झज्जर: अनाज मंडी में एक बार फिर हरियाणा सरकार और झज्जर जिला प्रशासन की पोल खुल गई है. बरसात की वजह से जहां खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछ गई है, वहीं अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा भी भीग गया है.
किसानों ने सरकार से की मुआवजे की मांग
किसान भीगे बाजरे की फसल और धान की फसल का मुआवजा देने की सरकार से मांग रहे हैं. हालात ये हैं कि मंडी में जहां बाजरे की फसल भीग कर खराब हो गई है, वहीं झज्जर अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा बाजरा और खुले में पड़ी फसल पर पशु भी मुंह मार रहे हैं.
बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
बता दें कि गुरुवार को झज्जर क्षेत्र में अचानक बेमौसम बारिश हो गई. हालांकि बरसात रुक-रुक कर आई, लेकिन धीमी बरसात होने के बावजूद भी झज्जर की अनाज मंडी में बाजरे की फसल भीग गई. किसानों और आढ़तियों ने इसके लिए शासन और प्रशासन दोनों को जिम्मेवार ठहराया है.
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'समय रहते उठान होता, तो नहीं होता नुकसान'
किसानों का कहना है कि अगर मंडी में पड़ी बाजरे की फसल का समय रहते उठान हो जाता तो उनकी फसल खराब नहीं होती. किसानों ने सरकार से खराब हुई फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है.
वहीं आढ़ती चांद ने बताया कि अगर प्रशासन जल्द से जल्द उठान कर लेता तो नुकसान नहीं होता और किसान अपनी पेमेंट के लिए भी बार बार हमारे चक्कर नहीं लगाते. उन्होंने बताया कि वो कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को समस्याओं के बारे में बता चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई हैं और यही कारण है कि आज बेमौसम बारिश ने लाखों रुपये का नुकसान कर दिया है.
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