जींद: रोहतक रोड की खस्ता हालत की वजह से सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को इस सड़क पर हुए हादसे में एक बुजुर्ग की महिला जान चली गई. इस हादसे के बाद जींद विकास संगठन ने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
जींद विकास संगठन के सदस्यों का कहना है कि यहां आए दिन कोई न कोई हादसे का शिकार हो रहा है लेकिन प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने कहा कि पहले की कई लोग अपनी जान गवां चुकें हैं और सब मौतों के लिए प्रशासन ही जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से ये सड़क टूटी हुई है. इस सड़क पर इतने गढ्ढे है कि यहां से दुपहिया वाहन चालकों के लिए गुजरना मौत को दावत देने के बराबर है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग रोहतक रोड को मौत की सड़क के नाम से जानने लगे हैं.
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बता दें कि 65 वर्षीय भतेरी देवी इसी सड़क से पैदल गुजर रही थी की पीछे से आ रहे एक कैंटर ने टक्कर मार दी. लोगों का कहना है कि सड़क के टूटे होने की वजह से कैंटर चालक ने संतूलन खो दिया और बुजुर्ग महिला को अपनी चपेट में ले लिया.
रोजाना रोहतक रोड पर बढ़ते हादसों की वजह से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है और जींद विकास संगठन ने प्रशासन को इसका जिम्मदार ठहराते हुए संबंधित विभाग के अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है.