झज्जर: हरियाणा के झज्जर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिस सात साल के मासूम को दिल्ली के डॉक्टरों ने मृत (dead child alive bahadurgarh) घोषित कर घर वापस भेज दिया था, वो आज जिंदा है. अगर मासूम की दादी पोते की शक्ल देखने की जिद ना करती और मां बेटे के जिंदा होने की उम्मीद न छोड़ती तो शायद आज मासूम जिंदा भी ना होता.
दरअसल, किला मोहल्ले के निवासी विजय शर्मा के पोते कुनाल शर्मा को दिल्ली के डॉक्टरों ने टाइफाइड से मृत घोषित कर दिया था. माता-पिता अपने साल साल के बेटे कुनाल का शव लेकर चारों तरफ से निराश होकर बहादुरगढ़ अपने घर पहुंच गए थे. इसके बाद तय हुआ कि कुनाल का अंतिम संस्कार मामा के घर पर होगा.
कुनाल का शव मामा के घर लाया गया, लेकिन दादी अपने पोते की शक्ल देखने की जिद करने लगी. जिसके बाद सभी लोग दादी के आने का इंतजार करने लगे. इस बीच कुनाल की मां जानवी और ताई अन्नु ने कुनाल को रोते हुए बार-बार प्यार से हिला कर उसे जिंदा होने के लिए पुकारा. कुछ देर बाद पैक हुए शव में कुछ हरकत दिखी तो सभी सनन रह गए.
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आनन-फानन में कुनाल के पिता हितेश ने बच्चे का चेहरा चादर की पैकिंग से बाहर निकाला और अपने लाडले को मुंह से सांस देने लगा. कुछ देर तक कुनाल को मुंह से सांस दी गई. जिसके बाद उसके शरीर में कुछ हरकत देखने को मिली. पड़ोसी सुनील ने फिर कुनाल की छाती पर दबाव देना शुरू किया. जैसा आपने फिल्मों में भी देखा होगा.
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इस बीच कुनाल ने अपने पापा के होठ पर काट खाया. इसके बाद मोहल्ले के लोग कुनाल को रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए. जहां डॉक्टरों ने उसे 15 फीसदी ही बचने की संभावना बताई, लेकिन वो धीरे-धीर ठीक होने लगा और अब मंगलवार को कुनाल को अस्पताल से छुट्टी दे दी हई है.