झज्जर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों ने स्वागत किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कश्मीरी पंडितों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाना उनके लिए कश्मीर में वापसी का पहला कदम है. 1990 में कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया था, तब से लेकर अब तक लाखों कश्मीरी पंडित अपने घरों से दूर रह रहे हैं.
अब कश्मीर में भी मिलेगी इज्जत
झज्जर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों का कहना है कि लंबे समय के बाद उनकी मांग पूरी हुई है और उनके लिए कश्मीर वापसी की एक उम्मीद जगी है, उन्होंने बताया कि धारा 370 हटाया जाना कश्मीर में उनकी वापसी की तरफ पहला कदम है. लोगों का कहना है कि अब उन्हें कश्मीर में वैसी ही इज्जत मिलेगी जैसी यहां मिलती है.
माता-पिता ने डर की वजह से कभी नहीं भेजा कश्मीर
अपना घर छोड़कर आए कश्मीरी पंडितों के बच्चों का कहना है कि उनके माता-पिता ने उन्हें कभी डर की वजह से कश्मीर नहीं जाने दिया, पर अब वो वहां जा सकते हैं और स्वर्ग देख सकते हैं.
सरकार को देनी होगी गारंटी
अन्य कश्मीरियों का कहना था कि आज उन्हें मोदी सरकार के फैसले पर गर्व है, लेकिन सरकार से ये उम्मीद भी है कि अगर सरकार चाहती है कि हम वापस अपने घर लौटें तो उन्हें सुरक्षा और रोजगार की गारंटी देनी होगी.