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झज्जर में बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, मंडी में धान और बाजरा भीगा

झज्जर के किसानों की बेमौसम बारिश ने चिंता बढ़ा दी है. बारिश ने जहां खेतों में खड़ी धान की फसल को धरती पर बिछा दिया है, वहीं मंडी में खुले में पड़ी बाजरे की फसल भी भीग गई है. जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.

झज्जर में बेमौसम बारिश
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Published : Nov 8, 2019, 11:14 PM IST

झज्जर: अनाज मंडी में एक बार फिर हरियाणा सरकार और झज्जर जिला प्रशासन की पोल खुल गई है. बरसात की वजह से जहां खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछ गई है, वहीं अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा भी भीग गया है.

किसानों ने सरकार से की मुआवजे की मांग
किसान भीगे बाजरे की फसल और धान की फसल का मुआवजा देने की सरकार से मांग रहे हैं. हालात ये हैं कि मंडी में जहां बाजरे की फसल भीग कर खराब हो गई है, वहीं झज्जर अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा बाजरा और खुले में पड़ी फसल पर पशु भी मुंह मार रहे हैं.

झज्जर में बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, देखें वीडियो

बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
बता दें कि गुरुवार को झज्जर क्षेत्र में अचानक बेमौसम बारिश हो गई. हालांकि बरसात रुक-रुक कर आई, लेकिन धीमी बरसात होने के बावजूद भी झज्जर की अनाज मंडी में बाजरे की फसल भीग गई. किसानों और आढ़तियों ने इसके लिए शासन और प्रशासन दोनों को जिम्मेवार ठहराया है.

ये भी पढ़ें- पराली की समस्या से किसानों को मिलेगी राहत, टोहाना में तैयार हुई अनोखी मशीन

'समय रहते उठान होता, तो नहीं होता नुकसान'
किसानों का कहना है कि अगर मंडी में पड़ी बाजरे की फसल का समय रहते उठान हो जाता तो उनकी फसल खराब नहीं होती. किसानों ने सरकार से खराब हुई फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है.

वहीं आढ़ती चांद ने बताया कि अगर प्रशासन जल्द से जल्द उठान कर लेता तो नुकसान नहीं होता और किसान अपनी पेमेंट के लिए भी बार बार हमारे चक्कर नहीं लगाते. उन्होंने बताया कि वो कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को समस्याओं के बारे में बता चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई हैं और यही कारण है कि आज बेमौसम बारिश ने लाखों रुपये का नुकसान कर दिया है.

ये भी पढ़ें- सोहना: धान और कपास बेचने आए किसान नाखुश, व्यापारी औने-पौने दामों पर खरीद रहे फसल

झज्जर: अनाज मंडी में एक बार फिर हरियाणा सरकार और झज्जर जिला प्रशासन की पोल खुल गई है. बरसात की वजह से जहां खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछ गई है, वहीं अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा भी भीग गया है.

किसानों ने सरकार से की मुआवजे की मांग
किसान भीगे बाजरे की फसल और धान की फसल का मुआवजा देने की सरकार से मांग रहे हैं. हालात ये हैं कि मंडी में जहां बाजरे की फसल भीग कर खराब हो गई है, वहीं झज्जर अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा बाजरा और खुले में पड़ी फसल पर पशु भी मुंह मार रहे हैं.

झज्जर में बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, देखें वीडियो

बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
बता दें कि गुरुवार को झज्जर क्षेत्र में अचानक बेमौसम बारिश हो गई. हालांकि बरसात रुक-रुक कर आई, लेकिन धीमी बरसात होने के बावजूद भी झज्जर की अनाज मंडी में बाजरे की फसल भीग गई. किसानों और आढ़तियों ने इसके लिए शासन और प्रशासन दोनों को जिम्मेवार ठहराया है.

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'समय रहते उठान होता, तो नहीं होता नुकसान'
किसानों का कहना है कि अगर मंडी में पड़ी बाजरे की फसल का समय रहते उठान हो जाता तो उनकी फसल खराब नहीं होती. किसानों ने सरकार से खराब हुई फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है.

वहीं आढ़ती चांद ने बताया कि अगर प्रशासन जल्द से जल्द उठान कर लेता तो नुकसान नहीं होता और किसान अपनी पेमेंट के लिए भी बार बार हमारे चक्कर नहीं लगाते. उन्होंने बताया कि वो कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को समस्याओं के बारे में बता चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई हैं और यही कारण है कि आज बेमौसम बारिश ने लाखों रुपये का नुकसान कर दिया है.

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Intro:झज्जर में बेमौसमी बरसात ने बढ़ाई किसानों की चिंता
: मंडी में खुले असमान के नीचे पड़ा बाजरा भीगा
: बरसात की वजह से खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछी
: मंडी में पड़ी बाजरे की फसल पर विचरण करते आए पशु
: किसानों ने की सरकार से मुआवजा दिए जाने की मांगBody:झज्जर अनाज मंडी में एक बार फिर खुली हरियाणा सरकार व झज्जर जिला प्रशासन की पोल लाखो रुपए का हुवा नुकशान झज्जर में आई बेमौसमी बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बरसात की वजह से जहां खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछ गई है,वहीं अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों किवन्टल बाजरा भी भीग गया है। किसान भीगी बाजरे की फसल व धान की फसल का मुआवजा देने की सरकार से मांग रहे है। हालात यह है कि मंडी में जहां बाजरे की फसल भीग कर खराब हो गई है,वहीं झज्जर अनाज मंडी में खुले आसमान के निचे पड़ा बाजरा हुवा खराब व पड़ी फसल पर पशु भी मुंह मार रहे है। बता देें कि गुरूवार को झज्जर क्षेत्र में अचानक बेमौसमी बरसात आई। हांलाकि बरसात रूक-रूक कर आई,लेकिन धीमी बरसात होने के बावजूद भी झज्जर की अनाज मंडी में बाजरे की फसल भीग गई। किसानों व आढ़तियों ने इसके लिए शासन व प्रशासन दोनों को जिम्मेवार ठहराया है। किसानों का कहना है कि यदि मंडी में पड़ी बाजरे की फसल का समय रहते उठान हो जाता तो उनकी फसल खराब नहीं होती। किसानों ने सरकार से खराब हुई फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। वही आढ़ती चाँद ने बतया अगर प्रशासन जल्द से उठान कर लेता तो नुकशान नहीं होता और किसान जो है अपनी पेमेंट के लिए भी बार बार हमारे चकर नहीं लगाते कई बार प्रशासनिक अधिकारियो को अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई आज मौषम खराब होने से लाखो का नुकसान झेलना पड़ रहा है
बाइट- किसान
बाइट- आढ़ती चाँद
प्रदीप धनखड़
झज्जर।
Conclusion: बरसात की वजह से जहां खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछ गई है,वहीं अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों किवन्टल बाजरा भी भीग गया है। किसान भीगी बाजरे की फसल व धान की फसल का मुआवजा देने की सरकार से मांग रहे है।
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