झज्जर: हरियाणा में जल्द ही मानसून आने वाला है. ऐसे में झज्जर जिला प्रशासन ने पहले से ही कमर कस ली है. जिले में कही भी जलभराव की स्थिति ना हो इसके लिए जिला उपायुक्त जितेंद्र कुमार ने अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं.
डीसी जितेंद्र कुमार ने मंगलवार को लघु सचिवालय में बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों की समीक्षा की. वहीं अधिकारियों के साथ बैठक लेकर जरूरी निर्देश दिए. बैठक में चारों उपमंडल के एसडीएम को बाढ़ राहत के लिए पहले से किए गए और आगे किए जाने वाले उपायों के निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए गए.
'प्रभावी क्षेत्रों पर हो विशेष नजर'
डीसी जितेंद्र कुमार ने बैठक में कहा कि जिला में बाढ़ नियंत्रण के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सभी एहतियाती उपाय, जिनमें ड्रेन की सफाई और पानी निकासी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पंप सेट की मरम्मत का काम पूरा किया जाए. उन्होंने जिले के ऐसे क्षेत्र जहां पिछले वर्षों के दौरान जलभराव की समस्या देखी गई थी, उन इलाकों में किए गए कार्यों की जानकारी भी ली.
'ड्रेनों की करवाई जाए सफाई'
डीसी ने बहादुरगढ़ नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बरसाती पानी की निकासी के लिए नप क्षेत्र में सभी ड्रेनों की सफाई का कार्य तुरंत किया जाए और सफाई के कार्य की रिपोर्ट उनके कार्यालय में उपलब्ध कराई जाए. झज्जर शहर में भी नपा से जुड़े सभी कार्य त्वरित पूरे किए जाएं.
डीसी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए ग्राम स्तर पर गठित कमेटी को सक्रिय बनाया जाए. ग्राम स्तरीय कमेटी में पटवारी, ग्राम सचिव, एएनएम, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता होंगे. इसी तरह शहरी स्तर पर भी कमेटी गठित की जाए.
कंट्रोल रूप बनाने का दिया आदेश
जिला उपायुक्त जितेंद्र कुमार ने कहा कि बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया जाए. बाढ़ राहत से जुड़े सभी विभाग नोडल अधिकारी भी नियुक्त करेंगे. साथ ही बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाए. उन्होंने बेरी, बहादुरगढ़, झज्जर, बादली उपमंडल में जलभराव वाले क्षेत्रों में निकासी के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी भी ली.
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