जलाने के मिले अवशेष के बाद खेत मालिक की पहचान की जाती है और ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवाई जाती है। 


Body:

वी.ओ. 1 :
महेन्द्र घिमाना का कहना है कि किसानो के पास पराली जलाने के अलावा कोई विकलप नहीं है। पराली उठवाते है तो बहुत खर्चा आता है। इसलिए पराली जलाना किसान की मजबूरी है। या तो सरकार कोई इन्तजाम करें अन्यथा किसान यू ही पराली जलाएंगे। सरकार जुर्माना करेंगी तो विरोध करेगी।
बाइट : महेन्द्र घिमाना प्रधान भारतीय किसान यूनियन जिला जीन्द।

वी.ओ. 2 :
किसानो का भी कहना है कि सरकार इस बारे में कोई बढि़या कदम उठाए तो हमें पराली जलाने की जरूरत ही नहीं है। सरकार कोई इन्तजाम नहीं कर पा रही तो हमे पराली जलानी पड़ रही है।
बाइट : जयबीर किसान।

वी.ओ. 3 :
उधर कृषि विभाग का कहना है कि गांव-गांव जाकर किसानो को पराली न जलाने बारे जागरूक किया जा रहा है। उसके बाद भी जो किसन पराली जला रहे है। उन्हें जुर्माना किया जा रहा है। इस साल पराली जलाने के 199 केस सामने आए है। जुर्माना न देने पर सजा का भी प्रावधान है।

बाइट : सुरेन्द्र मलिक डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग।

Conclusion:
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