झज्जर: दो साल पहले दिल्ली के मुंडका स्थित एक फैक्ट्री के बाहर से लापता हुआ मासूम अनुज अगर लॉकडाउन नहीं लगता तो शायद ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाता, लेकिन कुदरत को शायद यह मंजूर नहीं था, क्योंकि एक ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली फैमिली ने अनुज को अडॉप्ट करने के लिए प्रोसेस जारी किया हुआ था. लगभग सारा काम कंप्लीट भी हो चुका था, लेकिन लॉकडाउन के कारण अनुज ऑस्ट्रेलिया नहीं जा सका और इस दौरान पुलिस ने अनुज के माता-पिता को खोज निकाला.
दरअसल, कुछ ही दिनों बाद उसका प्राइवेट स्कूल में एडमिशन भी होना था. क्राइम ब्रांच के एसआई राजेश कुमार जोकि चिल्ड्रंस होम का दौरा करते रहते थे. उनको अनुज के बारे में पता चला, अनुज को केवल आस-पास के गांव का पता था, लेकिन राजेश एसआई के प्रयासों ने अनुज के माता-पिता को खोज निकाला.
मुंडका फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं अभिभावक
उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई निवासी बबलू वर्ष 2018 में दिल्ली के मुंडका स्थित एक फैक्ट्री में परिवार सहित काम करते थे. जुलाई 2018 में उनका बेटा 6 वर्षीय अनुज फैक्ट्री के समीप खेल रहा था, काम खत्म करके आकर देखा तो बेटा वहां पर नहीं मिला.
अधिकारियों की मेहनत रंग लाई
गुम होने के बाद 10 जुलाई 2018 को बहादुरगढ़ में फैक्ट्रियों के पास कुछ लोगों को अनुज घूमता हुआ पाया गया. बरामद हुए बच्चे को पुलिस ने सीड्ब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया. बच्चे से पूछताछ की और उमंग चिल्ड्रन होम में भेज दिया गया. बच्चा केवल गांव मुरादपुर और बाजार आलमपुर के बारे में ही बता पाया था, जहां पर उसका ननिहाल पड़ता था. बच्चे से मिली जानकारी के आधार पर सीड्ब्ल्यूसी और स्टेट क्राइम ब्रांच ने वहां पर बच्चे की पहचान करवाने के लिए अभियान चलाया.
दो साल से बिछुड़े बेटे को जब सामने देखा तो सबके चेहरे खिल उठे. माता-पिता व बच्चे के चेहरे पर खुशी अलग ही झलक रही थी. माता-पिता दो साल तक बेटा नहीं मिलने के कारण उम्मीद भी छोड़ चुके थे, लेकिन जब अपने बच्चे को अपनी आंखों के सामने देखा तो खुशी रोक नहीं पाए. परिवार से बच्चे को मिलाने वाली हर कड़ी का शुक्रिया अदा कर रहे थे.
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