ETV Bharat / state

बहादुरगढ़ 3 फैक्ट्रियों में आग लगने का मामला: नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था काम - बिना एनओसी फैक्ट्री बहादुरगढ़

बहादुरगढ़ की तीन फैक्ट्रियों में 23 जनवरी को आग लग गई थी. आग की वजह से फैक्ट्री में रखा ज्यादातर सामान जलकर राख हो गया था. इस मामले में अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

Three factories fire Bahadurgarh
Three factories fire Bahadurgarh
author img

By

Published : Jan 25, 2021, 4:02 PM IST

झज्जर: दो दिन पहले बहादुरगढ़ की तीन फैक्ट्रियों में आग लग गई थी. आग से इन फैक्ट्रियों में रखा सारा सामान राख हो गया था. इस घटना में नई जानकारी निकलकर सामने आ रही हैं. जानकारी मिली हैं कि तीनों फैक्ट्रियों में किसी के पास ना तो एनओसी थी और ना ही आग पर काबू पाने के लिए फायर एक्जीक्यूटिंग सिस्टम था.

ये तीनों फैक्ट्रियां नियम, कायदे, कानून को ताक पर रखकर चल रही थी. दो दिन पहले लगी आग में दो श्रमिक भी झुलस गए. इन फैक्ट्रियों में आग लगने की वजह से शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है.

इस पूरी घटना में फैक्ट्री मालिकों के साथ प्रशासन की भी भारी लापरवाही सामने आई है. बता दें कि 28 फरवरी साल 2020 को इन फैक्ट्रियों के पास की फैक्ट्रियों में आग लगी थी. जिसमें 11 मजदूर झुलस गए थे. बावजूद इसके प्रशासन की आंखें नहीं खुली. उस घटना से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया.

ये भी पढ़ें- बहादुरगढ़ की रबर फैक्ट्री में भीषण आग लगने से दो की मौत, कई लोगों के फंसे होने की आशंका

बता दें कि बहादुरगढ़ में ज्यादातर फैक्ट्रियां बिना एनओसी के चल रही हैं. हालांकि बहादुरगढ एसडीएम हितेन्दर शर्मा ने कुछ समय पहले फैक्ट्रियों की जांच करनी शुरू की थी और फैक्ट्रियों में खामियां मिलने पर कार्रवाई के आदेश भी दिए थे, लेकिन वो आदेश केवल कागजों में ही धूमिल हो गए.

फैक्ट्रियों में आगजनी से 50 से ज्यादा श्रमिकों की मौत

बहादुरगढ में दस साल के अंतराल में फैक्ट्रियों में आगजनी से 50 से ज्यादा श्रमिकों की मौत हो चुकी है, लेकिन ना फैक्ट्री संचालक गम्भीर है ना ही प्रशासन. इससे पहले भी साल 2019 में एक कूलर फैक्ट्री में आग लगी थी, जिसमें दो श्रमिकों की मौत हुई थी. उसके बाद 28 फरवरी 2020 को भी ऐसे एक फैक्ट्री में आग लगी थी. जिसमे 11 श्रमिक झुलस गए थे, अब एक बार फिर दो रोज पूर्व ऐ्सा ही हुआ.

साल 2019 में हुआ था सर्वे 250 में से 40 फैक्ट्रियों में मिली एनओसी

बता दें कि साल 2019 में भी एक सर्वे के दौरान 250 भवनों में से मात्र 40 के पास ही एनओसी मिली थी. ऐसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मालिक और प्रशाशन कितना गम्भीर है. एसडीएम को भेजी गई रिपोर्ट में दमकल केंद्र प्रभारी ने आग्रह किया कि जिन फैक्ट्री के पास एनओसी नहीं है, उन्हें नोटिस जारी करने की अनुमति दी जाए.

झज्जर: दो दिन पहले बहादुरगढ़ की तीन फैक्ट्रियों में आग लग गई थी. आग से इन फैक्ट्रियों में रखा सारा सामान राख हो गया था. इस घटना में नई जानकारी निकलकर सामने आ रही हैं. जानकारी मिली हैं कि तीनों फैक्ट्रियों में किसी के पास ना तो एनओसी थी और ना ही आग पर काबू पाने के लिए फायर एक्जीक्यूटिंग सिस्टम था.

ये तीनों फैक्ट्रियां नियम, कायदे, कानून को ताक पर रखकर चल रही थी. दो दिन पहले लगी आग में दो श्रमिक भी झुलस गए. इन फैक्ट्रियों में आग लगने की वजह से शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है.

इस पूरी घटना में फैक्ट्री मालिकों के साथ प्रशासन की भी भारी लापरवाही सामने आई है. बता दें कि 28 फरवरी साल 2020 को इन फैक्ट्रियों के पास की फैक्ट्रियों में आग लगी थी. जिसमें 11 मजदूर झुलस गए थे. बावजूद इसके प्रशासन की आंखें नहीं खुली. उस घटना से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया.

ये भी पढ़ें- बहादुरगढ़ की रबर फैक्ट्री में भीषण आग लगने से दो की मौत, कई लोगों के फंसे होने की आशंका

बता दें कि बहादुरगढ़ में ज्यादातर फैक्ट्रियां बिना एनओसी के चल रही हैं. हालांकि बहादुरगढ एसडीएम हितेन्दर शर्मा ने कुछ समय पहले फैक्ट्रियों की जांच करनी शुरू की थी और फैक्ट्रियों में खामियां मिलने पर कार्रवाई के आदेश भी दिए थे, लेकिन वो आदेश केवल कागजों में ही धूमिल हो गए.

फैक्ट्रियों में आगजनी से 50 से ज्यादा श्रमिकों की मौत

बहादुरगढ में दस साल के अंतराल में फैक्ट्रियों में आगजनी से 50 से ज्यादा श्रमिकों की मौत हो चुकी है, लेकिन ना फैक्ट्री संचालक गम्भीर है ना ही प्रशासन. इससे पहले भी साल 2019 में एक कूलर फैक्ट्री में आग लगी थी, जिसमें दो श्रमिकों की मौत हुई थी. उसके बाद 28 फरवरी 2020 को भी ऐसे एक फैक्ट्री में आग लगी थी. जिसमे 11 श्रमिक झुलस गए थे, अब एक बार फिर दो रोज पूर्व ऐ्सा ही हुआ.

साल 2019 में हुआ था सर्वे 250 में से 40 फैक्ट्रियों में मिली एनओसी

बता दें कि साल 2019 में भी एक सर्वे के दौरान 250 भवनों में से मात्र 40 के पास ही एनओसी मिली थी. ऐसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मालिक और प्रशाशन कितना गम्भीर है. एसडीएम को भेजी गई रिपोर्ट में दमकल केंद्र प्रभारी ने आग्रह किया कि जिन फैक्ट्री के पास एनओसी नहीं है, उन्हें नोटिस जारी करने की अनुमति दी जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.