जींद: देश पहले से ही कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है. वहीं अब जहरीली होती हवा ने लोगों को घुट-घुट कर जीने पर मजबूर कर दिया है. जींद में पिछले एक महीने से जहरीली हो रही हवा अब खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है. जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत भी हो रही है.
जींद में दमघोटू हवा को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों से स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर ऐसे ही हवा जहरीली होती रही तो लोगों को फेफड़ों से संबंधित कई बीमारियां जकड़ लेंगी.
बच्चों और मरीजों को बरतनी होगी खास सावधानी
डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राजेश भोला ने बताया कि जींद में एक्यूआई 500 पर पहुंच गई है. जिसको देखते हुए बच्चों और मरीजों को खास सावधानी बरतनी चाहिए. विशेष कर ऐसे लोग जिन्हें सांस संबंधित दिक्कत है या फिर एलर्जी है. वहीं फेफड़ों के रोगियों के लिए प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो सकता है.
डॉ. राजेश ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को भी सावधानी बरतनी चाहिए. वे अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलें. मुंह व नाक पर हमेशा कपड़ा रखें और बार-बार आंखों को साफ पानी से धोती रहें.
पिछले 4 दिनों में पीएम 2.5 व पीएम 10 का खतरनाक रहा स्तर
दिन | पीएम 2.5 स्तर | पीएम 10 स्तर |
6 नवंबर | 413 | 340 |
7 नवंबर | 413 | 386 |
8 नवंबर | 444 | 389 |
9 नवंबर | 470 | 428 |
10 नवंबर | 480 | 435 |
प्रदूषण बढ़ने के क्या हैं कारण?
1. पराली जलाना
जींद जिले में प्रदूषण की समस्या पहले ऐसी नहीं थी, लेकिन अब पराली जलाने के केस बढ़ने से लोगों के सामने नई आफत खड़ी हो गई है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब जींद प्रशासन भी सख्त हो गया है. पिछले रविवार तक के जींद जिलों के आंकड़ों की बात करें तो 558 एकड़ में पराली जलाने की लोकेशन मिली. इस दौरान कृषि विभाग ने किसानों से 4 लाख 85 हजार रुपये का जुर्माना वसूला है.
2. कंस्ट्रक्शन कार्यों का बढ़ जाना
त्योहारों के चलते वाहनों की आवाजाही, इंडस्ट्री व कंस्ट्रक्शन की गतिविधियां बढ़ गई हैं. जिसकी वजह से फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाले धुएं से जिले का वातावरण खराब हो चुका है.
3. बारिश का नहीं होना
बारिश का नहीं होना भी प्रदूषण को बढ़ाने में सहायक की भूमिका निभा रही है. बारिश होने से हवा में तैर रहे कण जमीन पर गिर जाते हैं. जिससे हवा साफ हो जाती है, लेकिन अभी बारिश नहीं हो रही है. जिसकी वजह से जींद में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है.
क्या कर रहा प्रशासन?
जींद में जहां हवा दमघोटू हो रही है. वहीं जिले में पराली जलाने के केसों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिसको देखते हुए प्रशासन लगातार सख्ती बरत रहा है. कृषि विभाग द्वारा पिछले रविवार तक 162 किसानों से 4 लाख 85 हजार का जुर्माना वसूला है. जबकि कई किसानों को पराली जलाने पर नोटिस दिया जा चुका है.
प्रशासन अपना काम कर रहा है, लेकिन जो चीज़ सबसे ज्यादा डरा रही है वो ये है कि साल 2019 में एक इंटरनेशनल एजेंसी द्वारा जारी की गई सर्वे रिपोर्ट में जींद को दुनिया का 19वां सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था. इसके बावजूद प्रशासन और सरकार प्रदूषण के रोकथाम करने में अब तक नाकाम ही रही है.
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