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झज्जर: लाखों का बिजली बिल देख छूटा ग्रामीणों का पसीना, विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल

बिरधाना गांव के ग्रामीण बिजली मीटर की रीडिंग लेने वाले कर्मचारी की कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उनका आरोप है कि बिजली मीटर रीडर मौके पर न जाकर अपने घर में ही बैठकर उनके घरों की बिजली रीडिंग को अपने रिकॉर्ड में भर देता है. ग्रामीणों ने मामले में सही से जांच की मांग की है.

electricity department birdhana
लाखों का बिजली बिल देख छूटा ग्रामीणों का पसीना
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Published : Dec 24, 2019, 9:44 AM IST

झज्जरः ठंड का मौसम होने के बावजूद भी झज्जर के बिरधाना गांव के लोगों के माथे का पसीना नहीं सूख रहा है. ये पसीना छूटा है बिजली विभाग की लापरवाही पर भेजे गए भारी-भरकम बिजली बिल को देखकर.

ग्रामीण बिजली मीटर की रीडिंग लेने वाले कर्मचारी की कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उनका आरोप है कि बिजली मीटर रीडर मौके पर न जाकर अपने घर में ही बैठकर उनके घरों की बिजली रीडिंग को अपने रिकार्ड में भर देता है. ग्रामीणों ने मामले में जांच की मांग की है.

लाखों का बिजली बिल देख छूटा ग्रामीणों का पसीना

हजारों और लाखों का आता है बिजली बिल
ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम ये है कि जो बिजली बिल कुछ रूपयों का आता था, वो अब हजारों और लाखों रूपयों तक पहुंच गया है. आरोप ये भी है कि ग्रामीणों को उनके बिजली बिल घर पर पहुंचाने के बजाए एक जगह पर ही फेंक दिए जाते हैं. जिसकी वजह से उन्हें समय पर बिजली बिल भी नहीं मिल पाता. अपनी इन सभी समस्याओं को लेकर बिरधाना गांव के काफी संख्या में ग्रामीण झज्जर बिजली निगम कार्यालय पहुंचे.

हर बार होती है ऐसी लापरवाही- ग्रामीण
ग्रामीणों ने अपनी समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया. हांलाकि अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनका बिजली बिल ठीक करने का आश्वासन भी दिया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि उनके साथ इस बार नहीं बल्कि हर बार ऐसा होता है. बिजली बिल को ठीक तो कर दिया जाता है लेकिन रिकॉर्ड को दुरूस्त नहीं किया जाता. जिसका परिणाम ये है कि हर बार उन्हें इस प्रकार की समस्या से जूझना पड़ता है.

ये भी पढ़ेंः हजारों की संख्या में विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे रेहड़ी वर्कर्स, सौंपा ज्ञापन

झज्जरः ठंड का मौसम होने के बावजूद भी झज्जर के बिरधाना गांव के लोगों के माथे का पसीना नहीं सूख रहा है. ये पसीना छूटा है बिजली विभाग की लापरवाही पर भेजे गए भारी-भरकम बिजली बिल को देखकर.

ग्रामीण बिजली मीटर की रीडिंग लेने वाले कर्मचारी की कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उनका आरोप है कि बिजली मीटर रीडर मौके पर न जाकर अपने घर में ही बैठकर उनके घरों की बिजली रीडिंग को अपने रिकार्ड में भर देता है. ग्रामीणों ने मामले में जांच की मांग की है.

लाखों का बिजली बिल देख छूटा ग्रामीणों का पसीना

हजारों और लाखों का आता है बिजली बिल
ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम ये है कि जो बिजली बिल कुछ रूपयों का आता था, वो अब हजारों और लाखों रूपयों तक पहुंच गया है. आरोप ये भी है कि ग्रामीणों को उनके बिजली बिल घर पर पहुंचाने के बजाए एक जगह पर ही फेंक दिए जाते हैं. जिसकी वजह से उन्हें समय पर बिजली बिल भी नहीं मिल पाता. अपनी इन सभी समस्याओं को लेकर बिरधाना गांव के काफी संख्या में ग्रामीण झज्जर बिजली निगम कार्यालय पहुंचे.

हर बार होती है ऐसी लापरवाही- ग्रामीण
ग्रामीणों ने अपनी समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया. हांलाकि अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनका बिजली बिल ठीक करने का आश्वासन भी दिया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि उनके साथ इस बार नहीं बल्कि हर बार ऐसा होता है. बिजली बिल को ठीक तो कर दिया जाता है लेकिन रिकॉर्ड को दुरूस्त नहीं किया जाता. जिसका परिणाम ये है कि हर बार उन्हें इस प्रकार की समस्या से जूझना पड़ता है.

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Intro:भारी भरकम बिजली बिल देख छूटा ग्रामीणों का पसीना
: झज्जर बिजली निगम कार्यालय पहुंच कर जताया विरोध
: रीडऱ की कार्यशैली को लेकर उठाएं सवाल
कहा: मौक पर न पहुंच घर बैठकर ही भर जाती है बिजली रिडींगBody:सर्दी के मौसम होने के बावजूद भी झज्जर के गांव बिरधाना के दर्जनों घरों के ग्रामीणों के माथे का पसीना अपने घर का भारी-भरकम बिजली बिल देख कर नहीं सूूख रहा है। ग्रामीण बिजली मीटर की रीडिंग लेने वाले कर्मचारी की कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे है और उन्होंने आरोप लगाया है कि बिजली मीटर रीडऱ मौके पर न जाकर अपने घर में ही बैठकर उनके घरों की बिजली रीडिंग को अपने रिकार्ड में भर देता है। जिसका परिणाम यह है कि जो बिजली बिल कुछ रूपयों का आता था वह अब हजारों और लाखों रूपयों तक पहुंच गया है। आरोप यह भी है कि ग्रामीणों को उनके बिजली बिल घर पर पहुंचाने की बजाय एक जगह पर ही फेंक दिए जाते है। जिसकी वजह से उन्हें समय पर बिजली बिल भी नहीं मिल पाता। अपनी इन सभी समस्याओं को लेकर सोमवार को गांव बिरधाना के काफी संख्या में ग्रामीण जिनमें महिलाएं भी काफी अधिक संख्या में शामिल थी यहां झज्जर बिजली निगम कार्यालय पहुंची और अपनी समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया। हांलाकि अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनका बिजली बिल ठीक करने का आश्वासन भी दिया है। लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि उनके साथ इस बार नहीं बल्कि हर बार ऐसा होता है। बिजली बिल को बिल में ही ठीक किया जाता है जबकि रिकार्ड को दुरूस्त नहीं किया जाता। जिसका परिणाम यह है कि हर बार उन्हें इस प्रकार की समस्या से जूझना पड़ता है।
बाइट- महिला व ग्रामीण
प्रदीप धनखड़
झज्जर।Conclusion:ग्रामीणों का कहना था कि उनके साथ इस बार नहीं बल्कि हर बार ऐसा होता है। बिजली बिल को बिल में ही ठीक किया जाता है जबकि रिकार्ड को दुरूस्त नहीं किया जाता। जिसका परिणाम यह है कि हर बार उन्हें इस प्रकार की समस्या से जूझना पड़ता है।
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